Uttar Pradesh

StateCommission

CC/62/2015

Geeta Devi - Complainant(s)

Versus

Majestic Properties - Opp.Party(s)

V S Bisaria

04 Aug 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/62/2015
( Date of Filing : 20 Mar 2015 )
 
1. Geeta Devi
Meerut
...........Complainant(s)
Versus
1. Majestic Properties
NewDelhi
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Aug 2021
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

परिवाद संख्‍या 62 सन 2015

1.श्रीमती गीता देवी पत्‍नी श्री देवेन्‍द्र कुमार चौहान।

2. गौरव सिंह चौहान पुत्र श्री देर्वेन्‍द्र कुमार चौहान

      सर्व निवासी मकान नं0 555 ग्राम पलहैरा, पोस्‍ट मोदीपुरम, मेरठ ।

                                                       .......परिवादीगण

-बनाम-

1. मै0 मैजेस्ट्रिक प्रापर्टीज प्रा0लि0 कार्यालय 01/18 बी, आसिफ अली रोड, नई दिल्‍ली द्वारा श्री रजत गुप्‍ता पुत्र श्री जे0पी0 सिंह निवासी 456-बी, माल रोड, दिल्‍ली ।

2. मै0 मैजेस्ट्रिक प्रापर्टीज प्रा0लि0 साईट आफिस, '' मिलांज दा माल'' सी/8-9, पल्‍लवपुरम, मेरठ ।

. .........विपक्षीगण

 

 

समक्ष:-

मा0   श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य ।

मा0    श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता   - श्री विनीत सहाय बिसारिया।   ।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  - श्री आर0के0 गुप्‍ता ।

 

दिनांक:-25-08-21

 

श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

 

      प्रस्‍तुत परिवाद, परिवादीगण द्वारा इस आशय से प्रस्‍तुत किया गया है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि उनके पक्ष में दुकान संख्‍या एसएलजी-29, की रजिस्‍ट्री कर दें जिसको दिनांक 19.10.2016 के संशोधन पत्र द्वारा दिनांक 12.12.2017 को संशोधित करते हुए जमा धनराशि मु0 23,42,513.00 रू0 जमा करने की तिथि से अंतिम भुगतान तक 18 प्रतिशत सालाना ब्‍याज एवं वाद व्‍यय तथा हर्जा सहित अदा करें ।

      संक्षेप में परिवादीगण का कथन है कि वह आपस में मॉं-बेटे हैं। आजीविका हेतु उन्‍होंने विपक्षी की मेरठ स्थित पल्‍लवपुरम फेस-2 के '' मिलांज दा माल''  में दुकान संख्‍या एस0एल0जी0 29 जिसका क्षेत्रफल 411.95 वर्ग फिट था, आवंटित कराने के लिए दिनांक 07.08.2006 को 50 हजार रू0 तथा दिनांक 14.08.2006 को 2,052000.00 जमा किए।  दुकान की कुल कीमत 23,21,024 थी। परिवादीगण द्वारा दिनांक 23,42,513.00 रू0 जमा किए गए। विपक्षीगण द्वारा यह वायदा किया गया था कि एक मुश्‍त धनराशि जमा करने पर 10 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न किराए के रूप में परिवादीगण द्वारा किए गए निवेश पर 16,959.00 रू0 अवश्‍य अदा किया जाएगा लेकिन विपक्षीगण द्वारा केबल दिसम्‍बर, 2008 तक उक्‍त धनराशि का भुगतान किया गया और दिनांक 01.01.2009 से उक्‍त 16,959.00 रू0 प्रतिमाह की अदायगी बंद कर दी गयी। परिवादीगण का क‍थन है कि विपक्षी का मॉल कई वर्षो से बंद पड़ा है और दुकाने भी बंद पड़ी हैं जिसके कारण उसको जीवन निर्वाह में कठिनाई हो रही है ।

      परिवादीगण की ओर से अपने कथन के समर्थन में शपथपत्र तथा अपना साक्ष्‍य शपथपत्र के माध्‍यम से प्रस्‍तुत किया गया तथा एक पूरक शपथपत्र भी दिनांक 14.05.2018 को प्रस्‍तुत किया गया।

      विपक्षी की ओर से अपना वादोत्‍तर मय साक्ष्‍य के प्रस्‍तुत कर उल्लिखित किया गया कि परिवादीगण को 14.08.2006 का आवंटन पत्र तथा पक्षों के बीच 23.08.06 को एम0ओ0यू0 निष्‍पादित व स्‍वीकार है। विपक्षी की ओर से अपने लिखित उत्‍तर में यह भी कहा गया है कि परिवादीगण द्वारा सिंकिंग/रिजर्व फण्‍ड में 10,06,722.00 रू0 देय है। परिवादीगण को 22.10.2007 में कब्‍जा लेने हेतु पत्र भेजा गया था परन्‍तु परिवादीगण स्‍वयं द्वारा कब्‍जा लेने नही आए। विपक्षी की ओर से यह भी कहा गया कि उन्‍होंने परिवादीगण को 11.04.2016 एवं 23.06.2016 को पुन: रजिस्‍ट्री कराने हेतु पत्र भेजा परन्‍तु परिवादीगण स्‍वयं नहीं आए। विपक्षी की ओर से उल्लिखित किया गया कि परिवाद कालबाधित है तथा परिवादी उपभोक्‍ता नहीं है। उनकी सेवा में कमी नहीं है विपक्षी की ओर से परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की गयी ।

       

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क विस्‍तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किया।

      परिवाद में निर्णय हेतु निम्‍न आवश्‍यक विचारणीय बिन्‍दु हैं :-

1. क्‍या परिवादीगण उपभोक्‍ता हैं।

2. क्‍या यह परिवाद कालवाधित है।

3. क्‍या विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है।

4. परिवादीगण को क्‍या अनुतोष मिलना चाहिए ।

      परिवादी संख्‍या 02 को स्‍वरोजगार के अन्‍तर्गत विपक्षी के '' मिलांज दा माल'' में दुकान संख्‍या एस0एल0जी0 29, क्षेत्रफल 411.95 वर्ग फिट  आवंटन दिनांक 14.08.2006 तथा परिवादीगण द्वारा विपक्षी के यहां कुल 23,42,513.00 रू0 साक्ष्‍य द्वारा सिद्ध हैं। मा0 सर्वोच्‍य न्‍यायालय द्वारा कुसुम अग्रवाल व अन्‍य बनाम हर्षा एसोसिएट्स प्रा0लि0 4(2017) सीपीजे 0(एससी) में दी गयी व्‍यवस्‍था के अनुसार परिवादी उपभोक्‍ता है।

      पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि परिवादीगण को प्रश्‍नगत माल में दुकान संख्‍या एस0एल0जी0 29 जिसका क्षेत्रफल 411.95 वर्ग फिट था, आवंटित की गयी थी । दुकान की कुल कीमत 23,21,024 थी  और परिवादीगण द्वारा दिनांक 23,42,513.00 रू0 जमा किए जा चुके हैं।  उक्‍त दुकान का कब्‍जा 36 माह के अन्‍दर देना था । विपक्षीगण ने अपने साक्ष्‍य /लिखित उत्‍तर पृष्‍ठ संख्‍या 36 में उल्लिखित किया गया है कि परिवादीगण को कब्‍जा प्रदान करने के लिए पत्र भेजा गया था जबकि परिवादीगण ने शपथपत्र प्रस्‍तुत कर इसका खण्‍डन किया जिसके उत्‍तर में विपक्षी द्वारा कोई प्रतिशपथपत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया अत: विपक्षी का यह कथन असत्‍य हो जाता है कि उसके द्वारा परिवादीगण को कब्‍जा प्रदान करने के लिए पत्र भेजा गया था। विपक्षी का यह कथन कि परिवादीगण को 11.04.2016 एवं 23.06.2016 को रजिस्‍ट्री कराने हेतु पत्र भेजा परन्‍तु परिवादीगण स्‍वयं नहीं आए, असत्‍य हो जाता है।

      परिवादी द्वारा अपने अतिरिक्‍त शपथपत्र में यह कथन किया गया कि दौरान मुकदमा विपक्षी का प्रश्‍नगत मॉंल कई वर्षो से बन्‍द पड़ा है जिसके बावत विपक्षी ने परिवादी को पत्र भेजकर सूचित किया कि मॉल का रि-लांच दिनांक 07.03.2016 को होगा परन्‍तु इसके बावजूद समस्‍त दुकाने अभी बंद है। विपक्षी द्वारा परिवाद योजन की तिथि तक न तो कब्‍जा दिया गया और न ही परिवादीगण  द्वारा जमा धनराशि वापस की गयी, अत: वाद कालबाधित नहीं है।

      परिवादी द्वारा समस्‍त धनराशि जमा की तिथि से अंतिम भुगतान तक 18 प्रतिशत ब्‍याज तथा एम0ओ0यू0 के वायदे के अनुसार 16,959.00 प्रतिमाह जनवरी 2009 से मानसिक व शारीरिक कष्‍ट के मद में 01 लाख रू0 व वाद व्‍यय में 50 हजार रू0 दिलाए जाने हेतु प्राथ्रना ी गयी है। पीठ के मत में परिवादी द्वारा समस्‍त धन‍राशि 23,42,513.00 रू0 मय 12 प्रतिशत सालाना ब्‍याज जमा करने की तिथि से अंतिम भुगतान तक दिलाए जाने हेतु न्‍यायोचित है।

      तद्नुसार परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

 

            परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को उनकी समस्‍त जमा धनराशि मु0 23,42,513.00 (तेइस लाख बियालिस हजार पॉच सौ तेरह) रू0 मय 12(बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के जमा की तिथि से अंतिम भुगतान तक दो माह के अन्‍दर अदा करे।

      परिवादीगण, विपक्षी से 5000.00 (पॉच हजार) रू0 वाद व्‍यय के रूप में अलग से प्राप्‍त करेंगे।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(गोवर्धन यादव)                                     (विकास सक्‍सेना)

    सदस्‍य                                               सदस्‍य

 

  सुबोल श्रीवास्‍तव

 पी0ए0(कोर्ट नं0-2)

 

 

 

 

 

 

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  सुबोल श्रीवास्‍तव

 पी0ए0(कोर्ट नं0-2)

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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