राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1424/2016
जे0एच0वी0 डिस्टिलरी एण्ड सुगर मिल्स लि0 व 7 अन्य।
.....अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
मै0 आशीष ट्रेडर्स, प्लाट नं0 3 अमृतपुरम बाईपास रोड दिल्ली
सुजानपुर पोस्ट, किदवई नगर जिला कानपुर द्वारा प्रोपेराइटर
रामेश्वर प्रसाद मद्धेसिया .......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अम्बरीश कौशल, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री एस0बी0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 17.10.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 200/2008 मै0 आशीष ट्रेडर्स बनाम जे0एच0वी0 डिस्टिलरी एवं सुगर मिल्स व अन्य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 03.02.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा कोटेशन के आधार पर ओल्ड स्टीम इंजन(टरबाईन) कम्पलीट सेट के स्क्रेप के अवशेष अंश को उठाने की अनुमति थी और अंकन रू. 1350000/- की धनराशि जमा कराई गई थी। कुल कीमत 25 लाख रूपये बताई गई थी। रू. 1350000/- समायोजन करते हुए 11 लाख रूपये वापस की मांग की गई। इस परिवाद के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि परिवादी स्क्रेप के क्रय विक्रय का कार्य करती है। परिवादी की एक फर्म है जो सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत है और इस फर्म का कार्य पुरानी गाडि़यां, पेपर स्क्रैप,
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टेक्सटाइल वेस्ट आदि को क्रय विक्रय का कार्य करना है, इसलिए यह निश्चित रूप से एक व्यापारिक संव्यवहार है। यदि परिवादी की कोई राशि विपक्षी पर बकाया है, जो सिविल सूट दायर कर इस राशि की वसूली की जा सकती है। यह कदाचित उपभोक्ता विवाद नहीं है, अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय अपास्त होने योग्य है। तदनुसार अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
2. अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है। परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।
अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2