Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/1204

Babu Banarasi Das Institute Of Technology - Complainant(s)

Versus

Kulwant Mittal - Opp.Party(s)

Alok Ranjan

30 May 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/1204
( Date of Filing : 29 May 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Babu Banarasi Das Institute Of Technology
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Kulwant Mittal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 30 May 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-१२०४/२०१३

 

(जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२७/२०१० में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०६-०१-२०११ के विरूद्ध)

 

बाबू बनारसी दास इन्‍स्‍टीट्यूट आफ टेक्‍नॉलॉजी, एन0एच0 ५८ पर गाजियाबाद से ७ कि0मी0 माइल स्‍टोन, दिल्‍ली मेरठ रोड, दुहई, गाजियाबाद (यू0पी0) द्वारा डायरेक्‍टर।

                                                  ...............अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.

बनाम

 

कुलवन्‍त मित्‍तल पुत्र स्‍व0 लक्ष्‍मण दास मित्‍तल, निवासी एन0डब्‍ल्‍यू0, १०६, स्‍वामी बाग, आगरा।                                       ....................        प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

समक्ष:-

१.मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य ।

२.मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      :- श्री आलोक रंजन अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित :- श्री कुलवन्‍त मित्‍त्‍ल स्‍वयं।

 

दिनांक : २०-०६-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२७/२०१० में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०६-०१-२०११ के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी का पुत्र प्रखर मित्‍तल यू0पी0टी0यू0 द्वारा आयोजित कॉमन एडमिशन टैस्‍ट २००९ में उत्‍तीर्ण हुआ। तत्‍पश्‍चात् विद्यालय के चयन हेतु वह काउन्सिलिंग में उपस्थित हुआ। परिवादी के पुत्र ने अपीलार्थी बाबू बनारसी दास इन्‍स्‍टीट्यूट आफ टेक्‍नॉलॉजी का चयन प्रवेश हेतु किया। परिवादी के पुत्र ने अपीलार्थी कालेज में प्रवेश प्राप्‍त किया। अपीलार्थी ने यू0पी0टी0यू0 के नाम परिवादी से ५,०००/- रू० का बैंक ड्राफ्ट दिनांकित ०४-०८-२००९ तथा १०,०००/- रू० का एक अन्‍य बैंक ड्राफ्ट यू0पी0टी0यू0 के नाम दिनाकित ०८-०९-२००९ को प्राप्‍त किए। तदोपरान्‍त परिवादी ने ६५,०००/- रू०, ३,५५०/- रू०, ५०,०००/- रू० एवं १०,०००/- रू० ड्राफ्ट के माध्‍यम से कालेज में जमा किए

 

 

 

 

 

-२-

तथा १०,०००/- रू० नगद जमा किए। इस प्रकार परिवादी द्वारा कुल १,५४,५५०/- रू० अपने पुत्र के कालेज में प्रवेश हेतु जमा किए गये। प्रवेश के उपरान्‍त अपीलार्थी कालेज के छात्रावास में किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा उपलब्‍ध होने तथा उचित शिक्षा हेतु समुचित फेकल्‍टी की अनुपलब्‍धता के कारण दिनांक ०२-१०-२००९ को परिवादी के पुत्र ने अपीलार्थी विद्यालय में प्रवेश निरस्‍त करा लिया। परिवादी द्वारा अपने पुत्र के प्रवेश हेतु जमा धनराशि अपीलार्थी विद्यालय से वापस मांगी गई। अपीलार्थी विद्यालय द्वारा धनराशि वापस न किए जाने के कारण परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।

जिला मंच के समक्ष अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, अत: परिवादी की सुनवाई एक पक्षीय की गई तथा प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवादी का परिवाद एक पक्षीय स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/मूल परिवाद के विपक्षी सं0-१ को निर्देशित किया कि निर्णय की तिथि से ३० दिन के अन्‍दर १,२८,५५०/- रू० वाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से ०६ प्रतिशत ब्‍याज सहित ताअदायगी तक दें। साथ ही इसी अवधि में २,०००/- रू० परिवाद व्‍यय के रूप में अदा करें।    

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक रंजन तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी श्री कुलवन्‍त मित्‍तल के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों एवं उभय पक्ष द्वारा प्रस्‍तुत किए गये लिखित तर्क का अवलोकन किया।

अपीलार्थी की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच द्वारा प्रश्‍नगत परिवाद की कोई सूचना अपीलार्थी को प्रेषित नहीं की गई। प्रश्‍नगत निर्णय में स्‍वयं जिला मंच द्वारा यह तथ्‍य उल्लिखित किया गया है कि अपीलार्थी को कथित रूप से भेजी गयी नोटिस की रसीद परिवादी द्वारा जिला मंच में प्रस्‍तुत की गई अर्थात् स्‍वयं जिला मंच द्वारा कोई नोटिस अपीलार्थी को भेजी नहीं गई। प्रश्‍नगत निर्णय की जानकारी अपीलार्थी को अमीन द्वारा बसूली प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत करने पर हुई। जिला मंच द्वारा निर्णय की कोई प्रति अपीलार्थी को भेजी नहीं गई। तदोरान्‍त अपीलार्थी द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय की प्रमाणित प्रति प्राप्‍त करने हेतु आवेदन   किया गया तथा प्रमाणित प्रतिलिपि दिनांक १५-०५-२०१३ को प्राप्‍त कराई गई। अपीलार्थी की

 

 

 

 

-३-

ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच (प्रथम), आगरा को प्राप्‍त नहीं था। स्‍वयं परिवादी यह स्‍वीकार करता है कि अपीलार्थी का कालेज जनपद गाजियाबाद में स्थित है। जनपद गाजियाबाद में स्‍वयं प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा फीस जमा की गई तथा जनपद गाजियाबाद में प्रत्‍यर्थी/परिवादी के पुत्र ने प्रवेश निरस्‍त करने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया। प्रश्‍नगत परिवाद में शाखा प्रबन्‍धक, आई0सी0आई0सी0आई बैंक लि0, संजय प्‍लेस, आगरा को मात्र परिवाद का क्षेत्राधिकार दर्शित करने हेतु पक्षकार बनाया गया जबकि उसके विरूद्ध कोई अनुतोष नहीं चाहा गया। जमा की गई फीस का ड्राफ्ट आगरा में बनवाये जाने के आधार पर परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जनपद आगरा में माना गया जो विधिक रूप से त्रुटिपूर्ण है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी जनपद आगरा का निवासी है, अत: अपनी सुविधानुसार जनपद में बिना किसी क्षेत्राधिकार के परिवाद योजित किया गया। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि अपीलार्थी कालेज मेकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स हेतु आल इण्डिया काउन्सिल फॉर टेक्‍नीकल एजूकेशन द्वारा अनुमोदित किया गया है। वर्ष २००९-१० में अपीलार्थी कालेज में ९० सीटों में से मात्र ८२ सीटें ही भरी जा सकीं। परिवादी के पुत्र द्वारा सत्र के मध्‍य प्रवेश निरस्‍त करा लेने से परिवादी के पुत्र द्वारा खाली गई सीट भरी नहीं जा सकी। स्‍वयं परिवादी यह स्‍वीकार करता है कि शिक्षा सत्र ०५ दिन चलने के उपरान्‍त परिवादी द्वारा प्रवेश निरस्‍त कराया गया। ऐसी परिस्थिति में आल इण्डिया काउन्सिल फॉर टेक्‍नीकल एजूकेशन द्वारा जारी किए गये सर्कुलर दिनांकित    ०१-०९-२०११ के अनुसार परिवादी फीस वापस प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं है।

प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि वस्‍तुत: जिला मंच द्वारा अपीलार्थी को प्रश्‍नगत परिवाद के सन्‍दर्भ में कोई नोटिस नहीं भेजी गई। परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी को भेजी गई नोटिस के आधार पर अपीलार्थी पर नोटिस की तामील पर्याप्‍त मानी गई। यह भी उल्‍लेखनीय है कि यह तथ्‍य निर्विवाद है कि अपीलार्थी कालेज जनपद गाजियाबाद में स्थित है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के पुत्र द्वारा जनपद गाजियाबाद में ही फीस जमा की गई तथा प्रवेश निरस्‍त किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र भी जनपद गाजियाबाद में प्रस्‍तुत किया गया। जिला मंच ने अपीलार्थी कालेज में जमा की गई धनराशि से सम्‍बन्धित ड्राफ्ट के जनपद आगरा

 

 

 

 

 

-४-

में बनवाए जाने के आधार पर परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जनपद आगरा में माना है। मात्र ड्राफ्टों के आगरा में बनवाए जाने के आधार पर प्रस्‍तुत प्रकरण में किसी प्रकार का कोई वाद कारण जनपद आगरा में उत्‍पन्‍न होना नहीं माना जा सकता। अत: प्रश्‍नगत प्रकरण की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला फोरम, गाजियाबाद का ही होगा, जिला फोरम, आगरा का नहीं। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से प्रश्‍नगत निर्णय क्षेत्राधिकार के अभाव में पारित होने के कारण अपास्‍त किए जाने योग्‍य है। परिवादी सक्षम मंच के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत करने के लिए स्‍वतन्‍त्र होगा।

आदेश

            प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२७/२०१० में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०६-०१-२०११ अपास्‍त किया जाता है। परिवादी सक्षम मंच के समक्ष परिवाद योजित करने के लिए स्‍वतन्‍त्र होगा।

इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।

पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

 

                                              (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                पीठासीन सदस्‍य

 

                                                                                                                 

                                                (गोवर्द्धन यादव)

                                                    सदस्‍य

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२.

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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