Uttar Pradesh

StateCommission

C/2013/143

New India Sugar Mills - Complainant(s)

Versus

Kilvarn Engineering - Opp.Party(s)

B K Upadhayay

27 May 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2013/143
( Date of Filing : 24 Sep 2013 )
 
1. New India Sugar Mills
a
...........Complainant(s)
Versus
1. Kilvarn Engineering
a
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 27 May 2019
Final Order / Judgement

मौखिक

 

परिवाद संख्‍या-143/2013

न्‍यू इण्डिया शुगर मिल्‍स बनाम किलबर्न इंजीनियरिंग लि0 व अन्‍य

 

 

27.05.2019

पत्रावली प्रस्‍तुत हुई। उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रस्‍तुत परिवाद परिवादी ने उसके द्वारा विपक्षीगण से 44 लाख रूपये में खरीदी गयी शुगर ड्रायर मशीन जिसकी क्षमता 50 टन प्रति घण्‍टा बतायी गयी थी, को क्षमता के अनुसार कार्य न करना अभिकथित करते हुए उक्‍त मशीन को वापस लेकर उसके स्‍थान पर दूसरी नई शुगर ड्रायर मशीन 50 टन प्रति घण्‍टा चीनी सुखाने की क्षमता वाली मशीन प्रदान करने अथवा यदि उक्‍त मशीन नहीं बदली जाती है तो उस दशा में विपक्षीगण से उक्‍त मशीन का मूल्‍य 44 लाख रूपये परिवादी को मय ब्‍याज दिलाये जाने के अनुतोष के साथ योजित किया है।

विपक्षीगण द्वारा यह आपत्‍ति‍ की गयी कि प्रश्‍नगत शुगर ड्रायर मशीन व्‍यावसायिक प्रयोजन हेतु क्रय की गयी। अत: उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (1) डी के अन्‍तर्गत परिवादी उपभोक्‍ता नहीं माने जा सकते। अत: परिवाद क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

परिवाद के अभिकथनों के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रश्‍नगत शुगर ड्रायर मशीन परिवादी शुगर मिल्‍स में प्रयोगार्थ क्रय             की गयी। परिवाद के अभिकथनों में परिवादी द्वारा यह अभिकथित नहीं          किया गया है कि प्रश्‍नगत शुगर ड्रायर मशीन जीविकोपॉर्जन हेतु             अथवा स्‍वरोजगार हेतु क्रय की गयी। ऐसी परिस्थिति में विपक्षीगण के          इस  अभिकथन  में  बल  प्रतीत  होता है कि प्रश्‍नगत शुगर ड्रायर मशीन

P.T.O.

-2-

व्‍यावसायिक प्रयोजन हेतु क्रय किये जाने के कारण परिवादी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (1) डी के अन्‍तर्गत उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं माना जा सकता। प्रस्‍तुत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस आयोग को प्राप्‍त नहीं है। उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित भी नहीं है। अत: प्रस्‍तुत परिवाद, उभय पक्ष की अनुपस्थिति व क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

प्रस्‍तुत परिवाद, उभय पक्ष की अनुपस्थिति एवं क्षेत्राधिकार के अभाव में निरस्‍त किया जाता है।

उभय पक्ष को आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                          (गोवर्द्धन यादव)

पीठासीन सदस्‍य                                       सदस्‍य

 

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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