Uttar Pradesh

StateCommission

A/1357/2019

Bank Of Baroda - Complainant(s)

Versus

Lakchhman Maurya - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

05 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1357/2019
( Date of Filing : 25 Nov 2019 )
(Arisen out of Order Dated 02/07/2019 in Case No. C/23/2017 of District Chanduali)
 
1. Bank Of Baroda
Through Branch Manager SAkaldiha Branch Distt. Chandauli U.P.
...........Appellant(s)
Versus
1. Lakchhman Maurya
S/O Late Chhagur Maurya R/O Village Post Jalalpur and P.S. Saiyadpur Distt. Chandauli U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1357/2019

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, चन्‍दौली द्धारा परिवाद सं0-23/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.7.2019 के विरूद्ध)

1-    बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा ब्रांच मैनेजर, शाखा सकलडीहा, जिला चन्‍दौली उ0प्र0।

2-    रीजनल ऑफिस बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा रीजनल मैनेजर, इण्‍डस्ट्रियल एरिया चॉदपुर चौराहा, जिला वाराणसी उ0प्र0।

........... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम            

लक्ष्‍मण मौर्य पुत्र स्‍व0 छांगुर मौर्य, निवासी ग्राम पोस्‍ट जलालपुर थाना सैय्यदपुर, जिला चन्‍दौली उ0प्र0।

       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                       

अपीलार्थीगण के अधिवक्‍ता      :- श्री अनिल कुमार मिश्रा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           :- श्री प्रमेन्‍द्र वर्मा

दिनांक :-05.9.2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/बैंक आफ बड़ौदा व एक अन्‍य द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, चन्‍दौली द्वारा परिवाद सं0-23/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.7.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, चन्‍दौली द्वारा परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

"परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे रू0 34,357.00 (चौतीस हजार तीन सौ सत्‍तावन) पर दिनांक 16.6.2015 से पैसा अदा किये जाने की तिथि तक 13 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज तथा शारीरिक आर्थिक एवं मानसिक क्षति के क्षतिपूर्ति हेतु

-2-

रू0 3000.00 (तीन हजार) तथा वाद व्‍यय के रूप में रू0 500.00 (पॉच सौ) इस निर्णय की तिथि से दो माह के अन्‍दर परिवादी को अदा करें। अन्‍यथा की स्थिति में परिवादी उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा।"

जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी/बैंक द्वारा योजित की गई है।

     दौरान बहस अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार मिश्रा द्वारा कथन किया गया कि उन्‍हें जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रेषित नोटिस प्राप्‍त नहीं हुई है, इसलिए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित एक पक्षीय आदेश विधि सम्‍मत नहीं है। यह भी कथन किया गया कि परिवाद कालबाधित है एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा वर्ष-1997 के बाद से वर्ष-2014 तक कभी भी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की कोई जानकारी बैंक से प्राप्‍त नहीं की गई है, जो कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की स्‍वयं की लापरवाही है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि उनके द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में जो अपीलार्थीगण के विरूद्ध शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक कष्‍ट हेतु 3,000.00 रू0 की अदायगी एवं 13 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की अदायगी हेतु आदेशित किया गया है, वह अत्‍यधिक है, अत्एव उसे समाप्‍त किये जाने की प्रार्थना अपीलार्थी की ओर से की गई है।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री प्रमेन्‍द्र वर्मा द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय तथ्‍य और विधि के अनुकूल है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

 

-3-

हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का परिशीलन किया गया।

      उभय  पक्ष  के विद्धान अधिवक्‍ता द्व्‍य को सुनने के उपरान्‍त तथा सभी तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए अंतिम रूप से अपील को इस आदेश के साथ निस्‍तारित किया जाता है और जिला उपभोक्‍ता आयोग, चन्‍दौली द्वारा परिवाद सं0-23/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.7.2019 को संशोधित करते हुए अपीलार्थीगण पर जो धनराशि की देयता पर 13 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज निर्धारित किया गया है, उसे न्‍याय की दृष्टि में तथा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 09 प्रतिशत की देयता के साथ संशोधित किया जाता है साथ ही शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु जो 3,000.00 रू0 की अदायगी हेतु अपीलार्थीगण को आदेशित किया गया है, उसे संशोधित करते हुए 2,000.00 रू0 किया जाता है। तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।

      अपीलार्थीगण को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

          (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                      (सुशील कुमार)

            अध्‍यक्ष                                               सदस्‍य

                                                                        

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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