राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :2585 /2016
सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, अमरोहा, द्वारा परिवाद संख्या-51/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-09-2016 के विरूद्ध)
National Insurance Company Limited, having its registered office at 3, Middleton Street, Kolkata, through its regional office at Lucknow, Jeevan Bhawan Phase Iind, Nawal Kishore Road, Lucknow.
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
1- M/s Asna Testile Traders, Through its Proprietor Jabir Hussain, Son of Sri Haji Bholu, Mohalla-Padhanowala Zoya, District-Amroha.
प्रत्यर्थी/परिवादी
2- Prathma Bank, Through its Branch Manager, Raipur Khurd Vikas Bhawan Joya Road, Amroha.
प्रत्यर्थी/विपक्षी-04
समक्ष :-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री एस0 पी0 सिंह।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री आलोक सिन्हा।
अपील संख्या :2750 /2016
M/s Asna Textiles Traders, Through its Proprietor Shri Jabir Hussain S/o Shri Haji Bholu, Mohalla-Padhano Wala, Joya, District-Amroha.
अपीलार्थी/परिवादी
2
बनाम्
- National Insurance Co. Ltd., Alipur Chaupla National Highway, Gajraula, District-Amroha. Through its Branch Manager.
- National Insurance Co., Ltd., 8 Dothiwal Nagar Budh Bazar, Moradabad, Through its Divisional Manager.
- National Insurance Co. Ltd., Regional Office-Rajpur Road, Dehradoon (Uttrakhand)
4- Prathma Bank, Raipur Khurd, Vikas Bhawan Joya Road, Amroha, Through its Branch Manager.
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री आलोक सिन्हा ।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री एस0 पी0 सिंह ।
- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
- मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
दिनांक : 01-06-2018
मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-51/2013 मै0 असना टेक्सटाईल ट्रेडर्स बनाम् नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 व तीन अन्य में जिला उपभोक्ता फोरम, अमरोहा द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-09-2016 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
एक अन्य अपील संख्या-2750/2016 M/s Asna Textiles Traders बनाम् National Insurance Co. Ltd., And others. भी उपरोक्त उल्लिखित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-09-2016 के विरूद्ध योजित की गयी है। अत: उक्त दोनों
3
अपील एक ही आक्षेपित निर्णय दिनांक 09-09-2016 के विरूद्ध दाखिल की गई है। अत: उक्त दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। अपील संख्या-2585/2016 मुख्य अपील होगी।
संक्षेप में विवाद के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्यर्थी असना टैक्सटाईल ट्रेडर्स जोया का प्रोपराइटर है एवं उसकी फर्म काटन वेस्ट का कार्य करती है। परिवादी ने करोबार चलाने हेतु परिवाद पत्र के विपक्षी संख्या-4 प्रथमा बैंक से ऋण लिया।परिवादी ने अपनी फर्म असना टैक्सटाईल ट्रेडर्स का बीमा विपक्षीगण की गजरौला शाखा से कराया जो दिनांक 16-04-2011 को 15-04-2012 तक की अवधि के लिए वैघ था बीमा पालिसी के अनुसार आग व अन्य कारणों से परिवादी को हुई क्षति की प्रतिपूर्ति के लिए विपक्षीगण का दायित्व है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का उक्त बीमा पालिसी के अन्तर्गत निम्नानुसार बीमा रिस्क आच्छादित है।
I | जोया स्थित फैक्ट्री में स्थापित मशीनरी | रू0 2,00,000/- |
Ii | जोया स्थित फैक्ट्री में रखा कच्चा माल (जैसे पुराने कपड़े) काटन, काटर वेस्ट, तैयार काटन | रू0 16,00,000/- |
iii | अमरोहा के मोहल्ला कल्याणपुर में रखा स्टाक | रू0 2,00,000/- |
| कुल बीमित धनराशि = | रू0 20,00,000/- |
विपक्षी संख्या-1 द्वारा पालिसी संख्या-460806/11/11/310000019 जारी की गयी थी। परिवादी का कथन है कि दिनांक 05-09-2011 को रात्रि लगभग 9.50 बजे अचानक विद्युत शार्ट सर्किट के कारण परिवादी के उक्त प्रतिष्ठान में आग लग गयी और आग लगने के कारण कारखाने में रखा हुआ तैयार माल एवं कच्चा माल तथा एक मशीन जलकर राख हो गये। जिससे परिवादी को रू0 16,50,000/- की क्षति हुई। परिवादी द्वारा अविलम्ब फायर ब्रिगेड अमरोहा को सूचित किया गया और रात्रि लगभग 10.15 बजे परिवादी के प्रतिष्ठान पर आग बुझाने की गाड़ी मौके पर आ गयी और काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया जा सका परन्तु तब तक गोदाम में रखा हुआ तैयार व कच्चा माल व एक मशीन जल कर राख हो गयी थी। परिवादी ने उक्त घटना की सूचना दिनांक 06-09-2011 को पुलिस चौकी जोया तथा विपक्षी संख्या-1 के कार्यालय को दी। उनसे अनुरोध किया कि वह घटना स्थल का सर्वे कराये तथा दुर्घटना में हुए नुकसान की
4
प्रतिपूर्ति कराये। दिनांक 08-09-2011 को विपक्षीगण द्वारा भेजे गये सर्वेयर श्री एस0 के0 अग्रवाल मौके पर आये और घटना स्थल का निरीक्षण किया। दिनांक 09-09-2011 को पुन: श्री एस0के0 अग्रवाल परिवादी के पास आये और परिवादी से प्रपत्रों की मांग की जिस पर परिवादी से समस्त प्रपत्र उन्हें उपलब्ध करा दिये। किन्तु विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का दावा खारिज कर दिया गया। इससे क्षुब्ध होकर परिवादी/प्रत्यर्थी ने जिला फोरम, अमरोहा के समक्ष परिवाद 2585/2016 प्रस्तुत किया।
परिवाद पत्र में उपरोक्त उल्लिखित तथ्यों का उल्लेख करते हुए निम्नलिखित अनुतोष की प्रार्थना की गयी :-
- विपक्षीगण संख्या-1 ता 3 को आदेशित किया जाए कि वह आग लगने के कारण फैक्ट्री में हुए नुकसान के एवज में रू0 13,81,037/- मय 12 प्रतिशत ब्याज सहित दिनांक 05-09-2011 से वास्तविक भुगतान तक दें।
- विपक्षीगण संख्या-1 ता 3 को आदेशित किया जाये कि वह परिवादी को अत्यधिक मानसिक पीड़ा, आर्थिक हानि व शारीरिक कष्ट हेतु रू0 1,00,000/- अदा करे।
- विपक्षी संख्या-1 ता 3 को आदेशित किया जाये कि वह वाद व्यय के रूप में रू0 30,000/- परिवादी को दे।
- अन्य कोई अनुतोष जो परिवादी के पक्ष में हो वह उसे विपक्षीगण से दिलाया जाए।
विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ताओं को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद निम्नलिखित आदेश पारित किया गया :-
-
उपरोक्त आदेश से क्षुब्ध होकर उपरोक्त उल्लिखित अपीलें दायर की गयी है।
दोनों अपीले सुनवाई हेतु इस पीठ के समक्ष एक साथ प्रस्तुत की गयी है।
अपील संख्या-2585/2016 में अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 पी0 सिंह उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा उपस्थित हुए।
अपील में आधार लिया गया है कि विद्धान जिला फोरम ने तथ्यों की विवेचना ठीक प्रकार से नहीं की है। विद्धान जिला फोरम ने पक्षकारों के मध्य बीमा पालिसी की शर्तों पर भी कोई ध्यान नहीं दिया है। विद्धान जिला फोरम ने इस प्रकरण से संबंधित अपील संख्या-975/2014 में आयोग द्वारा पूर्व में पारित आदेश दिनांक 27-06-2016 के क्रम में ही प्रश्नगत आदेश पारित कर दिया है। विद्धान जिला फोरम को सर्वेयर द्वारा निकाले गये निष्कर्ष पर भी ध्यान देना चाहिए था क्योंकि प्रश्नगत प्रकरण में दुर्घटनावश आग नहीं लगी थी बल्कि आग का कारण संदिग्ध था अथवा वह फर्जी थी। विद्धान जिला फोरम ने सर्वेयर द्वारा एकत्र किये गये साक्ष्यों की भी अनदेखी करके त्रुटि की है। अपील में अभिकथित आधारों पर बल देते हुए अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता ने अपील स्वीकार करने तथा प्रश्नगत आदेश को खण्डित करने की प्रार्थना की है।
अपील संख्या-2750/2016 में अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 पी0 सिंह उपस्थित।
अपील में आधार लिया गया है कि विद्धान जिला फोरम ने आंशिक रूप से परिवाद को स्वीकार करके त्रुटि की है क्योंकि जिला फोरम ने सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति की धनराशि मात्र रू0 4,04,970/- ही अनुतोष के रूप में अनुमन्य की है जबकि परिवादी द्वारा घटना की सम्पूर्ण साक्ष्यों से अपने दावे की पुष्टि कर दी थी। इसके अतिरिक्त विद्धान जिला फोरम ने मात्र 09 प्रतिशत वार्षिककी दर से ब्याज देकर त्रुटि की है जबकि 12 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुमन्य किया जाना चाहिए था। अपील में आधार लिया गया है कि सर्वेयर का यह कथन स्वीकार करने योग्य नहीं है कि आग बनावटी थी अथवा आग लगने की कोई घटना नहीं घटित हुई जबकि फायर बिग्रेड की रिपोर्ट में तथा अखबार में प्रकाशित खबर से पूर्णतया यह स्पष्ट है कि घटना स्थल पर वास्तव में आग की दुर्घटना घटी थी। अपीलार्थी ने अपील में प्रश्नगत आदेश को संशोधित करते हुए परिवाद में मांगे गये अनुतोष की धनराशि अनुमन्य करने की प्रार्थना की है।
6
पत्रावली के परिशीलन से यह स्पष्ट है कि पत्रावली पर परिवादी द्वारा विद्धान जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों से घटना की पुष्टि हुई है और ऐसा कोई साक्ष्य अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है जिससे यह सिद्ध होता हो कि घटना स्थल पर आग लगने की कोई घटना घटित न हुई हो अथवा आग की घटना फर्जी हो। इस संबंध में जिला फोरम ने विस्तार से विवेचना करते हुए यह अवधारितकिया है कि शार्ट सर्किट से आग लगने की घटना घटित हुई थी। जहॉं तक आग लगने के कारण, परिवादी को हुई क्षति की प्रतिपूर्ति करने का प्रश्नगत है इस संबंध में सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में रू0 4,04,970/- की क्षति का आंकलन किया गया है और परिवादी रू0 16,50,000/- की क्षति का कोई पुष्ट साक्ष्य जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका है। फायर बिग्रेड ने अपनी रिपोर्ट में रू0 14,50,000/- की क्षति का अनुमान लगाया है किन्तु उसका भी कोई विस्तृत विवरण अथवा आधार रिपोर्ट में नहीं दिया है। इस प्रकार क्षतिग्रस्त मशीनों की कीमत का भी कोई विवरण नहीं दिया है। अत: परिवादी का रू0 16,50,000/- का दावा स्वीकार करने योग्य नहीं है जिसे अस्वीकार करके जिला फोरम ने कोई त्रुटि नहीं की है।
विद्धान जिला फोरम द्वारा पारित आदेश सम्यक विचारोपरान्त और उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत समस्त साक्ष्यों पर विस्तार से विवेचना करने के उपरान्त विधि के अनुसार पारित किया गया है और जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। तद्नुसार उक्त दोनों अपीलें निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
उक्त दोनों अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय/आदेश की प्रति दोनों पत्रावलियों पर रखी जाए तथा संबंधित पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(उदय शंकर अवस्थी) (महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0