राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-186/2020
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या 39/2017 में पारित आदेश दिनांक 22.01.2020 के विरूद्ध)
रामदास पुत्र श्री गोपीचरन, निवासी- ग्राम सरायॉं गढ़ेवा, वर्तमान निवासी- रामनगर टाउन एरिया रूरा, तहसील व परगना अकबरपुर, जिला कानपुर देहात, यू0पी0 ........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. मै0 जैन इरीगेशन सिस्टम्स लि0 जैन प्लास्टिक पार्क पी0ओ0 बाक्स नं0 1072 एन0एच0-6, जलगांव, महाराष्ट्र-425001
2. डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर विकास भवन, माती, जिला कानपुर देहात
...................प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 01.12.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपील पुकारी गयी। अपीलार्थी के अधिवक्ता अनुपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव उपस्थित हैं।
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-39/2017 रामदास बनाम मेसर्स जैन इरीगेशन सिस्टम्स लिमिटेड व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.01.2020 के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद निरस्त किया है।
मेरे द्वारा प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
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संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-2 से सोलर समर्सिबल पम्प 3 एच0पी0 दिनांक 06.07.2015 को कृषि आराजी में लगवाया गया, जिसके लिए 1,17,200/-रू0 अदा किया गया। सोलर पैनल विपक्षी संख्या-1 द्वारा लगाया गया, परन्तु पैनल बांधने वाले 14 बैंड कम लगाये गये, जिसकी शिकायत परिवादी द्वारा दिनांक 18.01.2016 को की गयी। सोलर पम्प के पैनल तेज हवा के कारण दिनांक 24/25.05.2016 की रात में क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी शिकायत परिवादी द्वारा विपक्षीगण से की गयी, परन्तु कोर्इ कार्यवाही नहीं की गयी।
परिवादी का कथन है कि सोलर पम्प व सोलर प्लेटें दिनांक 13/14.08.2016 को अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया, जिसके सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी।
परिवादी का कथन है कि बीमा की जिम्मेदारी विपक्षी संख्या-1 की थी तथा सोलर सिस्टम 5 साल की वारंटी पर था, परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख विपक्षीगण द्वारा प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया तथा परिवाद पत्र का विरोध करते हुए परिवाद निरस्त किये जाने की मांग की।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को निर्णीत करते हुए स्पष्ट रूप से यह तथ्य उल्लिखित किया गया है कि परिवादी द्वारा जो सोलर पम्प व प्लेटें चोरी होने के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है, उसमें केवल 5 सोलर प्लेटें चोरी होने की बात उल्लिखित की गयी है, परन्तु जहॉ तक उपरोक्त सोलर पम्प व प्लेटें बीमित होने का कथन है उक्त सम्बन्ध में परिवादी द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रीमियम अदा किये जाने के सम्बन्ध में तथ्य उल्लिखित नहीं किया गया। विद्वान
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जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह भी तथ्य पाया गया कि अनुबन्ध के अनुसार भी सोलर पम्प व प्लेटों को बीमाकृत नहीं पाया गया, इसलिए चोरी होने के तथ्य को माना भी जाये तब भी उस स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए विपक्षीगण जिम्मेदार/उत्तरदायी नहीं हैं।
मेरे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परीक्षण एवं परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद निरस्त किया जाना सही है, जिसमें किसी प्रकार की त्रुटि न तो पायी गयी तथा न ही उल्लिखित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1