( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :422/2021
श्रीमती सोनम पत्नी श्री आकाश कुमार
बनाम्
एल0जी0 इलेक्ट्रॉनिकइण्डिया प्रा0 लि0 व अन्य
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
दिनांक : 08-10-2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-09/2019 श्रीमती सोनम बनाम एल0जी0 इलेक्ट्रानिक इण्डिया प्रा0लि0 व दो अन्य में जिला आयोग, द्धितीय, मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 03-08-2021 के विरूद्ध प्रस्तुत अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख योजित की गयी है।
आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद खारिज करते हुए निम्नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है :-
‘’परिवाद खारिज किया जाता है। किन्तु यदि परिवादिनी चाहे तो विपक्षीगण की सेवा को लेते हुए कथित कलपुर्जों के बदलाव संबंधी खर्चें के आधार पर ए0सी0 को ठीक करा सकती है। पक्षकार वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।’’
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अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता सुश्री सुनामिका मिश्रा उपस्थित आईं। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित आए।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को विस्तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
दौरान बहस अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता द्वारा अवगत कराया गया कि अपीलार्थिनी रू0 5,000/- विपक्षी कम्पनी को ए0सी0 मरम्मत के मद में देने के लिए तैयार हैं किन्तु विपक्षी कम्पनी द्वारा ए0सी0 मरम्मत के मद में अधिक धनराशि की मांग की जा रही है।
प्रत्यर्थी कम्पनी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि ए0 सी0 मरम्मत में अधिक धनराशि लगभग 8,000/-रू0 का खर्च आयेगा, साथ ही प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कम्पनी से वार्ता कर परिवादिनी द्वारा 5,000/-रू0 अदा करने पर ए0सी0 बनाकर उसे देने पर सहमति व्यक्त की गयी।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्त तथा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण की सहमति से प्रस्तुत अपील इस आधार पर अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है कि परिवादिनी ए0सी0 मरम्मत के मद में
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प्रत्यर्थी/विपक्षी को 5,000/-रू0 अदा करेगी तदोपरान्त विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादिनी से धनराशि प्राप्त किये जाने के उपरान्त उसकी ए0सी0 को उसकी संतुष्टि के आधार से बनाकर उसे देगी और परिवादिनी से 5,000/-रू0 के स्थान पर अन्य कोई धनराशि नहीं लेगी।
परिवादिनी आज से 15 दिन के अंदर विपक्षी कम्पनी को ए0सी0 मरम्मत के मद में रू0 5,000/- अदा करेंगी जिसके दो सप्ताह की अवधि में विपक्षी कम्पनी द्वारा ए0सी0 बनाकर परिवादिनी को उसकी संतुष्टि पर चालू हालत में उसे देगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा, पी0ए0 ग्रेड-।।, कोर्ट नं0-1