Uttar Pradesh

Kanpur Dehat

CC/132/2023

Vivek Singh Katiyar Urf Lalu Katiyar - Complainant(s)

Versus

Manager, Rasdhaan Cold Store and Ice Plant - Opp.Party(s)

Dhirendra Singh Bhadauria

05 Dec 2024

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।

अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष

                 श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य

                  सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य

 

उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 132/2023

परिवाद दाखिला तिथि :- 13.12.2023

निर्णय दिनांक:- 05.12.2024

(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)

 

विवेक सिंह कटियार उर्फ लालू कटियार पुत्र सीताराम निवासी ग्राम बीबापुर, थाना डेरापुर, जिला कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                                     .........................परिवादी

बनाम

प्रबन्धक महोदय रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट, रसधान डेरापुर रोड, ग्राम अमौली कुर्मियान, पोस्ट उरसान, तहसील सिकन्दरा, जिला कानपुर देहात ।

                                                                                                                                                                     .........................प्रतिवादी

निर्णय

     प्रस्तुत परिवाद परिवादी विवेक सिंह कटियार उर्फ लालू कटियार की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी को विपक्षी से उसका कुल रखा आलू 238 पैकेट प्राप्त करवाये जाने हेतु विपक्षी को आदेशित किये जाने अथवा आलू प्राप्त करवाये जाने में असमर्थता पर प्रति पैकेट 1000/- रूपये के हिसाब से 238 पैकेट की कुल धनराशि 2,38,000/- रूपये प्राप्त करवाये जाने हेतु विपक्षी को आदेशित किये जाने एवं परिवादी को हुयी मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु0 50,000/- रुपया व वाद व्यय के एवज में 30,000/- रुपया भी प्रतिवादी से दिलाये जाने के आशय से दिनांक 13.12.2023 को संस्थित किया गया ।

     संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ग्राम बीबापुर, थाना डेरापुर, जिला कानपुर देहात का स्थायी निवासी है । परिवादी का कोल्ड स्टोर में आलू रखने हेतु मु0 130/- रूपये प्रति पैकेट किराया तय हुआ था, जिस पर यह भी तय हुआ था, परिवादी का आलू सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण में रखा जायेगा । प्रतिवादी द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि आप का आलू खराब नहीं होगा और जब आपको आलू की आवश्यकता होगी तब उसी समय आपको आलू प्राप्त करवा दिया जायेगा । परिवादी ने विपक्षी के कोल्ड स्टोर में दिनांक 23.03.2023 को कुल 132+106 कुल 238 पैकेट आलू प्रति पैकेट 50 किलोग्राम आलू रखा था, जिसके आधार पर परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है । परिवादी, विपक्षी के कोल्ड स्टोर/ प्रतिष्ठान में अपने उपरोक्त आलू लेने गया जिस पर विपक्षी द्वारा यह कहकर वापस कर दिया गया कि आज नहीं दो चार दिन बाद आकर ले जाना । परिवादी पुनः दिनांक 30.10.2023 को अपने उपरोक्त आलू लेने गया जिस पर विपक्षी द्वारा स्पष्ट रूप से आलू देने से मना कर दिया गया तथा कहा गया कि आपका सम्पूर्ण आलू सड़ गया है, जिस पर परिवादी द्वारा कहा गया कि अगर मेरे आलू सड़ रहे थे तो आपने मुझे जानकारी क्योँ नहीं दी, आपने मेरे आलू बेंच लिये हैं क्योँ कि वर्तमान समय में आलू महंगा है और प्रति पैकेट 1000/- रु0 की बिक्री हो रही है । मैंने आपके कोल्ड स्टोर में 238 पैकेट आलू रखा था, यानि कुल 2,38,000/- रूपये का आलू बेंचकर परिवादी की रकम हड़प कर गये हैं या तो परिवादी को रखे 238 पैकेट आलू प्राप्त करवा दें या आलू प्राप्त कराने में असमर्थ हो तो कुल आलू की धनराशि 2,38,000/- रूपये प्राप्त कराये जाने का निवेदन किया था । परिवादी के निवेदन पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही उसे कोई धनराशि प्राप्त करवायी गयी जिस कारण परिवादी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है । परिवादी के बार-बार निवेदन पर भी विपक्षी द्वारा न ही कोई कार्यवाही की गयी और न ही परिवादी को रखा आलू प्राप्त करवाया गया जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि विपक्षी अपने उपभोक्ता को सेवायें प्रदान करने पर पूर्णतया असफल है । परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता महोदय के माध्यम से दिनांक 30.11.2023 को रजिस्टर्ड डाक द्वारा लीगल नोटिस प्रेषित करायी गयी फिर भी विपक्षी द्वारा कोल्ड स्टोर में रखा हुआ आलू प्राप्त नहीं कराया गया और न ही धनराशि प्राप्त करवायी गयी । प्रस्तुत परिवाद माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आता है, अतः परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।

     मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादी को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किया गया । प्रतिवादी पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बाद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । तत्पश्चात Track Consignment Report के आधार पर दिनांक 03.07.2024 को विपक्षी के विरुद्ध प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।

     परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची से रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट द्वारा जारी की गयी आमद रसीद नम्बर-132/1214 दिनांकित 23.03.23 व आमद रसीद नम्बर-1213/106 दिनांकित 23.03.23 की मूल प्रतियाँ पत्रावली पर दाखिल की हैं । इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से अधिवक्ता श्री धीरेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा विपक्षी को प्रेषित लीगल नोटिस दिनांकित 30.11.2023 की छायाप्रति तथा परिवादी विवेक सिंह कटियार के शस्त्र लाइसेंस की छायाप्रति एवं परिवादी लालू उर्फ विवेक के वोटर आइ0डी0 कार्ड की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी विवेक सिंह कटियार उर्फ लालू कटियार द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 02.08.2024 पी0डब्ल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।

     परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता महोदय द्वारा लिखित बहस दिनांकित 06.08.2024 पत्रावली पर दाखिल की गयी ।

     मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की मौखिक बहस सुनी तथा उनकी ओर से दाखिल लिखित बहस, साक्ष्य शपथपत्र व अन्य प्रपत्रों का परिशीलन किया ।

     पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि प्रस्तुत मामले में परिवादी का पक्ष यह है कि परिवादी ने विपक्षी रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट में दिनांक 23.03.2023 को 132+106 कुल 238 पैकेट आलू (प्रति पैकेट 50 किलोग्राम आलू) रखा था । विपक्षी से उसके कोल्ड स्टोर में आलू रखने हेतु 130/- रु0 प्रति पैकेट के हिसाब से किराया तय हुआ था तथा विपक्षी रसधान कोल्ड स्टोर द्वारा परिवादी को यह आश्वासन भी दिया गया था कि परिवादी को जब भी आलू की आवश्यकता होगी तब उसी समय आलू प्राप्त करवा दिया जायेगा । परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त कथंन की पुष्टि हेतु दस्तावेजों की सूची से दाखिल कुल दो किता रसीद नं0-1214 दिनांक 23.03.23 व रसीद नं0-1213 दिनांक 23.03.23, की मूल प्रतियाँ दाखिल की गयी हैं जो विपक्षी रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट द्वारा जारी की गयी हैं, जिसके माध्यम से परिवादी द्वारा कुल 238 पैकेट आलू विपक्षी रसधान कोल्ड स्टोर में रखे जाने की पुष्टि होती है

      परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के प्रस्तर-3 में यह अभिकथन किया है कि परिवादी जब विपक्षी के कोल्ड स्टोर में अपने आलू के पैकेट लेने गया तो विपक्षी द्वारा परिवादी से कहा गया कि आज नहीं दो-चार दिन बाद आकर ले जाना । परिवादी पुनः दिनांक 30.10.2023 को जब अपने आलू लेने विपक्षी के कोल्ड स्टोर गया तो विपक्षी द्वारा परिवादी को स्पष्ट रूप से आलू देने से मना कर दिया गया तथा परिवादी से कहा कि उसका सम्पूर्ण आलू सड़ गया है । परिवादी का यह भी अभिकथन है कि विपक्षी ने उसके आलू बेंच लिये हैं क्योँ कि वर्तमान समय में आलू महंगा है और प्रति पैकेट 1000/- रु0 की बिक्री हो रही है । परिवादी ने विपक्षी के कोल्ड स्टोर में 238 पैकेट आलू रखा था, जिसकी कुल कीमत 1000/- रूपये प्रति पैकेट के हिसाब से 2,38,000/- रूपये होती है । विपक्षी द्वारा परिवादी का आलू बेंचकर 2,38,000/- रूपये की रकम हड़प ली  गयी है । परिवादी द्वारा परिवाद पत्र की धारा-4 में परिवादी को उसके 238 पैकेट आलू या आलू प्राप्त कराने में असमर्थता पर विपक्षी से आलू की कुल धनराशि मु0 2,38,000/- रूपये दिलाये जाने का निवेदन किया गया लेकिन परिवादी के निवेदन पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही उसे कोई धनराशि प्राप्त करवायी गयी । परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 30.11.2023 को रजिस्टर्ड लीगल नोटिस भी प्रेषित की गयी लेकिन विपक्षी द्वारा परिवादी को न तो उसका आलू प्राप्त कराया गया और न ही धनराशि प्राप्त करवायी गयी ।

     परिवादी द्वारा सूची पत्र के साथ दाखिल आमद रसीदों से परिवादी के इस कथन की पुष्टि होती है की उसने विपक्षी रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट में कुल 238 पैकेट (प्रति पैकेट 50 किलोग्राम आलू) आलू रखा था । जहाँ तक विपक्षी द्वारा आलू के  कुल 238 पैकेट, 1000/- रूपये प्रति पैकेट के हिसाब से कुल 2,38,000/- रूपये में बेचें जाने का प्रश्न है ? परिवादी ने इस सम्बन्ध में उस समय का मण्डी का कोई रेट लिस्ट या सरकारी भाव की सूची से सम्बन्धित कोई प्रमाण अथवा साक्ष्य पत्रावली पर प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह साबित हो सके कि उस समय का आलू का प्रति पैकेट का मूल्य 1000/- रूपये प्रति पैकेट था । सामान्य परिस्थितियों में यह अवधारणा है कि प्रति पैकेट आलू का मूल्य 500/- रूपये (50 किलोग्राम आलू का मूल्य 10/- रुपये प्रति किलोग्राम की दर से) होता है । इस प्रकार परिवादी का यह कथन एकपक्षीय रूप से स्थापित है कि, विपक्षी द्वारा परिवादी को उसके 238 पैकेट आलू अथवा आलू की कुल धनराशि प्राप्त नहीं करायी गयी है । विपक्षी का यह कृत्य परिवादी की सेवा में कमी को साबित करता है ।

     परिवादी ने इस सम्बन्ध में परिवादी विवेक सिंह कटियार उर्फ लालू कटियार का साक्ष्य शपथपत्र मय पहचान पत्र दाखिल किया है । विपक्षी को कई अवसर दिये जाने के बावजूद, परिवादी के साक्ष्य शपथपत्र व जमा रसीदों के खण्डन में उनकी ओर से कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है ।

     अतएव इन परिस्थितियों में परिवादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र एवं दाखिल रसीदों के खण्डन में विपक्षी की ओर से कोई साक्ष्य प्रति शपथपत्र प्रस्तुत ना किये जाने के कारण परिवादी का साक्ष्य शपथपत्र अखंडित रह जाता है । अतएव विपक्षी द्वारा परिवादी की सेवा में कमी पाते हुये परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने के योग्य है ।

आदेश

     परिवादी का परिवाद, विपक्षी प्रबन्धक रसधान कोल्ड स्टोर एण्ड आइस प्लांट, रसधान डेरापुर रोड, ग्राम अमौली कुर्मियान, पोस्ट उरसान, तहसील सिकन्दरा, जिला कानपुर देहात के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को प्रति पैकेट आलू का मूल्य 500/- रूपये (50 किलोग्राम आलू का मूल्य 10/- रुपये प्रति किलोग्राम की दर से) अर्थात कुल 238 पैकेट का 1,19,000/- रूपये (एक लाख उन्नीस हजार रुपये) आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर प्रदान करें ।

     निर्धारित अवधि एक माह के अन्दर उक्त कुल धनराशि अदा न किये जाने पर उस पर 7 प्रतिशत ब्याज देय होगा । ब्याज की गणना आदेश के दिनांक से धनराशि के वास्तविक भुगतान की तिथि तक सुनिश्चित की जायेगी । इसके अतिरिक्त परिवादी को हुयी मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक क्षति एवं वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हज़ार) रुपया भी विपक्षी द्वारा परिवादी को अदा किया जायेगा ।

 

             ( सुश्री कुमकुम सिंह )                          ( हरिश चन्द्र गौतम )                         ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                    म0 सदस्य                                             सदस्य                                                 अध्यक्ष

           जिला उपभोक्ता आयोग                      जिला उपभोक्ता आयोग                        जिला उपभोक्ता आयोग

                 कानपुर देहात                                     कानपुर देहात                                      कानपुर देहात

 

          प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।

 

           ( सुश्री कुमकुम सिंह )                           ( हरिश चन्द्र गौतम )                         ( मुशीर अहमद अब्बासी )

                    म0 सदस्य                                             सदस्य                                                 अध्यक्ष

           जिला उपभोक्ता आयोग                      जिला उपभोक्ता आयोग                        जिला उपभोक्ता आयोग

                 कानपुर देहात                                     कानपुर देहात                                      कानपुर देहात

दिनांक:- 05.12.2024

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