राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
पुनरीक्षण सं0-०१/२००५
(जिला मंच, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-२३८/२००४ में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक १०-११-२००४ के विरूद्ध)
१. जनरल मैनेजर, टाटा मोटर्स लिमिटेड, बॉम्बे हाउस, २४, होमी मोदी स्ट्रीट, मुम्बई-०१.
२. डायरेक्टर/जनरल मैनेजर, टाटा कस्टुमर सपोर्ट पैसेन्जर कार बिजनेस यूनिट, २५वॉं तल, वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर, कुफी परेड, मुम्बई।
................... पुनरीक्षणकर्तागण/क्रमश: विपक्षी सं0-१ व २.
बनाम
१. मिथलेश प्रताप सिंह, निवासी मोहल्ला गूलरघाट, मोहल्ला दिलाजाक, जौनपुर।
.................... प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. ब्रिजलेक्स मोटर्स प्रा0लि0, डी-५८/१९ सिंगरा, वाराणसी-१०.
................... प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-३.
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित :- श्री राजेश चड्ढा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : ०३-०१-२०२०.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण, जिला मंच, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-२३८/२००४ में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक १०-११-२००४ के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत आदेश द्वारा जिला मंच ने पुनरीक्षणकर्ता की यह आपत्ति अस्वीकार कर दी कि प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच, जौनपुर को प्राप्त नहीं है क्योंकि जिला मंच जौनपुर में कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ।
हमने पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से तर्क प्रस्तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत प्रकरण में यह तथ्य निर्विवाद है कि प्रत्यर्थी/परिवादी श्री मिथलेश प्रताप सिंह ने प्रश्नगत टाटा कार पुनरीक्षणकर्ता के वाराणसी स्थित डीलर प्रत्यर्थी सं0-२ से क्रय की
-२-
तथा डिलीवरी वाराणसी में प्राप्त की। परिवाद उक्त कार त्रुटिपूर्ण होना अभिकथित करते हुए जिला मंच, जौनपुर में योजित किया गया। पुनरीक्षणकर्ता के कथनानुसार जनपद जौनपुर में उनका कोई शाखा कार्यालय नहीं है और न ही प्रत्यर्थी सं0-२ का कोई कार्यालय जनपद जौनपुर में स्थित है, अत: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-११ के अन्तर्गत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच, जौनपुर को प्राप्त नहीं था किन्तु जिला मंच जौनपुर ने पुनरीक्षणकर्ता द्वारा प्रस्तुत की गई आपत्ति को प्रश्नगत आदेश द्वारा अस्वीकार करने त्रुटि की है। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क में बल है।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी का यह कथन नहीं है कि पुनरीक्षणकर्ता अथवा प्रत्यर्थी सं0-२ डीलर का कोई शाखा कार्यालय जनपद जौनपुर में स्थित है। निर्विवाद रूप से प्रश्नगत वाहन वाहन जनपद वाराणसी में क्रय किया गया तथा इसकी डिलीवरी भी जनपद वाराणसी में प्राप्त की गई। ऐसी स्थिति में जनपद जौनपुर में कोई वाद कारण उत्पन्न न होने के कारण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-११ के अनुसार जिला मंच, जौनपुर को प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था। इस प्रकार जिला मंच द्वारा पुनरीक्षणकर्तागण की आपत्ति अस्वीकार करके विधिक त्रुटि की गई है। पुनरीक्षण स्वीकार किए जाने योग्य है। जिला मंच का प्रश्नगत आदेश अपास्त किए जाने योग्य है।
आदेश
पुनरीक्षण स्वीकार की जाती है। जिला मंच, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-२३८/२००४ में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक १०-११-२००४ अपास्त किया जाता है।
इस पुनरीक्षण का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्द्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.