Uttar Pradesh

StateCommission

A/77/2022

Vinayak Auto Sales And Another - Complainant(s)

Versus

Kamlesh Patel - Opp.Party(s)

Vishnu Kumar Mishra And Sachin Kumar Srivastava

24 Feb 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/77/2022
( Date of Filing : 07 Feb 2022 )
(Arisen out of Order Dated 31/12/2021 in Case No. C/2020/61 of District Jaunpur)
 
1. Vinayak Auto Sales And Another
Gorakhpur Raod Mehra Deoria Through Prop. Avinash Kumar Srivastav
...........Appellant(s)
Versus
1. Kamlesh Patel
S/o Dayashankar Patel R/o Vill. Mauza Pachoolakhi Prasad Pargana Barsathi Dist. Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Feb 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-77/2022

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 61/2020 में पारित आदेश दिनांक 31.12.2021 के विरूद्ध)

1. विनायक ऑटो सेल्‍स गोरखपुर रोड मेंहरा देवरिया द्वारा प्रोपराइटर अवनीश कुमार श्रीवास्‍तव-274304

2. देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्‍तव पुत्र चंद्रबली ग्राम खंडडो, परगना व तहसील पडरौना जिला कुशीनगर 274304

                      ........................अपीलार्थीगण/विपक्षी सं01 व 2  

बनाम

कमलेश पटेल पुत्र दयाशंकर पटेल ग्राम मौजा पचूलखी, प्रसाद परगना बरसठी तहसील मडियाहूं जिला जौनपुर         

                                      ...................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा,  

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 24.02.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख अपीलार्थीगण विनायक ऑटो सेल्‍स व एक अन्‍य द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-61/2020 कमलेश पटेल बनाम बिनायक आटो सेल्‍स आदि में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.12.2021 के विरूद्ध योजित की गयी।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

''परिवादी का परिवाद संख्‍या 61/2020 कमलेश पटेल बनाम विनायक आटो सेल्‍स आंशिक रूप से विपक्षी सं01 व 2 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं01 व 2 को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को रूपये 5,75,000/-एवं  उस  पर  परिवाद  प्रस्‍तुत  किये  जाने  की  तिथि             

 

-2-

दिनांक 17.06.2020 से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज एवं रूपये 1000/- वाद ब्‍यय निर्णय की तिथि से एक माह के अन्‍दर भुगतान करे।

विपक्षी सं03 व 4 के विरूद्ध परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।

आदेश की एक-एक प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया जावे। ''

अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी एक कृषक है तथा अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-2, अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के नाम से कृषि यंत्रों के विक्रय का कार्य करता है तथा परिवाद पत्र के अनुसार परिवाद में विपक्षी संख्‍या-3 अवनीश कुमार श्रीवास्‍तव, अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-2 देवेन्‍द्र प्रसाद श्रीवास्‍तव का पुत्र है, जो साथ-साथ रहते हैं व आते-जाते रहते हैं। मार्च 2019 के प्रारम्‍भ में प्रत्‍यर्थी/परिवादी के गांव आकर कृषि यंत्र हार्वेस्‍टर फसल काटने के लिए अच्‍छा बताकर उसे क्रय करने की बात की गयी, जिसके लिए विपक्षीगण संयुक्‍त रूप से उत्‍तरदायी बताये गये।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 19.08.2019 को चेक संख्‍या 006844 से 2,00,000/-रू0, दिनांक 26.03.2019 को चेक संख्‍या 006845 से 2,00,000/-रू0  व दिनांक 26.03.2019 को चेक संख्‍या 006845 से 1,75,000/-रू0 अपने यूनियन बैंक शाखा रामपुर के खाता से अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-2 के खाता संख्‍या 520102010020431 में जमा/भुगतान कि�या, परन्‍तु उपरोक्‍त धनराशि जमा करने के बावजूद भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को न तो धन की वापसी की गयी और न ही हार्वेस्‍टर दिया गया, जिस कारण प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अत्‍यधिक शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति पहुँची। अतएव क्षुब्‍ध होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा वांछित अनुतोष हेतु विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित कि�या गया।  

 

-3-

परिवाद में विपक्षीगण संख्‍या-1 ता 3 ने जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन प्रस्‍तुत किया, जिसके अनुसार उन्‍होंने प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा 5,75,000/-रू0 की धनराशि दिया जाना स्‍वीकार कि�या तथा परिवाद के शेष कथनों से इंकार कि�या। विपक्षीगण संख्‍या-1 ता 3 ने अपने अतिरिक्‍त कथन में कहा कि� विपक्षीगण की सेवा की गुणवत्‍ता व ख्‍याति देखकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी दिनांक 11.03.2019 को अपने                2-3 साथियों के साथ विपक्षी संख्‍या-1 के कार्यालय गोरखपुर रोड मेहरा देवरिया उ0प्र0 पर गया वहां पर विपक्षी संख्‍या-2 अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 ट्रैक्‍टर के लिए मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर को क्रय करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त कि�या, उसके लिए कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर का कोटेशन लेकर कोटेशन पर छपे विवरण को ध्‍यान से पढ़ा और कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर खरीदेन हेतु कोटेशन पर छपी शर्तों को मंजूर कि�या। विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर खरीदने हेतु कोटेशन पर छपी शर्तों को समझाया व बताया गया। उपरोक्‍त कोटेशन के पृष्‍ठ भाग पर स्‍पष्‍ट रूप से अंकि�त है कि� कि�सी विवाद की स्थिति में विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार देवरियां जनपद में होगा। यह शर्त प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को मंजूर रही। प्रत्‍यर्थी/परिवादी  ने स्‍वीकारोक्ति में कोटेशन पर हस्‍ताक्षर कि�या। कोटेशन में तयशुदा शर्तों के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी  को अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 के लिए मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर के लिाए 7,25,000/-रू0 तय हुआ, जिसके लिए प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने कुल 5,75,000/-रू0 जमा कि�या। मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर बुक होने पर विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा उसके निर्माता कम्‍पनी को मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर का पूरा मूल्‍य देकर क्रय करना पड़ता है। उसी क्रम तें प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा जब अपने अर्जुन नोवो 605 डी0आई ट्रैक्‍टर के लिए मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर का आर्डर बुक कि�या गया, तो विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी पर भरोसा करके उस के द्वारा             7,25,000/-रू0 जमा न कि�ये जाने के बावजूद अपनी सेवा की गुणवत्‍ता की ख्‍याति बनाये रखने के लिए मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर निर्माता कम्‍पनी को पूरी धनराशि 7,25,000/-रू0 जमा करके मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर को अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 ट्रैक्‍टर के लिए विशेष रूप से  निर्मित  कर  मंगवाया,

 

 

-4-

ताकि� प्रत्‍यर्थी/परिवादी को तय नियत दिनांक 08.04.2019 को उसे सप्‍लाई कि�या जा सके। दिनांक 08.04.2019 को प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी की फर्म पर तो आये किन्‍तु मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर हेतु तय शुदा उक्‍त ट्रैक्‍टर को लेकर नहीं आये, जिससे ट्रैक्‍टर के अभाव में मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर की फिटिंग नहीं की जा सकी। विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 ट्रैक्‍टर ले आकर मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर को ले जाने और बकाया धनराशि 1,50,000/-रू0 उधार करने की बात करने लगा, तो विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से कहा कि� उधार वाली बात कोटेशन लेते समय ही तय करनी चाहिए थी हमने निर्माता कम्‍पनी को पूरी धनराशि 7,25,000/-रू0 भुगतान करके मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर विशेष रूप से आपके अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 हेतु मंगाया है। अत: हम उधार नहीं कर सकते। आप पूरा भुगतान करके ट्रैक्‍टर लाकर हार्वेस्‍टर ले जाइये। प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी की दुकान से वापस चला गया और कभी दुकान पर वापस नहीं आया तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी से 5,75,000/-रू0 वापस मांगने लगा। विपक्षी ने मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अर्जुन नोवो 605 डी0आई0 के लिए विशेष रूप से बनवाया था, जिस कारण उक्‍त मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर कि�सी अन्‍य को बेच पाना संभव नहीं था। विपक्षी ने कोटेशन की शर्त के मुताबिक नियत समय पर आपूर्ति करने हेतु मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर को मंगाने हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रदत्‍त 5,75,000/-रू0 में अपना 1,50,000/-रू0 मिलाकर उसका पूरा मूल्‍य निर्माता कम्‍पनी को अदा कर दिया। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के रूपये विपक्षी के पास नहीं बचे। कोटेशन के पृष्‍ठ पर छपे नियम शर्तों के क्रमांक-5 पर स्‍पष्‍ट रूप से तय शुदा शर्त रही कि‍ बिका हुआ माल वापस नहीं होगा। इस शर्त का उल्‍लंघन प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा कि�या गया। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी कि�सी भी याचित अनुतोष को पाने का अधिकारी नहीं है, अपितु प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी का बकाया 1,50,000/-रू0 ब्‍याज सहित विपक्षी को अदा करने हेतु उत्‍तरदायी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी आर्डर देने के पश्‍चात् मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर नहीं ले गया। अत: उक्‍त हार्वेस्‍टर को रखने के लिए विपक्षी को सुनील सिंह का गोदाम 5,000/-रू0 प्रतिमाह की दर से कि�राये पर लेना  पड़ा।  विपक्षी  ने

 

 

-5-

1,50,000/-रू0 अपने के0सी0सी0 एकाउन्‍ट से निकाल कर उक्‍त हार्वेस्‍टर मंगाया है, जिसका अतिरिक्‍त ब्‍याज विपक्षी को बैंक को देना पड़ रहा है, जिससे विपक्षी को अप्रैल 2019 से जुलाई 2020 तक 16 माह का किराये के रूप में 80,000/-रू0 की क्षति हुई व बकाया 1,50,000/-रू0 एवं उसका ब्‍याज 5,000/-रू0 की क्षति हुई, जिसके भुगतान का दायित्‍व प्रत्‍यर्थी/परिवादी पर है। विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी से उक्‍त रूपये                2,80,000/-रू0 व भुगतान की तिथि तक उस पर ब्‍याज व के0सी0सी0 एकाउन्‍ट पर लिये जा रहे ब्‍याज को प्राप्‍त करने का अधिकारी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कृत्‍य से विपक्षी की फर्म की साख एवं विश्‍वसनीयता को क्षति पहुँची है। विपक्षी के विरूद्ध नाजायज रूप से अधिकार विहीन परिवाद प्रस्‍तुत करने व मानसिक आघात भी पहुंचा है, जिससे विपक्षी को 5,00,000/-रू0 की आर्थिक क्षति हुई है। इस आर्थिक क्षतिपूर्ति का दायित्‍व भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी पर है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बकाया मूल्‍य 1,50,000/-रू0 विपक्षी को अदा नहीं कि�या और न मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर ले गया। इस प्रकार प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा कोटेशन की शर्त का उल्‍लंघन कि�या गया तथा यह कि� प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी का उपभोक्‍ता नहीं है। विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी की सेवा में कमी नहीं की गयी। परिवाद कालबाधित है। परिवाद संधारणीय नहीं है तथा यह कि जिला उपभोक्‍ता आयोग को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से नहीं आया है। विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी से 2,80,000/-रू0 तथा वसूली की तिथि तक ब्‍याज पाने का अधिकारी है। उक्‍त आधारों पर विपक्षीगण संख्‍या-1 ता 3 द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख कथन कि�या गया कि� प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद मय विशेष खर्च खारिज कि�या जावे।

     परिवाद के विपक्षी संख्‍या-4 सियाराम पुत्र राजपति द्वारा भी जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख लिखित कथन प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद की दफा 1 ता 4 के कथनों को स्‍वीकार कि�या गया तथा परिवाद की दफा 5 ता 9 के कथनों को अस्‍वीकार किया गया तथा अपने अतिरिक्‍त कथन में कहा गया कि विपक्षी संख्‍या-4 द्वारा कोई भी पैसा नहीं लिया गया, अपितु प्रत्‍यर्थी/परिवादी एवं विपक्षी संख्‍या-2 व 3 से कृषि यंत्र प्रश्‍नगत मशीन क्रय

 

 

-6-

विक्रय के लिए बात कराया था। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-2 व 3 के खाते में 5,50,000/-रू0 ट्रांसफर कि�या था, जिसकी विपक्षी को जानकारी है तथा यह कि� विपक्षी संख्‍या-2 व 3 ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को हार्वेस्‍टर मशीन आज तक नहीं दी है। विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से न तो पैसा लिया है और न देने के लिए जिम्‍मेदार है। परिवाद में साक्ष्‍य अधिनियम की बाधा है। परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई उचित पर्याप्‍त कारण नहीं है। उक्‍त आधारों पर विपक्षी संख्‍या-4 द्वारा कथन कि�या गया कि� प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद खारिज कि�या जावे।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा मौखिक साक्ष्‍य में संक्षिप्‍त शपथ पत्र 5ग एवं विस्‍तृत शपथ पत्र 17ग एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य में फेहरीस्‍त सूची 6ग से रसीद की फोटोस्‍टेट प्रति कागज संख्‍या 7ग/1, पासबुक की फोटोस्‍टेट प्रति कागज संख्‍या 7ग/2 ता 7ग/4 दाखिल कि�या है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षीगण संख्‍या 1 ता 4 द्वारा कई अवसर दिये जाने के बाद भी मौखिक साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं कि�या गया। अत: विपक्षीगण का मौखिक साक्ष्‍य का अवसर दिनांक 18.02.2021 को समाप्‍त कर दिया गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षीगण संख्‍या 1 ता 3 की ओर से विनायक आटो मोबाईल्‍स का कोटेशन/इस्‍टीमेट व टर्म एण्‍ड कण्‍डीशन की फोटोस्‍टेट प्रति क्रमश: कागज संख्‍या 14ग/1 व 14ग/2 दाखिल कि�ये गये तथा विपक्षी संख्‍या-4 की ओर से दस्‍तावेजी साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं कि�या गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में अवधारित किया कि विपक्षी संख्‍या 1 ता 3 की ओर से दाखिल विनायक आटो मोबाईल्‍स के कोटेशन/इस्‍टीमेट कागज संख्‍या 14 ग/1 के अनुसार उक्‍त मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर की कीमत 7,25,000/-रू0 अंकि�त है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपने परिवाद में कहीं भी यह स्‍पष्‍ट नहीं कि�या है कि वह उक्‍त कोटेशन/इस्‍टीमेट में अंकि�त शेष धनराशि 1,50,000/-रू0 देने के लिए तत्‍पर रहा। उक्‍त स्थिति में इस सम्‍भावना से इंकार नहीं कि�या जा  सकता  है  कि‍  विपक्षी

 

-7-

संख्‍या-1 व 2 द्वारा उक्‍त मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर की सम्‍पूर्ण कीमत अदा न कि�ये जाने के कारण मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर की आपूर्ति नहीं की गयी। उक्‍त स्थिति में जिला आयोग की राय में प्रत्‍यर्थी/परिवादी शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पाया गया कि विपक्षी संख्‍या-2, विपक्षी संख्‍या-1 का प्रोप्राईटर है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-2 को 5,75,000/-रू0 चेक के माध्‍यम से भुगतान कि�ये जाने के बावजूद विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को तयशुदा मिनी कम्‍बाइन हार्वेस्‍टर नहीं दिया गया। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा                विपक्षी संख्‍या-1 व 2 की सेवाओं में कमी मानते हुए तथा उनके द्वारा अनुचित व्‍यापारिक व्‍यवहार अपनाये जाने के कारण विपक्षी संख्‍या-1 व 2 अर्थात् प्रस्‍तुत अपील के अपीलार्थीगण के विरूद्ध प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत आदेश पारित कि�या गया।

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है अतएव, प्रस्‍तुत अपील अंगीकरण के स्‍तर पर निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थीगण की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित  जिला  उपभोक्‍ता आयोग को विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                         अध्‍यक्ष             

जितेन्‍द्र आशु0, कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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