राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-903/2010
(जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया द्धारा परिवाद सं0-44/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.4.2010 के विरूद्ध)
पूर्वांचल ग्रामीण बैंक द्वारा शाखा प्रबन्धक पूर्वांचल ग्रामीण बैंक शाखा कपरवार पत्रालय कपरवार जनपद देवरिया।
........... अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
बनाम
1- मदन मोहन सिंह पुत्र स्व0 हवलदार सिंह, 2- श्रीमती बिन्दा सिंह पत्नी श्री मदन मोहन सिंह, 3- रागिनी सिंह एवं 4- छाया सिंह, पुत्रीगण मदन मोहन सिंह, निवासी ग्राम पिपरा बनी पत्रालय कसिली जनपद देवरिया।
……..…. प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष :-
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य
मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक : 04.10.2017
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
मौजूदा अपील जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया द्धारा परिवाद सं0-44/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.4.2010 के विरूद्ध योजित की गई है।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली के परिशीलन से स्पष्ट है कि आयोग के समक्ष एक प्रार्थना पत्र डाक के माध्यम से दिनांक 08.9.2017 को प्राप्त हुआ था, जो पत्रावली पर
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सलंग्न है, जिसमें अपीलार्थी बैंक की ओर से यह कहा गया है कि उसने जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया के परिवाद सं0-44/2009 के निर्णय के विरूद्ध अपील दायर की गई है, ऋण की सम्पूर्ण अदायगी दिनांक 28.3.2014 को हो चुकी है तथा बंधक प्रतिभूतियों का भुगतान भी प्रतिवादीगण को किया जा चुका है और यह भी अनुरोध किया गया है कि अपील सं0-903/2010 को निरस्त किया जाय और यह पत्र पूर्वांचल बैंक के लेटर पैड पर अंकित किया गया है, जिस पर पूर्वांचल बैंक, शाखा कपरवार (017) जिला देवरिया की मोहर भी अंकित है। इन परिस्थितियों में अपीलार्थी बैंक की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को देखते हुए हम यह पाते हैं कि अपीलार्थी की अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
अपीलार्थी की अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपीलीय व्यय भार स्वयं वहन करेगें।
(रामचरन चौधरी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-4