Uttar Pradesh

StateCommission

A/3/2020

Bank Of Baroda - Complainant(s)

Versus

Lavkush Gupta - Opp.Party(s)

Shailesh Kumar

13 Oct 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/3/2020
( Date of Filing : 02 Jan 2020 )
(Arisen out of Order Dated 06/11/2019 in Case No. C/50/2018 of District Kanshiram Nagar)
 
1. Bank Of Baroda
branch Chandan Chowk Soron Distt. Kasganj Through it's Branch Manager
...........Appellant(s)
Versus
1. Lavkush Gupta
S/O Late Har narainGupta R/O Tikatganj Badaun
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Oct 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :03/2020

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कासंगज द्वारा परिवाद संख्‍या-50/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-11-2019 के विरूद्ध)

 

  1. बैंक आफ बड़ौदा ब्रांच चन्‍दन चौक,  सोरों  डिस्टिक कासगंज द्वारा शाखा प्रबन्‍धक।
  2. बैंक आफ बड़ौदा, हेड आफिस मान्‍डवी बड़ौदा गुजरात द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्‍टर।
  3. बनारस स्‍टेट बैंक मेन ब्रांन्‍च एस-20/52, ए-के वरूना ब्रिज वाराणसी द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्‍टर। 
  4.  

बनाम्

  1. लवकुश गुप्‍ता, आयु लगभग 59 वर्ष पुत्र स्‍व0 हर नारायण गुप्‍ता।  
  2. कुमारी अर्मता गुप्‍ता  आयु लगभग 19 वर्ष पुत्री श्री लवकुश गुप्‍ता।

निवासीगण टिकैतगंज बदॉंयू।

                     प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण 

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-   श्री शैलेश कुमार।

     प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित-         श्री वी0पी0 पाण्‍डेय।

दिनांक : 13-10-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-50/2018 लवकुश गुप्‍ता व एक अन्‍य बनाम बैंक आफ बड़ौदा व दो अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, कासगंज  द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 06-11-2019  के विरूद्ध  यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

 

 

-2-

     ‘’आक्षेपित निर्णय के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से  स्‍वीकार करते हुए  निम्‍न आदेश पारित किया है :-

  •  

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण  की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि बनारस स्‍टेट बैंक लिमिटेड ने गोल्‍डन जुबली ईयर 1996 मनाते हुए शुभ लक्ष्‍मी बचत योजना डिपाजिट रिसीप्‍ट निश्चित अवधि हेतु जारी की, जिसके तहत एफ0डी0आर0 प्राप्‍त किया गया था। शाखा सोरों कासगंज से दिनांक 20-04-1996 को 12226/-रू0 जमा कर दस वर्ष के लिए, दिनांक 20-04-1996 को 20,863/-रू0 सात वर्ष के लिए, दिनांक 09-09-1996 को 500/-रू0 प्रतिमाह दस वर्ष के लिए, परिवादी संख्‍या-2 के नाम बहैसियत संरक्षक सगा पिता दिनांक 10-09-1996 को दस वर्ष की अवधि हेतु 13000/-रू0 जमा कर एफ0डी0आर0 हेतु 16 प्रतिशत ब्‍याज की दर से जमा किया गया था। विपक्षी संख्‍या-3 का विलय बैंक आफ बड़ौदा में हो चुका है तथा जमा राशियों व देयताओं की जिम्‍मेदारी बैंक आफ बड़ौदा की होने पर एफ0डी0आर0

 

-3-

संख्‍या-2450 की परिपक्‍वता राशि 62413/-रू0 में से मात्र 43,646/-रू0 ही दिया गया, शेष धनराशि रू0 18767/- अदा नहीं की गयी, इसी प्रकार एफ0डी0आर0 संख्‍या-2215 में से 43,368/-रू0 का ही भुगतान किया गया शेष धनराशि 15320/-रू0 तथा एफ0डी0आर0 संख्‍या-2216 से रकम 58113/-रू0 समस्‍त आवर्ती खाता की परिपक्‍वता राशि 1,46,323/-रू0 में से 97,826/-रू0 का भुगतान कर शेष धनराशि 48,497/-रू0 का भुगतान बाद में किये जाने का वायदा किया गया। परिवादीगण द्वारा शेष धनराशि के भुगतान हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया किन्‍तु बैंक द्वारा भुगतान नहीं किया गया जो कि विपक्षी बैंक की सेवा में कमी है अत: विवश होकर परिवादीगण ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षी बैंक आफ बड़ौदा की ओर से यह कथन किया गया कि बनारस स्‍टेट बैंक का सममिलन भारत सरकार द्वारा किया गया है, योजना के अन्‍तर्गत प्राविधान था कि जमाधारकों से कुल जमा का 14.15 प्रतिशत कटौती सुनिश्चित की जावे। कटौती की वापसी हेतु पूर्ववर्ती बैंक की गैर निष्‍पादित आस्तियों की वसूली के पश्‍चात ही निर्णय अपेक्षित है जिसमें निष्‍पादित आस्तियों से प्राप्‍त धनराशि का अनुपातिक रूप से जमाधारकों के मध्‍य वितरित किया है। कटौती की गयी धनराशि के भुगतान का कोई आश्‍वासन नहीं दिया गया है। परिवादिनी ने समयावधि समाप्‍त होने के उपरान्‍त परिवाद प्रस्‍तुत किया है। विपक्षी संख्‍या-1 को अनावश्‍यक तौर पर पक्षकार बनाया गया है उनकी ओर से सेवा में कोई  कमी नहीं की गयी है। अत: परिवाद निरस्‍त किये जाने की प्रार्थना की गयी है।

    

-4-

     जिला आयोग ने उभयपक्षों को सुनकर एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का परिशीलन करने के पश्‍चात विपक्षी संख्‍या-1 व 2 के स्‍तर पर सेवा में कमी पाते हुए प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया है।

      अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री शैलेश कुमार उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री वी0 पी0 पाण्‍डेय उपस्थित। 

     मेरे द्वारा  उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश निरस्‍त किया जावे।

     प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि अनुसार है अत: अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। 

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध  समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा जो 87040/-रू0 पर 16 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की देयता विपक्षी संख्‍या-1 व 2 पर निर्धारित की गयी है वह वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को देखते हुए अत्‍यधिक प्रतीत होती है जिसे संशोधित करते हुए

 

-5-

09 प्रतिशत किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है साथ ही जिला आयोग द्वारा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक क्षति एवं वाद व्‍यय हेतु 5,000/-रू0 की देयता निर्धारित की गयी है उसे भी संशोधित करते हुए 2000/-रू0 किया जाना न्‍यायोचित है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि  ब्‍याज की दर 16 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 09 प्रतिशत तथा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक क्षति. एवं वाद व्‍यय हेतु 5,000/-रू0  के स्‍थान पर 2000/-रू0 की जाती है। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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