
Pramod Raj Katyal filed a consumer case on 19 Nov 2020 against M/S Jai Engineering in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/6/2019 and the judgment uploaded on 03 Dec 2020.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-06/2019
प्रमोद राज कत्याल(संक्षेप में पी0आर0 कत्याल) निवासी 29ए जवाहर नगर, मुरादाबाद-244001 उ0प्र0 …..........परिवादी
बनाम
1-मैसर्स जय इंजीनियरिंग एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स रामपुर रोड अपो0 नर्वदे पेट्रोल पम्प मुरादाबाद(अधिकृत विक्रेता विडियोकोन)।
2-काव्यांजलि इण्टरप्राइजेज (आथोराइज्ड सर्विस सेंटर विडियोकोन) आर0आर0के0 स्कूल के पास शिव मंदिर के सामने, आशियाना फेस-2, मुरादाबाद-244001
3-विकिडयोकोन इण्डस्ट्रीज कोआपरेटिव आफिस प्लाट नं.-296 उद्योग विहार फेस-2 इण्डस्ट्रीयल एरिया गुड़गांव हरियाणा।
4-विडियोकोन इण्डस्ट्री लि0 ए-39/40 सेक्टर-16 बिहाइंड मेकडोनाल्ड नोएडा। …............विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 18-12-2018 निर्णय तिथि: 19-11-2020
(श्रीमती अलका श्रीवास्तव, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
1-परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध प्रश्नगत खराब एलईडी टीवी के बदले में दूसरा इसी मॉडल का दूसरा टीवी दिलाये जाने अथवा उक्त टीवी की कीमत मय 18 प्रतिशत ब्याज दिलाये जाने और दो लाख रूपये मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं 25000/-रूपये वाद व्यय तथा 3100/-रूपये नोटिस के दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
2-संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी-3 व 4 द्वारा निर्मित एक स्मार्ट एलईडी टीवी 40 इंच का दिनांक 25-12-2015 को अंकन-36,900/-रूपये विपक्षी-1 से क्रय किया था। जिसकी तीन साल की वारंटी दी गई थी। उक्त टीवी कुछ समय तो सही चला परन्तु बाद में उसमें विभिन्न कमिया आ गईं, जैसे टीवी की स्क्रीन में खराबी आ गई, उसमें पिक्चर के कलर फेड आने लगे, पिक्चर गायब होने लगी। इस पर परिवादी ने विपक्षी-1 से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि माल बेचने के बाद हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। विपक्षी-1 के कहने पर नवम्बर, 2017 में परिवादी, विपक्षी-2 सर्विस सेंटर पर गया और इंचार्ज अभिषेक से कई बार उक्त टीवी की शिकायत की, तो उन्होंने बताया कि परिवादी की शिकायत नं.-जीएचएओ901180173 मुख्य कार्यालय गाजियाबाद भेज दी गई है, जब स्क्रीन वहां से आ जायेगी तो टीवी में लगा दी जायेगी। अन्त में विपक्षी-2 ने टीवी ठीक करने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद परिवादी ने हेड आफिस गाजियाबाद में फोन नं.-7065022655 पर श्री चन्द्र शेखर से बात की तो श्री शेखर ने भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और परिवादी की शिकायत निरस्त कर दी तथा बाद में फोन रिसीव नहीं किया। दिनांक 04-5-2018 को एक ओर ई-मेल की गई, जिसका कोई जबाव नहीं आया और परिवादी की टीवी ठीक नहीं की गई, जिससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक हानि हुई। उक्त टीवी में निर्माण संबंधी दोष हैं। परिवादी ने दिनांक 16-11-2018 को पंजीकृत लीगल नोटिस भी विपक्षीगण को दिया लेकिन परिवादी की समस्या का निराकरण नहीं हुआ। अतएव उक्त अनुतोष हेतु यह परिवाद योजित किया गया।
3-परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में चालान, सेल इन्वायस, वारंटी कार्ड, ऑनर्स मैन्युअल, टीवी के संबंध में विपक्षीगण से की गई शिकायतें, विपक्षीगण को भेजा गये नोटिस, अपने आधार कार्ड व अपना शपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
4-विपक्षीगण पर तामील नोटिस पर्याप्त हुई लेकिन विपक्षीगण की ओर से कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। अन्तत: विपक्षी-1 व 2 के विरूद्ध दिनांक 27-5-2019 को तथा दिनांक 24-7-2019 को विपक्षी-3 व 4 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई के आदेश पारित किये गये।
6-हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से परिशीलन किया।
7-परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए मुख्य तर्क दिया है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को विक्रय किये गये उक्त टीवी में निर्माण संबंधी दोष व कमी हैं और अनेक बार शिकायत करने के बावजूद भी विपक्षीगण ने परिवादी के प्रश्नगत एलईडी टीवी को ठीक नहीं किया, जिससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति हुई है। विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है। अतएव परिवादी को प्रश्नगत खराब टीवी के बदले में नया टीवी दिलाया जावे या उसकी कीमत मय ब्याज एवं वांछित क्षतिपूर्ति व वाद व्यय विपक्षीगण से दिलाया जावे।
8-परिवादी ने अपने शपथपत्र कागज सं.-19क में स्पष्ट रूप से कथन किया है परिवदी ने प्रश्नगत टीवी दिनांक 25-12-2015 को अंकन-36,900/-रूपये में विपक्षी-1 से क्रय किया था, जिसकी पुष्टि पत्रावली पर उपलब्ध सेल इनवायस कागज सं.-7ग/2 से होती है। इस टीवी की वारंटी 3 वर्ष थी, जिसका वारंटी कार्ड कागज सं.-7ग/3 परिवादी ने दाखिल किया है। परिवादी ने शपथ पर यह कथन किया है कि टीवी खराब होने पर विक्रेता विपक्षी-1 व सर्विस सेंटर विपक्षी-2 द्वारा उक्त टीवी को ठीक न करने पर परिवादी ने लिखित में भी शिकायत विपक्षी-3 व 4 से की, जिसकी पुष्टि कागज सं.-7ग/5ता6 से होती है। इसके बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा टीवी ठीक नहीं किया गया, तब परेशान होकर परिवादी ने विपक्षीगण को एक पंजीकृत विधिक नोटिस कागज सं.-7ग/8ता9 अधिवक्ता के माध्यम से प्रेषित किया और प्रश्नगत खराब टीवी के बदले में नया टीवी दिये जाने तथा क्षतिपूर्ति व खर्चा नोटिस दिये जाने की मांग की गई लेकिन विपक्षीगण ने न तो इस नोटिस का कोई जवाब दिया और न ही परिवादी का टीवी ठीक किया गया। विपक्षीगण का यह कार्य अनुचित व्यापार प्रथा के अन्तर्गत आता है। परिवादी ने अपने शपथपत्रीय साक्ष्य से भी उक्त संपूर्ण दस्तावेजी साक्ष्य को समर्थित किया है और परिवादी का साक्ष्य अखण्डनीय है, जिसका कोई खण्डन विपक्षीगण की ओर से नहीं किया गया है और परिवादी के साक्ष्य पर अविश्वास किये जाने का कोई कारण नहीं है।
9-वस्तुत: उपरोक्त विवेचन, समस्त तथ्यों व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि परिवादी का प्रश्नगत टीवी ठीक न करके विपक्षीगण ने अनुचित व्यापार पद्यति का परिचय दिया है और विपक्षीगण ने सेवा में कमी व लापरवाही की है और पत्रावली पर परिवादी द्वारा दाखिल किये गये साक्ष्य के आधार पर विपक्षीगण संयुक्त रूप से उक्त टीवी को नि:शुल्क सही करने के लिए उत्तरदायी हैं अन्यथा उपरोक्त टीवी के बदले में इसकी कुल कीमत की 75 प्रतिशत राशि मय 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज वाद दायरा तिथि ता अदायगी तथा 10 हजार रूपये मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं 2500/-रूपये वाद व्यय परिवादी को अदा करने के लिए विपक्षीगण संयुक्त अथवा पृथक-पृथक रूप से जिम्मेदार होंगे। विपक्षी-1 प्रश्नगत टी.वी. का विक्रेता एवं विपक्षीगण 3 व 4 टी.वी. निर्माता कंपनी का अधिकृत डीलर है, इसलिए आदेश का अनुपालन कराने के लिए विपक्षी-1 उत्तरदायी होगा। तद्नुसार परिवाद एकपक्षीय रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद एकपक्षीय रूप से विरूद्ध विपक्षीगण संयुक्त अथवा पृथक-पृथक स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि विपक्षीगण इस आदेश से एक माह के अंदर प्रश्नगत एलईडी टी.वी. को सही व सुचारू करके परिवादी को उपलब्ध करायें अन्यथा परिवादी को इस टी.वी. के बदले में इसकी कीमत की 75 प्रतिशत धनराशि मय 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज वाद दायरा तिथि ता अदायगी परिवादी को अदा करें। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण अंकन-10,000/-रूपये क्षतिपूर्ति एवं अंकन-2500/-रूपये वाद व्यय परिवादी को अदा करें। विपक्षी-1 टी.वी. का विक्रेता इस आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में कराया जाना सुनिश्चित करेगा।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
आज यह निर्णय हमारे द्वारा हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
दिनांक: 19-11-2020
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