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Radha Krishna filed a consumer case on 06 Jul 2023 against Managing Director, Southern Electricity Distribution Corporation, Agra in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/90/2021 and the judgment uploaded on 07 Jul 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 90/2021
परिवाद दाखिला तिथि :- 22.12.2021
निर्णय दिनांक:- 06.07.2023
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
राधा कृष्ण पुत्र स्व0 रामगोपाल निवासी-दरियापुर निटर्रा विकास खण्ड-संदलपुर, तहसील-सिकंदरा जिला कानपुर देहात । ...........................परिवादी
बनाम
1- प्रबन्ध निदेशक दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम जनपद-आगरा ।
2- अधिशाषी अभियन्ता, दक्षिणंचल विधुत वितरण निगम, विधुत वितरण पुखरायां नवीपुर
ग्रोथ सेंटर कानपुर देहात ।
....................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी राधा कृष्ण की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि विपक्षी द्वारा प्रेषित विच्छेदन पत्र दिनांकित 27.06.2021 में उल्लिखित अवशेष बिजली बिल रु0 248480.00/- को त्रुटिपूर्ण होने के कारण ख़ारिज किये जाने, सितम्बर 2017 से विच्छेदन तिथि तक का बकाया बिल की न्यूनतम धनराशि सरचार्ज पेनाल्टी माफ करते हुये संशोधित बिल प्रदान किये जाने, परिवादी का कटा हुआ कनेक्शन जोड़े जाने एवं मीटर लगाये जाने तथा कनेक्शन काटने के कारण परिवादी को हुयी मानसिक व आर्थिक क्षति के कारण 1,00,000/- (एक लाख) रुपया बतौर हर्जा मय वाद व्यय विपक्षी से दिलाये जाने हेतु दिनांक 22.12.2021 को योजित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने खण्ड विकास अधिकारी संदलपुर के जरिये लघु सिंचाई विभाग से वर्ष 2011-12 में अपनी कृषि भूमि खसरा नंबर-166 में बोरिंग करायी थी जो असफल रही । परिवादी ने 7.5 एच0पी0 का विधुत कनेक्शन विपक्षी से कराया था, लेकिन मोटर डालने पर बोरिंग फेल निकली इसके पश्चात दोबारा बोरिंग करायी गयी जो फेल निकली, इसकी सूचना विपक्षी को दी गयी तथा इसकी शिकायत दिनांक 03.07.2018 को भी समाधान दिवस में की गयी थी । परिवादी की बोरिंग 2 बार फेल हो जाने के कारण तीसरी बार सितम्बर 2017 को करायी गयी तथा विपक्षी ने परिवादी को 15 हॉर्स पावर का विधुत कनेक्शन संख्या- PK59141556534 आवंटित किया तथा खाता संख्या-781716499670 आवंटित किया । परिवादी ने अगस्त-2017 तक कोई विधुत उपयोग नहीं किया । कुछ अंतराल के पश्चात विपक्षी के कार्यालय में बकाया बिल की जानकारी की किन्तु यही आश्वासन मिला कि बिल सीधे भेज दिया जायेगा । विपक्षी के उपकेंद्र संदलपुर कार्यालय से दिनांक 19.03.2019 को परिवादी का विधुत कनेक्शन काट दिया गया तथा जंफर भी खोल ले गये । पत्र संख्या-49/2438 दिनांक 19.03.2019 को अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र द्वारा परिवादी को अवगत कराया कि उनके ऊपर 2,85,859/- रुपया बकाया है । परिवादी ने विपक्षी के कार्यालय में भिन्न-भिन्न तिथियों में कुल धनराशि 63,353/- रुपया की अदायगी कर दी । परिवादी द्वारा 63,353/- रुपया की अदायगी करने के पश्चात विपक्षी द्वारा कनेक्शन चालू कर दिया गया । दिनांक 27.06.2021 को परिवादी का विधुत कनेक्शन पुनः काट दिया गया जो गैर कानूनी है । उनके द्वारा रु0 2,48,480/- की बकाया धनराशि की जानकारी दी गयी, यह धनराशि उपयोग की गयी बिजली से अधिक है, इसका सही परीक्षण किया जाना आवश्यक है । परिवादी ने विपक्षी के कार्यालय में जरिये प्रार्थना पत्र अवगत कराया था कि वर्ष 2011-12 से बकाया बिल की धनराशि की वसूली की जा रही है जो विपक्षी द्वारा भेजे गये विधुत बिल धनराशि में शामिल है जबकि 2011-12 से अगस्त 2017 तक कोई भी बिजली का उपयोग नहीं किया गया किन्तु विपक्षी संख्या-2 से बार-बार अनुरोध किये जाने के उपरांत बकाया धनराशि का संशोधन नहीं किया गया । विपक्षी द्वारा परिवादी का विधुत कनेक्शन दिनांक 19.03.2019 का काटा जाना संबन्धित कार्य गैर कानूनी है तथा उसके इस कार्य से परिवादी की खेती में सिंचाई आदि नहीं हो पा रही है जिससे काफी नुकसान हो रहा है । परिवादी को विपक्षी द्वारा रुपया दो लाख पचासी हज़ार आठ सौ उनसठ की अवशेष बकाया धनराशि अवगत करायी गयी है जिसे ख़ारिज किया जाये । परिवादी ने विपक्षीगण को दिनांक 07.08.2021 को वास्तविक जानकारी कराते हुये नोटिस दी गयी तथा अनुरोध किया गया कि परिवादी कटा हुआ बिजली का कनेक्शन जोड़ा जाये तथा सही बिल भेजा जाये किन्तु विपक्षी द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक दिनांक 11.03.2022 को नोटिस जारी किये गये । विपक्षीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बाद उनकी ओर से उनके अधिवक्ता उपस्थित आये लेकिन कई अवसर दिये जाने के बावजूद उनकी ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी, तत्पश्चात दिनांक 08.02.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र/ धारा-3 क्रमांक-1597 मु0 2,48,480/- रु0 दिनांकित 27.06.2021 की छायाप्रति, अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र क्रमांक-2438 मु0 2,85,859/- रु0 दिनांकित 19.03.2019 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 1,000/- रु0 दिनांकित 24.02.2021 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 9,000/- रु0 दिनांकित 24.02.2021 की छायाप्रति, भुगतान पावती मु0 52,353/- रु0 दिनांकित 24.03.2021 की छायाप्रति, अधिवक्ता श्री सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा द्वारा विपक्षी को प्रेषित नोटिस की छायाप्रति, समाधान दिवस पर परिवादी द्वारा तहसील सिकंदरा में दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, सहायक अभियंता (ल0सि0) कानपुर देहात द्वारा उपजिलाधिकारी सिकन्दरा कानपुर देहात को प्रेषित पत्र दिननित 22.12.2015 की छायाप्रति, असफल बोरिग प्रमाण पत्र की छायाप्रति, सम्पूर्ण समाधान दिवस व तहसील दिवस की पावती की छायाप्रति, परिवादी द्वारा लघु सिंचाई अभियन्ता कानपुर देहात को प्रेषित पत्र की छायाप्रति, परिवादी द्वारा सहायक अभियन्ता विधुत विभाग सिकन्दरा कानपुर देहात को प्रेषित पत्र दिनांकित 14.03.2019 की छायाप्रति, बोरिंग प्रमाण पत्र दिनांकित 13.10.2016 की छायाप्रति व एक अदद विधुत बिल की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी राधा कृष्ण द्वारा साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 27.03.2023 पत्रावली पर दाखिल किया गया ।
परिवादी की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दिनांक 26.04.2023 को पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
इसके अतिरिक्त परिवादी की और से साक्ष्य में अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र क्रमांक-2469 मु0 2,85,857/- रु0 दिनांकित 11.02.2021 की मूल प्रति, अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र/ धारा-3 क्रमांक-1597 मु0 2,48,480/- रु0 दिनांकित 27.06.2021 की मूल प्रति, एक मुश्त समाधान योजना सम्बन्धी प्रपत्र, अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र क्रमांक-2438 मु0 2,85,859/- रु0 दिनांकित 19.03.2019 की छायाप्रति व राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली द्वारा पारित विधि व्यवस्था सम्बन्धी प्रपत्र पत्रावली में दाखिल किया ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल प्रपत्रों का अवलोकन किया ।
पत्रावली के परिशीलन से विदित हुआ कि दिनांक 01.06.2022 को विपक्षी के अधिवक्ता न्यायालय के समक्ष उपस्थित आये किन्तु उनकी ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । पुनः दिनांक 20.07.2022 व 16.08.2022 को भी विपक्षी की ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । इस प्रकार विपक्षी पर तामीला होने के बावजूद और विपक्षी को मामले की बखूबी जानकारी होने के बाद भी तथा न्यायालय द्वारा कई अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित न आने व जवाबदेही दाखिल न किये जाने के कारण दिनांक 08.02.2023 को पत्रावली विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय साक्ष्य व सुनवाई हेतु अग्रसारित की गयी ।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की ओर से दिनांक 27.03.2023 को साक्ष्य शपथपत्र 6 पृष्ठों में दाखिल किया गया तथा इसके पश्चात दिनांक 26.04.2023 को परिवादी द्वारा लिखित बहस दाखिल की गयी एवं परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा मौखिक बहस की गयी ।
परिवादी का केस यह है कि उसने लघु सिंचाई विभाग से वर्ष 2011-12 में अपनी कृषि भूमि खसरा नंबर-166 में बोरिंग करायी थी जो असफल रही । उसने 7.5 एच0पी0 का विधुत कनेक्शन विपक्षी से कराया था, लेकिन मोटर डालने पर बोरिंग फेल निकली । इसके पश्चात दोबारा बोरिंग करायी गयी जो फेल निकली, इसकी सूचना विपक्षी को दी तथा इसकी शिकायत दिनांक 03.07.2018 को समाधान दिवस में की गयी । तीसरी बार सितम्बर 2017 में बोरिग करायी तथा विपक्षी विधुत विभाग ने परिवादी को 15 हॉर्स पावर का विधुत कनेक्शन आवंटित किया, जिसका उल्लेख परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-3 में किया है । परिवाद पत्र की धारा-4 में यह अभिकथन किया है कि अगस्त-2017 तक परिवादी ने कोई विधुत उपयोग नहीं किया है किन्तु विपक्षी के संदलपुर केन्द्र से दिनांक 19.03.2019 को परिवादी का विधुत कनेक्शन काट दिया गया और परिवादी को अवगत कराया गया कि उसके ऊपर 2,85,859/- रुपया बकाया है । परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-6 में तीन अलग-अलग रसीदों पर जमा की गयी धनराशि का उल्लेख किया है जिसमें कुल जमा धनराशि 63,353/- रुपया जमा किया गया है । उक्त धनराशि की अदायगी के पश्चात विपक्षी द्वारा कनेक्शन चालू कर दिया गया । दिनांक 27.06.2021 को परिवादी का विधुत कनेक्शन 2,48,480/- रुपया बकाया बताकर पुनः काट दिया गया जबकि वर्ष 2011-12 से अगस्त 2017 तक परिवादी द्वारा बिजली का कोई उपयोग नहीं किया गया है । इस कारण परिवादी को दिनांक 27.06.2021 को प्रेषित विधुत बिल 2,48,480/- रुपये को अपास्त करते हुये, सितम्बर 2017 से विच्छेदन तिथि तक का बकाया बिल की न्यूनतम धनराशि (सरचार्ज पेनाल्टी माफ करते हुये) का संशोधित बिल प्रदान किया जाये ।
परिवादी ने सूंची पत्र के साथ अस्थायी विधुत विच्छेदन पत्र व जमा विधुत बिल की तीन रसीदों की प्रतियाँ दाखिल की हैं । परिवादी ने स्वयं परिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया है । विपक्षी की ओर से जानकारी होने के बावजूद कोई प्रतिशपथपत्र तथा लिखित आपत्ति दाखिल नहीं की गयी है ।
परिवादी के अधिवक्ता ने मान0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नई दिल्ली द्वारा पुनरीक्षण याचिका संख्या 3746/2012 में पारित निर्णय दिनांकित 19.07.2019 दाखिल किया है जिसमें यह अवधारित किया गया है कि विधुत विभाग के द्वारा विधुत मीटर की रीडिंग के अनुसार बिल न भेजकर मनमानी तरीके से अधिक यूनिट का बिल बनाकर दिया गया, जिसे सही करने के लिये कई बार कहा परंतु विधुत विभाग ने उसे ठीक नहीं किया । जिस कारण परिवादी ने सेवा में कमी के आधार पर परिवाद प्रस्तुत किया । राज्य आयोग ने परिवाद को सुनने का अधिकार जिला फोरम को प्राप्त होना उचित मानते हुये अपील निरस्त कर दी और दिलाये गये प्रतिकर की राशि को संशोधित किया । जिला फोरम द्वारा पारित आदेश उचित ठहराते हुये हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है ।
अतएव परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र व दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी का परिवाद प्रतिवादीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी अधिशाषी अभियन्ता विधुत विभाग पुखरायां द्वारा विच्छेदन पत्र दिनांक 27.06.2021 में अंकित अवशेष बिजली बिल 2,48,480/- रुपया त्रुटिपूर्ण होने के कारण अपास्त किया जाता है । विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे सितम्बर 2017 से विच्छेदन तिथि तक संशोधित बिजली बिल (ट्यूबवेल कनेक्शन 15 एच0पी0) प्रति माह फिक्स चार्ज के आधार पर तैयार कर (सरचार्ज पेनाल्टी माफ करते हुये) आदेश के दिनांक से एक माह के अंदर परिवादी को प्रदान करें तत्पश्चात परिवादी इस बिल को जमा करे । इसके साथ ही परिवादी को हुयी मानसिक तथा आर्थिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षीगण द्वारा अदा किया जायेगा ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 06.07.2023
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