Uttar Pradesh

StateCommission

A/629/2021

Manoj Kumar - Complainant(s)

Versus

Kostmer Asistent Center Tata Motors Ltd. - Opp.Party(s)

Self (By Post)

26 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/629/2021
( Date of Filing : 06 Dec 2021 )
(Arisen out of Order Dated 28/06/2021 in Case No. Complaint Case No. C/2013/110 of District Azamgarh)
 
1. Manoj Kumar
S/o Ram Teg Rai R/o Bhagwanpur Post Sathiyaon P.S. Mubarakpur Dist. Azamgarh
...........Appellant(s)
Versus
1. Kostmer Asistent Center Tata Motors Ltd.
20th Floor Tower 2A Van India Buls Center 841 Senapati Bapat Marg Alfistan Road Mumbai
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-629/2021

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, आजमगढ़ द्धारा परिवाद सं0-110/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.6.2021 के विरूद्ध)

मनोज कुमार पुत्र रामतेग राम, निवासी भगवानपुर, पोस्‍ट सठियांव, थाना मुबारकपुर, जिला आजमगढ़।

                                              ........... अपीलार्थी/परिवादी

बनाम          

कस्‍टमर असिसटेंस सेंटर (ऑल इण्डिया) टाटा, मोटर्स लिमिटेड 20 वॉ फ्लोर टावर 2ए वन इण्डिया बुल्‍स, सेन्‍टर 841 सेनापति बपत मार्ग एलफिस्‍टन रोड मुम्‍बई 400013 (महाराष्‍ट्र)

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य                     

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          : कोई नहीं।

दिनांक :- 26-8-2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

जिला उपभोक्‍ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद सं0-110/2013 मनोज कुमार बनाम कस्‍टमर असिसटेंस सेंटर (ऑल इण्डिया) टाटा मोटार्स लिमिटेड में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.6.2021 के विरूद्ध यह अपील डाक के माध्‍यम से प्रस्‍तुत की गई है।

प्रत्‍यर्थी को नोटिस प्रेषित किया गया तथा नोटिस का तामीला प्रत्‍यर्थी पर पर्याप्‍त माना गया, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अपीलार्थी की ओर से भी बहस के लिए कोई उपस्थित नहीं है।

अपीलार्थी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष परिवाद इस आशय से प्रस्‍तुत किया गया है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा एक वाहन टाटा मैजिक अंकन

-2-

3,69,000.00 रू0 में क्रय किया गया, जो हमेशा खराब बना रहा, वारण्‍टी अवधि में भी वाहन को ठीक नहीं किया गया, इसलिए वाहन की मरम्‍मत में आये खर्च अंकन 12,000.00 रू0 तथा वाहन खराब होने के कारण कारित नुकसान की मद में अंकन 50,000.00 रू0 वाहन की किस्‍त रूकने की पीड़ा के कारण बीमार होने पर इलाज में खर्च हुए अंकन 60,000.00 रू0 तथा मानसिक प्रताड़ना के मद में अंकन 1,50,000.00 रू0 कुल 2,61,200.00 रू0 वसूली के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी का आरोप असत्‍य है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी कम्‍पनी केवल एक उत्‍पादन कम्‍पनी है और उनके अधिकृत गैराज है, जहॉ से वाहन की मरम्‍मत करायी जा सकती है। वाहन में लगी हुई सभी चीजें कम्‍पनी द्वारा निर्मित नहीं की जाती है, जैसे कि टायर कम्‍पनी द्वारा निर्मित नहीं किया जाते है। अपीलार्थी/परिवादी का वाहन कामिर्शियल है, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय नहीं है।

दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि जो पाट्स टाटा मोटर्स द्वारा नहीं लगाये गये हैं उनकी त्रुटि के लिए टाटा मोटर्स जिम्‍मेदार नहीं है और बकाया किस्‍त की अदायगी के लिए अपीलार्थी/परिवादी स्‍वयं जिम्‍मेदार है, अत: अपीलार्थीपरिवादी को किसी भी अनुतोष को प्राप्‍त करने का अधिकृत नहीं माना गया, तद्नुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद खारिज कर दिया गया है।

अपील के ज्ञापन में केवल यह उल्‍लेख है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य और सबूतों का सही रूप से परिशीलन नहीं किया। इस अपील के ज्ञापन के साथ परिवाद पत्र की प्रति भी मौजूद नहीं है, इसलिए यह सुनिश्चित करना सम्‍भव नहीं है कि परिवाद किस तिथि दायर किया गया और किस अविध के पश्‍चात वाहन की मरम्‍मत करायी गई। यह‍ सुनिश्चित करना भी सम्‍भव नहीं है

-3-

कि वाहन की मरम्‍मत वारण्‍टी अवधि में करायी गई या वारण्‍टी अवधि के बाद करायी गई। अपील के ज्ञापन के साथ अन्‍य कोई ऐसा दस्‍तावेज भी मौजूद नहीं है जिस पर विचार करते हुए निर्माता कम्‍पनी को उत्‍तरदायी ठहराया जा सके। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता है। तद्नुसार यह अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

अपील खारिज की जाती है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)              

                  अध्‍यक्ष                                             सदस्‍य                                                                           

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.