Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/708

Executive Engineer - Complainant(s)

Versus

Mahavir Singh Yadav - Opp.Party(s)

M N Misra

23 Nov 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/708
( Date of Filing : 08 May 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Executive Engineer
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahavir Singh Yadav
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Nov 2023
Final Order / Judgement

मौखिक

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ

 

अपील संख्या 708 सन 2009

 

इक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर एवं अन्‍य

........................अपीलार्थी

-बनाम-

महावीर सिंह यादव ।

   ....................प्रत्यर्थी

 

 

 समक्ष

मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष ।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन ।

प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता   कोई नहीं। 

 

दिनांक - 23.11.2023

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित

 

प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, आगरा (द्वतीय) द्वारा परिवाद संख्या 31 सन 2001  में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.07.2008 के विरुद योजित की गयी है।

संक्षेप में, वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं मृतक लायक सिंह निवासी बरौली अहीर तहसील सदर जिला आगरा के नाम निजी नलकूप का कनेक्शन 034/002043  है। परिवादी मृतक का वारिस है परिवादी ने अपने अधिवक्ता द्वारा इस आशय का विधिक नोटिस दिया था कि विपक्षी ने बिना किसी जानकारी दिए व सहमति लिये दिनांक 8.6.2000 को गुप्त तरीके से अन्य उपभोक्‍ता श्री पुलपसिंह निवासी बरौली अहीर के नलकूप पर जेई द्वारा साठ.गाठ करके परिवाटी के नलकूप से ट्रांसफार्मर हटा लिया। जिसकी लिखित सूचना  विपक्षी को दी तथा माँग की कि ट्रांसफार्मर परवादी के नलकूप पर तुरंत लगा दिया जाए तथा दोषियों के विरूद्ध तुरंत कार्यवाही की जाए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। परिवादी ने इस सम्बन्ध में ऊर्जा मन्त्री अन्य उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की। उक्त शिकायत करने पर महाप्रबंधक आगरा द्वारा अवर अभियंता श्री ए0एन0 सक्‍सेना व अधिशासी अभियंता आगरा को परिवादी के नलकूप पर ट्रांसफार्मर तुरंत स्थापित करने का निर्देश दिया गया इसके बावजूद भी परिवादी के नलकूप पर ट्रांसफार लगाकर विद्युत संयोजित नहीं किया जिसके कारण  यह परिवाद प्रस्तुत किया गया।

विपक्षीगण ने आना प्रतिवादपत्र प्रस्तुत कर परिवाद का विरोध दिया तथा कहा कि मृतक लायक सिंह रजिस्टर्ड उपभोक्‍ता थे। श्री के0 पी0 सिंह अपोजिट पार्टी के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है। परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। अपने अतिरिक्त कथन मे कहा कि कोई वाद कारण प्रस्तुत नहीं किया गया। माननीय फोरम को परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है और परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवाद इलेक्ट्रीसिडी सप्लाई कन्ज्यूमर रेगूलेशन रूल 1984 से बाधित है। परिवादी का कनेक्‍शन बदस्तूर चल रहा है। लायक सिंह व दूसरों पर दूसरे व्यक्तियों का ट्रांसफार्मर सही स्थान पर रख दिया गया है। ज़ो सुचारू रूप से चल रहा है। परिवादी झगड़ालू किस्म का व्यक्ति हैं तथा बिलों का भुगतान करना नहीं चाहता है तथा परिवाद प्रस्तुत कर दिया है अतः परिवाद खारिज होने योग्य है।

विद्वान जिला आयोग ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेखों के आधार पर यह अवधारित करते हुए कि  परिवादी अपने परिवर्तक को पूर्व स्थान पर स्थापित कर विद्युत संयोजन जोड़े जाने को प्राप्त करने का अधिकारी है तथा विद्युत संयोजन के कटे हुए सराय के विद्युत बिल के समय पर छूट पाने का भी अधिकारी है निम्‍न आदेश पारित किया -

 '' परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपीगण को आदेशित किया जाता है कि वह अपने अधिकारी उप महाप्रबंधक के आदेश 19.10.2000 को मूल रूप से ध्यान में रखते हुए परिवादी का परिवर्तक पूर्व के अनुतार स्थापित कर उसके वित संयोजन को आदेश की दिनांक से 45 दिन के भीतर चालू करें तथा 1500.00 दिनांक से तीन दिन के भीतर अदा करें। आदेश की अवहेलना करने पर इत परिवाद व्यय की धनराशि पर 09 प्रतिशत ब्याज देय होगा। परिवादी को विपक्षी विद्युत संयोजन के कटे हुए समय के विद्युत बिल पर छूट प्रदान करे ।  ''

उक्‍त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपील प्रस्‍तुत की गयी हैं।

     मेरे द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का परिशीलन किया तथा उपस्थित विद्धान अधिवक्‍ता के तर्को को सुना गया ।

     दौरान बहस अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उक्‍त परिवाद में जो   1500.00 रू0 वाद व्‍यय आरोपित किया है, वह अनुचित है।  

विद्धान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को सुनने के उपरान्‍त प्रस्‍तुत अपील, जो इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विगत  14 वर्षों से लम्बित है को अंतिम रूप से निस्‍तारित किया जाता है और जिला फोरम द्वारा  पारित निर्णय दिनांक 23.07.2008  का समर्थन किया जाता है परन्‍तु विद्धान जिला आयोग, द्वारा अपीलार्थी पर जो 1500.00 रू0 वाद व्‍यय आरोपित किया गया है, उसे अनुचित पाते हुए निरस्‍त  किया जाता है।  जिला आयोग के निर्णय का शेष भाग/आदेश यथावत रहेगा।

तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जातीं है एवं जिला आयोग, द्वारा पारित निर्णय दिनांक 23.07.2008 उपरोक्‍तानुसार संशोधित किया जाता है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

           

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

सुबोल श्रीवास्‍तव

पी0ए0(कोर्ट नं0-1)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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