Uttar Pradesh

Chanduali

CC/14/2015

LAXMAN PRASAD - Complainant(s)

Versus

LIC - Opp.Party(s)

Dhirendra Pratap Singh

26 Apr 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/14/2015
 
1. LAXMAN PRASAD
vill&po-Dhanapur DT-Chandauli
Chandauli
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. LIC
Mughalsarai Chandauli
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Shashi Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 14                                सन् 2015ई0
लक्ष्मण प्रसाद पुत्र राममूरत प्रसाद ग्राम धानापुर पो0 धानापुर जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
1-शाखा प्रबन्धक, भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा मुगलसराय, जिला चन्दौली।
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
 रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
 शशी यादव, सदस्या
                               निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1-    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी बीमा कम्पनी से बीमा पालिसी की धनराशि एवं दुर्घटना बीमा की धनराशि क्रमशः 1-1 लाख रूपया तथा मानसिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति हेतु 50000/- एवं वाद व्यय व भागदौड हेतु मु0 25000/- कुल रू0 2,75000/-दिलाये  जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2-    परिवादी ने संक्षेप में कथन किया है कि परिवादी के पुत्र स्व0 हिमांशु कुमार ने अपने जीवन काल हेतु विपक्षी बीमा कम्पनी से बीमा कराया था जिसकी पालिसी संख्या 287813367 है। जिसका प्रीमियम समयानुसार जमा किया जाता था जिसमे परिवादी नामिनी है। दिनांक 17-12-2014 को परिवादी के पुत्र हिमांशु कुमार की कुंआ में गिर जाने से मृत्यु हो गयी। परिवादी ने अपने पुत्र द्वारा कराये गये बीमा के बीमा की धनराशि प्राप्त करने हेतु दिनांक 26-5-2014 को विपक्षी को सूचना दिया तथा विपक्षी द्वारा मांग किये गये सम्पूर्ण आवश्यक कागजात को उपलब्ध करा दिया। विपक्षी द्वारा परिवादी को बीमा की धनराशि के भुगतान हेतु आश्वासन दिया जाता रहा कि जल्द ही भुगतान कर दिया जायेगा। परिवादी ने दिनांक 5-2-15 को अपने दावे के भुगतान के बारे में सम्पर्क किया तो विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी द्वारा जमा प्रीमियम की धनराशि दिनांक 2-12-2014 को चेक संख्या 006839 रू0 14862/- परिवादी को रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया। परिवादी ने विपक्षी के कार्यालय में पता किया कि क्यों हम परिवादी को उक्त चेक भेजा गया है तो विपक्षी ने बताया कि बीमाधारक नाबालिग था और आपको कोई जरिया नहीं था इसलिए उपरोक्त बीमा के प्रीमियम की  धनराशि भेजा गया है इसके अलावा अन्य कोई लाभ नहीं मिल सकता है। परिवादी को विपक्षी द्वारा जानबूझकर पैसा हडपने की नियत से तथा परेशान करने की नीयत से केवल प्रीमियम की धनराशि का भुगतान किया गया है। परिवादी के पुत्र की कुंए में गिरने के कारण मृत्यु हुई है और कुंए में गिरना दुर्घटना की श्रेणी में आता है। इस आधार पर परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
3-    विपक्षी बीमा कम्पनी को इस फोरम द्वारा रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित की गयी जो उन पर तामिल भी हुई विपक्षी हाजिर भी आये किन्तु निर्धारित समयावधि में जबाबदावा दाखिल नहीं किये जिससे यह परिवाद उनके विरूद्ध एक पक्षीय सुना गया।
2
4-    परिवादी की ओर से अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं परिवादी ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया है इसके अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में परिवादी ने बीमा पालिसी के स्टेट्स रिर्पोट की छायाप्रति,बीमा पालिसी की छायाप्रति,मृत्यु प्रमाण पत्र की मूल प्रति,ग्रामप्रधान के प्रमाण की मूल प्रति तथा भोलेशंकर व सोमभूषण के शपथ पत्र की मूल प्रति दाखिल किया है।
5-    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एक पक्षीय बहस सुनी गयी है, पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया गया।
6-    प्रस्तुत मामले में परिवादी का कथन है कि उसके पुत्र हिमांशु कुमार के जीवन काल में विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम से एक पालिसी ली गयी थी जिसके प्रीमियम का भुगतान समयानुसार किया जाता रहा। दिनांक 27-12-2014 को कुंआ में गिरने के कारण परिवादी के पुत्र हिमांशु कुमार की मृत्यु हो गयी और जब परिवादी ने बीमा पालिसी के तहत पैसा प्राप्त करने के लिए क्लेम दाखिल किया तो विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी को केवल रू014862/- का चेक डाक द्वारा भेज दिया और यह कहा गया कि चूंकि परिवादी का पुत्र नाबालिग था इसलिए पालिसी के तहत अन्य कोई लाभ परिवादी को प्राप्त नहीं हो सकता। परिवादी का कथन है कि उसके पुत्र हिमांशु कुमार की मृत्यु कुएं में गिरने से हुई है। अतः मृत्यु दुर्घटना की श्रेणी में आती है अतः परिवादी को बीमा की धनराशि रू0 100000/-तथा दुर्घटना लाभ भी रू0 100000/- बीमा पालिसी के तहत मिलना चाहिए इसके अतिरिक्त परिवादी ने शारीरिक व मानसिक क्षति एवं वाद व्यय के लिए भी क्रमशः रू0 50000/- एवं रू0 25000/- बतौर मुआवजा मांगा है।
7-    प्रस्तुत मामले में परिवादी की ओर से हिमांशु कुमार के बीमा पालिसी की जो छायाप्रति दाखिल की गयसी है उसमे हिमांशु कुमार की जन्मतिथि दिनांक 15-01-2010 दर्ज है और बीमा पालिसी के प्रारम्भ होने की तिथि दिनांक 18-1-2011 दर्ज है इस प्रकार यह स्पष्ट है कि जिस समय हिमांशु कुमार का बीमा कराया गया उस समय उसकी उम्र लगभग 1 वर्ष 4 दिन थी। परिवाद के मुताबिक हिमांशु कुमार की मृत्यु दिनांक 17-12-2014 को कुंआ में गिरने के कारण हुई किन्तु स्वयं परिवादी की ओर से हिमांशु कुमार का जो मृत्यु प्रमाण पत्र मूल रूप से दाखिल किया गया है उसमे उसकी मृत्यु का दिनांक 17-12-2013 दर्ज है इसी प्रकार परिवादी की ओर से ग्रामप्रधान का जो प्रमाण पत्र दाखिल किया गया है उसमे भी हिमांशु कुमार की मृत्यु का दिनांक 17-12-2013 को होना कहा गया है। गवाहान भोलेशंकर व सोमभूषण का जो शपथ पत्र परिवादी ने दाखिल किया है उसमे भी हिमांशु कुमार की मृत्यु की तिथि दिनांक 17-12-2013 ही कही गयी है इस प्रकार स्वयं परिवादी की ओर से दाखिल दस्तावेजों से यह भलीभांति सिद्ध हो जाता है कि परिवादी का पुत्र हिमांशु कुमार (बीमित) की मृत्यु दिनांक 17-12-2013 को हुई है और परिवादी ने अपने परिवाद में मृत्यु की जो तारीख 17-12-2014 होना दर्ज किया है वह गलत है।इस प्रकार मृत्यु के समय हिमांशु कुमार की आयु लगभग 3 वर्ष 11 माह थी।
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8-    परिवादी ने बीमा पालिसी की जो छायाप्रति दाखिल की है उसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि हिमांशु कुमार का जो बीमा कराया गया है वह टेबुल नं0 102 के अन्र्तगत कराया गया है। टेबुल नं0 102 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस पालिसी के तहत रिस्ककवर का प्रारम्भ बीमा पालिसी कराने के 2 वर्ष बाद या बीमित बालक की उम्र 7 वर्ष होने पर, इनमे से जो भी बाद का हो पर ही होगा और इसमे इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख है कि यदि बीमित की मृत्यु बीमा पालिसी के तहत रिस्क प्रारम्भ होने की तिथि के पहले ही हो जाती है तो नियमानुसार केवल प्रीमियम की अदा की गयी धनराशि, कुछ खर्चे काटकर वापस की जायेगी। परिवादी की ओर से जो स्टेट्स रिर्पोट दाखिल है उसके मुताबिक परिवादी ने बीमा की कुल 3 सालाना किश्ते अदा की है और बीमा पालिसी के अनुसार सालाना किश्त रू0 5091/- है। इस प्रकार परिवादी ने कुल रू0 15273/- प्रीमियम के रूप में अदा किया है। परिवादी ने यह स्वीकार किया है कि उसके पुत्र हिमांशु कुमार के मृत्यु के बाद उसने क्लेम दाखिल किया तो विपक्षी बीमा कम्पनी ने उसे रू0 14862/- जरिये चेक प्राप्त कराया। इस प्रकार फोरम की राय में विपक्षी बीमा कम्पनी ने जो धनराशि अदा की है वह नियमानुसार सही है और पर्याप्त है। परिवादी अन्य कोई धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं पाया जाता है और उसका परिवाद एक पक्षीय रूप से निरस्त किये जाने योग्य है।
                                आदेश
    परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से निरस्त किया जाता है। मुकदमें के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेगे। पत्रावली दाखिल दपतर होवे।

(शशी यादव)                                       (रामजीत सिंह यादव)
 सदस्या                                                अध्यक्ष
                                             दिनांक  26-4-2016     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Shashi Yadav]
MEMBER

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