Uttar Pradesh

StateCommission

A/1999/537

UP Avas Vikas Parisad - Complainant(s)

Versus

Mohan Lal - Opp.Party(s)

S C Dhasmana

24 Aug 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1999/537
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. UP Avas Vikas Parisad
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohan Lal
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 Aug 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-537/1999

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-153/1996 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.12.1998 के विरूद्ध)

 

1. यू0पी0 आवास एवम विकास परिषद, द्वारा आवास आयुक्‍त, 104 महात्‍मा गांधी मार्ग, लखनऊ।

2. इस्‍टेट मैनेजमेंट आफिसर, यू0पी0 आवास एवम विकास परिषद (रजिस्‍ट्रेशन अनुभाग) 104, महात्‍मा गांधी मार्ग, लखनऊ।

3. डिप्‍टी कमिश्‍नर, यू0पी0 आवास एवम विकास परिषद, आगरा जोन, आगरा, आफिस काम्‍प्‍लेक्‍स कमला नगर, आगरा।

4. इस्‍टेट मैनेजमेंट आफिसर, यू0पी0 आवास एवम विकास परिषद, सेक्‍टर 4, सिकन्‍दरा योजना, आगरा।

      अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम्~

श्री मोहन लाल अग्रवाल पुत्र स्‍व0 श्री लाला भरोसे लाल, निवासी 30/80, चिट्ठी खाना, नमक मण्‍डी, आगरा।

   प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलकर्तागण की ओर से उपस्थित  : श्री एन0एन0 पाण्‍डेय, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 24.08.2016

माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-153/1996 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.12.1998 के विरूद्ध योजित की गयी है।

अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एन0एन0 पाण्‍डेय तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया उपस्थित हैं, अत: विद्वान अधिवक्‍तागण को विस्‍तार से सुना गया एवं अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

 

-2-

अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपने तर्क में कहा कि इस केस में परिवादी के नाम रजिस्‍ट्री हो चुकी है और अब कोई विवाद शेष नहीं रह गया है। अपीलकर्तागण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा आदेश पत्र पर नाट प्रेस भी अंकित किया गया है, अत: प्रस्‍तुत अपील निष्‍क्रीय हो गयी है, तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

अपील निरस्‍त की जाती है। 

 

 

              (राम चरन चौधरी)                      (संजय कुमार)

                पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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