राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-278/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, अम्बेडकर नगर द्धारा परिवाद सं0-34/2019 में पारित आदेश दिनांक 28.02.2020 के विरूद्ध)
कालिका प्रसाद पाण्डेय आयु लगभग 79 वर्ष पुत्र स्व0 महादेव, निवासी ग्राम घाघूपुर, परगना व तहसील अकबरपुर, जिला अम्बेडकर नगर यू0पी0।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
मैनेजर, बैंक आफ बड़ौदा, उ0प्र0 ग्रामीण बैंक, शाखा अन्नावां परगना व तहसील अकबरपुर, जिला अम्बेडकर नगर।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री संतोष मिश्रा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 28.4.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी कालिका प्रसाद पाण्डेय द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अम्बेडकर नगर द्वारा परिवाद सं0-34/2019 में पारित आदेश दिनांक 28.02.2020 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद पक्षकारों की अनुपस्थिति में खारिज कर दिया है।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री संतोष मिश्रा को सुना तथा प्रश्नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया।
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प्रस्तुत अपील विलम्ब देरी क्षमा प्रार्थना के साथ इस आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की गई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Misc. Application No. 21 of 2022 IN Misc. Application No. 665 of 2021 IN Suo Moto Writ Petition (C) No. 3 of 2020 में पारित आदेश को दृष्टिगत रखते विलम्ब देरी क्षमा प्रार्थना स्वीकार किया जाता है और अपील प्रस्तुत करने में हुआ विलम्ब क्षमा किया जाता है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि दिनांक 28.02.2020 को अपीलार्थी विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख उपस्थित नहीं हो पाये थे तथा वास्तव में अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जाना आवश्यक है, क्योंकि उपरोक्त वाद प्रत्यर्थी/विपक्षी बैंक की शाखा में जमा एफ0डी0 (धनराशि) से सम्बन्धित है। अपीलार्थी/परिवादी की कुल जमा धनराशि रू0 2,05,193.00 का विवाद है, अत्एव यह तथ्य कि अपीलार्थी/परिवादी, परिवाद को चलाने में इच्छुक नहीं है, पूर्णत: अनुचित है। वास्तव में अपीलार्थी/परिवादी परिवाद खारिज किये जाने के कारण व्यथित है, क्योंकि उसके द्वारा जो धनराशि एफ0डी0 के माध्यम से प्रत्यर्थी/विपक्षी बैंक के सम्मुख जमा की गई है, वह परिवादी को अर्जित ब्याज सहित प्राप्त होनी चाहिए।
हमारे द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथन में बल है, अत्एव अपील स्वीकार करते हुए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 28.02.2020 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-34/2019 को अपने पुराने नम्बर पर
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पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासम्भव 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
अपीलार्थी जिला उपभोक्ता आयोग, अम्बेडकर नगर के समक्ष दिनांक 02.6.2022 को उपस्थित होंगे, तदोपरांत जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा विधि के अनुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु नियत तिथि की सूचना विपक्षी को प्रेषित की जावेगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1