Chhattisgarh

Korba

CC/14/83

Santosh Kumar Kashyap - Complainant(s)

Versus

Kalyani Idea Customer Care Agency and Other - Opp.Party(s)

Mr Vaibhav P Shukla

18 Mar 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Korba (Chhattisgarh)
 
Complaint Case No. CC/14/83
 
1. Santosh Kumar Kashyap
Q.No.-NF-103,CSEB Calony Korba (EAST)
Korba
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Kalyani Idea Customer Care Agency and Other
TP Nagar Korba New Bus Stand Korba
Korba
Chhattisgarh
2. Idea Celluar Ltd
Suman Tower Plot No 18 Sector II Gandhinagar 382011
Gandhinagar
Gujrat
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. C.L.PATEL PRESIDENT
 HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL MEMBER
 HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY MEMBER
 
For the Complainant:
Mr Vaibhav P Shukla
 
For the Opp. Party:
Mr S V Upadhyay
Mr Anil Dewangan
 
ORDER

 

जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, कोरबा (छ0ग0)

                                              प्रकरण क्रमांक:- CC/14/83

                                                  प्रस्‍तुति दिनांक:- 25/11/2014

समक्ष:- छबिलाल पटेल, अध्‍यक्ष,

       श्रीमती अंजू गबेल, सदस्‍य,

       श्री राजेन्‍द्र प्रसाद पाण्‍डेय, सदस्‍य

 

संतोष कुमार कश्‍यप, उम्र-27 वर्ष,

पिताश्री कार्तिकराम कश्‍यप, क्‍वा. नं. एन.एफ.-103,

सीएसईबी कॉलोनी, कोरबा (पूर्व)

तहसील व जिला-कोरबा (छ.ग.)...........................................................आवेदक/परिवादी

 

विरूद्ध

 

  1.  कल्‍याणी आईडिया कस्‍टमर केयर,

 एजेंसी टी.पी. नगर कोरबा, नया बस स्‍टैड, कोरबा (छ0ग0)

 

  1. आईडिया सेल्‍युलर लिमिटेड,

 कार्यालय सुमन टावर प्‍लाट नंबर-18, सेक्‍टर-11,

 गॉधीनगर गुजरात-38211.................................अनावेदकगण/विरोधीपक्षकारगण

 

 

            आवेदक द्वारा श्री वैभव पी शुक्‍ला अधिवक्‍ता।

            अनावेदक क्रमांक 01 द्वारा श्री एस. व्‍ही. उपाध्‍याय अधिवक्‍ता।

            अनावेदक क्रमांक 02 द्वारा श्री अनिल देवांगन अधिवक्‍ता।

 

 

आदेश

(आज दिनांक 18/03/2015 को पारित)

 

01.         परिवादी / आवेदक संतोष कुमार कश्‍यप ने अनावेदक आईडिया सेल्‍युलर के द्वारा जारी किये गये पोस्‍ट पेड सिम को प्रीपेड सिम में बदलने के लिए निवेदन करने पर भी ऐसी सुविधा प्रदान नहीं करके अनावेदक के द्वारा सेवा में कमी किये जाने के आधार 80,000/-रू0,10,000/-रू0 आर्थिक क्षति तथा 10,000/- मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि इस प्रकार कुल 1,00,000/– रू.की राशि तथा वाद व्‍यय एवं ब्‍याज भी दिलाये जाने हेतु,यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्‍तुत किया है।

 

02.         परिवादी/आवेदक का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक ने अनावेदक क्रमांक 01 कल्‍याणी आईडिया कस्‍टमर केयर एजेंसी टीपीनगर कोरबा से अनावेदक क्रमांक 02 आईडिया सेल्‍युलर की पोस्‍ट पेड सिम अपनी मोबाईल फोन के लिए माह दिसंबर 2013 में लिया था। आवेदक ने दिनांक 25/10/2014 को उक्‍त पोस्‍ट पेड की सिम सुविधा को बंद कर उसी नंबर का प्रीपेड सिम की सुविधा प्रदान करने के लिए आवेदन-पत्र अनावेदक क्रमांक 01 के कार्यालय टीपीनगर कोरबा में प्रस्‍तुत किया था। आवेदक के द्वारा उपरोक्‍त कार्य हेतु बिल तथा प्रक्रिया शुल्‍क की राशि 2380/-रू0 अनावेदक क्रमांक 01 को भुगतान किया गया था। आवेदक के उपरोक्‍त आवेदन-पत्र पर अनावेदकगण के द्वारा शीघ्रता से कार्यवाही नहीं की गयी और प्रीपेड की सुविधा चालू नहीं किया गया। आवेदक को माह नवम्‍बर के लिए पोस्‍ट पेड सुविधा के लिए नए बिल का भुगतान करने हेतु नोटिस दिया गया। जबकि आवेदक ने पोस्‍ट पेड सुविधा बंद करने के लिए एक माह पूर्व ही आवेदन दे दिया था। इस प्रकार अनावेदकगण के द्वारा प्री पेड सुविधा आवेदक के मोबाईल फोन पर न दिये जाने से उसके कोचिंग संस्‍थान में प्रति छात्र 10,000/-रू0 की दर से कुल 80,000/-रू0 का नुकसानी हो गया। आवेदक के द्वारा अनावेदकगण को विधिक नो‍टिस भी प्रेषित किया गया किंतु उनके के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और सेवा में कमी की गयी। जिसके लिए आवेदक को आर्थिक क्षति एवं मानसिक क्षति के लिए 10,000/-रू0, 10,000/-रू0 भी अनावेदकगण से दिलायी जावें।

 

03.         अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा प्रस्‍तुत जवाबदावा संक्षेप में इस प्रकार है कि वह टीपीनगर कोरबा में अनावेदक क्रमांक 02 के आईडिया सेल्‍युलर कंपनी के द्वारा निर्मित सिम कार्ड का विक्रय करता है इसके साथ ही ग्राहको को आईडिया कंपनी के द्वारा जारी बिल का संग्रहण कार्य भी करता है। आवेदक के द्वारा आईडिया कंपनी के सिम का ग्राहक होने के आधार पर दिनांक 25/10/2014 को उसके द्वारा बिल की राशि 2380/-रू0 जमा करने पर इस अनावेदक के द्वारा रसीद जारी किया गया था। इस अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा आवेदक से कोई अतिरिक्‍त राशि नहीं ली गयी है। आवेदक को उसके मोबाईल नंबर 9926729356 जो कि पोस्‍ट पेड सिम है, उसे प्रीपेड सिम में बदले जाने हेतु उक्‍त 2380/-रू0 की रसीद जारी किया गया था। अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा उक्‍त राशि प्राप्‍त करने के बाद तत्‍काल अनावेदक क्रमांक 02 की बेबसाईट में आवेदक के अनुरोध-पत्र दिनांक 25/10/2014 को ही 7.12 बजे प्रेषित कर दिया था। आवेदक के उक्‍त कार्य के निष्‍पादन की अवधि दिनांक 28/10/2014 अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा दिया गया था। जिसकी सूचना आवेदक को उसी समय दे दिया गया था। आवेदक को एसएमएस के माध्‍यम से भी उसकी जानकारी दी गयी थी। अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा प्रीपेड सिम की सुविधा उक्‍त समयावधि में प्रदान नहीं किये जाने की शिकायत आवेदक ने अनावेदक क्रमांक 01 के पास दिनांक 10/11/2014 को किया तब उसके संबंध में अनावेदक क्रमांक 02 के पास सूचना इस अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा प्रेषित किया गया। उसके बाद अनावेदक क्रमांक 02 की ओर से दिनांक 12/11/2014 तक कार्य निष्‍पादन करने का आश्‍वासन दिया गया था। अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा उस अवधि में भी कार्यवाही नहीं किये जाने पर अनावेदक क्रमांक 01 ने पुन: दिनांक 25/11/2014 को इसकी सूचना अनावेदक क्रमांक 02 को दिया था। अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा आवेदक की शिकायत पर अपनी ओर से शीघ्रता से कार्यवाही की गयी, इस प्रकार सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। उसके बाद भी आवेदक के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के कार्यालय में आकर महिला कर्मचारियों से गाली गलौच एवं अभद्रता की गयी और अनावेदक क्रमांक 01 के कंपनी को बंद करा देने की धमकी देते हुए फलावर पाट को भी गुस्‍से में तोड दिया गया। आवेदक ने इस अनावेदक क्रमांक 01 के विरूद्ध झूठे व असत्‍य आधारो पर यह परिवाद-पत्र पेश किया है, उसे कोई आर्थिक नुकसानी नहीं हुई है। अत: आवेदक से 10,000/-रू0 इस अनावेदक क्रमांक 01को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाते हुए परिवाद-पत्र को सव्‍यय निरस्‍त किया जावे।

 

04.         अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा प्रस्‍तुत जवाबदावा संक्षेप में इस प्रकार है कि  आवेदक ने एआईएम एजुकेशनल सेंटर कोचिंग सेटर का संचालन किया जाना बताया है और अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा पोस्‍ट पेड सिम की सुविधा को बदलकर उसे प्रीपेड सिम सुविधा में न बदले जाने से 80,000/-रू0 की नुकसानी छात्रों के कारण होना बताया है। इस प्रकार आवेदक के द्वारा व्‍यवसायिक प्रयोजन हेतु मोबाईल प्रीपेड सिम को एक्‍टीवेट नहीं होने के कारण छात्रों से संपर्क नहीं हो पाने का कथन किया है। इसलिए आवेदक धारा 2 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता जिसके कारण परिवाद-पत्र निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। आवेदक के द्वारा पहले इस अनावेदक क्रमांक 02 के प्रीपेड प्‍लान का प्रयोग किया जा रहा था। उसके बाद में इस कंपनी के द्वारा प्रारंभ की गयी कुछ योजनाओं से आकर्षित होकर उसके द्वारा पोस्‍ट पेड प्‍लान चालू किये जाने की इच्‍छा जाहिर की गयी थी, किंतु उसके 01 माह के भीतर ही आवेदक ने पुन: प्रीपेड प्‍लान में वही मोबाईल नंबर दिये जाने का निवेदन किया। अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा किसी उपभोक्‍ता के निवेदन पर प्रीपेड को पोस्‍ट पेड में परिवर्तित किया जा सकता है, किंतु पोस्‍ट पेड सर्विस को प्रीपेड में बदलने के लिए उक्‍त उपभोक्‍ता के सभी लंबित बिलो की अदायगी किया जाना आवश्‍यक है। इसी तरह उन सभी आवश्‍यकताओं को पूरा करना होता है जो नया कनेक्‍शन लिये जाने पर उपभोक्‍ता के द्वारा की जाती है। आवेदक ने दिनांक 25/10/2014 को पहली बार जब पोस्‍ट पेड को प्रीपेड सुविधा में बदलने का निवेदन किया, तब उसके एकाउंट में 486/- का भुगतान शेष था उसके बाद दिनांक 06/11/2014 को दुबारा परिवादी के द्वारा प्रीपेड में बदलने का निवेदन किया गया तब 635/-रू0 का भुगतान किया जाना शेष था। परिवादी के द्वारा जब तीसरी बार निवेदन किया गया उस समय 1085/-रू0 का भुगतान दिनांक 10/11/2014 को लंबित था। चूकि परिवादी अपने फोन का उपयोग कर रहा था जिसके कारण उसके बिल में लगातर वृद्धि हो रही थी। आवेदक ने 2380/-रू0 का भुगतान किया था, वह दिनांक 15/10/2014 तक परिवादी के द्वारा प्रयोग किये गये फोन का बिल था। इस प्रकार आवेदक के द्वारा दिनांक 15/10/2014 तक के बिल का भुगतान 2380/- रू0 जमा कर किया गया था, किंतु दिनांक 16/10/2014 से दिनांक 25/10/2014 तक प्रयुक्‍त किेये गये फोन का बिल आवेदक ने अदा नहीं किया था। अत: आवेदक के निवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी। आवेदक इस परिवाद-पत्र को प्रस्‍तुत करने में स्‍वच्‍छ हाथो आकर अनुतोष की मांग नहीं किया है। इस अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा उसकी मोबाईल फोन के संबंध में सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। इसलिए परिवाद-पत्र को सव्‍यय निरस्‍त किया जावे।    

  

05.         परिवादी/आवेदक की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्‍तावेज तथा स्‍वयं का शपथ-पत्र दिनांक 22/11/2013 का पेश किया गया है। अनावेदक क्रमांक 01 की ओर से सूची अनुसार दस्‍तोवज क्रमांक डी-1 से डी-5 तक पेश किया है। अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्‍तावेज तथा भार्गव शर्मा, मैनेजर आईडिया सेल्‍युलर लिमिटेड के दो शपथ-पत्र दिनांक 10/01/2015 तथा दिनांक 23/01/2015 का पेश किये गये है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों का अवलोकन किया गया।

 

06.         मुख्‍य विचारणीय प्रश्‍न है कि:-

क्‍या परिवादी/आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद-पत्र स्‍वीकार किये जाने योग्‍य हैॽ

 

07.         आवेदक ने अपने मतदाता परिचय पत्र की फोटोप्रति दस्‍तावेज क्रमांक ए-6 का प्रस्‍तुत किया जो जिसके अनुसार वह सीएसईबी कालोनी कोरबा का निवासी है उसके  द्वारा मोबाईल फोन नंबर 9926729356 के संबंध में दिनांक 15 जनवरी 2014 का बिल दस्‍तावेज क्रमांक ए-5ई तथा उसी मोबाईल फोन के संबंध में विस्‍तृत विवरणी इन्‍वाईस दस्‍तोवज क्रमांक ए-5 सी एवं ए-5डी तथा दिनांक 21 दिसंबर 2013 से दिनांक 14 जनवरी 2013 तक फोन चार्जेस के संबंध में इन्‍वाईस दस्‍तावेज क्रमांक ए-5बी जिसमें कुल देय राशि 528.27/-रू0 के संबंध में दर्शाया गया है। इसके अलावा दस्‍तावेज क्रमांक ए-5ए भी उसी अवधि का चार्जेस समरी बिल है।

           

08.         आवेदक ने अपने उपरोक्‍त मोबाईल फोन नंबर के संबंध में दिनांक 15/09/2014 से दिनांक 14/10/2014 के संबंध में बिल विवरणी प्रस्‍तुत किये है, जो दस्‍तावेज क्रमांक ए-4ए से लेकर दस्‍तावेज क्रमांक ए-4एफ तक है। जिनमें दस्‍तावेज क्रमांक ए-4ए में कुल देय राशि 1968.05/-रू0 होना दर्शाया गया है। आवेदक ने इसी तरह दिनांक 15/10/2014 से दिनांक 14/11/2014 के संबंध में बिल विवरणी प्रस्‍तुत किये है जो दस्‍तावेज क्रमांक ए-3ए से दस्‍तावेज क्रमांक ए-3सी तक है, जिसमें दस्‍तावेज क्रमांक ए-3ए में कुल बकाया देय राशि 601.90/-रू0 दर्शाया गया है। आवेदक ने दस्‍तावेज क्रमांक ए-1 का प्रस्‍तुत किया है जो दिनांक 25/10/2014 को दिनांक 15/10/2014 की इन्‍वाईस  के अनुसार 2380/-रू0 जमा किये जाने के संबंध में है।  

 

09.         आवेदक के अनुसार उसने उपरोक्‍त 2380/-रू0 अपने पुराना बकाया बिल एवं पोस्‍ट पेड सुविधा को प्रीपेड सुविधा में बदले जाने हेतु प्रक्रिया शुल्‍क होना बताया है। आवेदक के अनुसार उसके द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन-पत्र दिनांक 25/10/2014के संबंध में अनावेदक के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और पोस्‍ट पेड सुविधा को प्रीपेड सुविधा में नहीं बदला गया। जबकि उसे 26 घंटे के अंदर ही आवेदक के घर के फोन नंबर पर सूचना दे दी जावेगी बताया गया था। लेकिन उसके पांच दिनों के बाद भी आवेदक के फोन पर कोई फोन नहीं आया आवेदक को बाद में दो दिन और प्रतिक्षा करने के लिए कहा गया। आवेदक जब आठवें दिन आईडिया के कस्‍टमर केयर जाकर जानकारी चाहा गया तब अनावेदक की ओर से बताया गया कि आवेदक को भूलवश नया प्रीपेड सिमकार्ड जिसके अंत में 89917871140230233909 एच-2 लिखा था उसे अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा वापस लिया जाकर दुसरा नया प्रीपेड सिमकार्ड जिसके अंक 89917871140124639823 एच-1 लिखा था, को दिया गया और उसे मान्‍य सिमकार्ड बताया गया। उसके बाद प्रीपेड सुविधा आवेदक को देने के लिए पूरी प्रकिया को दुहराया गया, जिसमें 7-8 दिन बीत जाने के बाद भी पोस्‍ट पेड सुविधा को न तो बंद किया गया और न ही प्रीपेड मोबाईल नंबर चालू किया गया। अनावेदक क्रमांक 01 की ओर से आवेदक को निश्चिंत रहने को कहा गया और बताया गया कि पोस्‍ट पेड मोबाईल नंबर का कोई भी बिल नहीं आयेगा। आवेदक के द्वारा इस प्रकार कई बार अनावेदक क्रमांक01 के पास पूछताछ के लिए जाना पडा, लेकिन उसे कोई सहायता प्रदान नहीं किया गया। आवेदक के द्वारा उपरोक्‍त परिस्थितियों के संबंध में बताने के लिए शपथ-पत्र दिनांक 22/11//014 का प्रस्‍तुत किया गया है जो दस्‍तावेज क्रमांक ए-2 है।

 

10.         अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा प्रस्‍तुत दस्‍तावेज क्रमांक डी-1 के अनुसार अनावेदक क्रमांक 01 ने दिनांक 25/10/2014 को आवेदक के आवेदन-पत्र पोस्‍ट पेड सुविधा को प्रीपेड सुविधा में उसके मोबाईल नंबर पर दिये जाने हेतु अनावेदक क्रमांक 02 को ई-मेल से सूचित किया था। जिसके अनुसार दिनांक 28/10/2014 तक कार्यपूर्ण हो जाने हेतु तिथि दी गयी थी। इसी तरह अनावेदक क्रमांक01 के द्वारा अनावेदक क्रमांक 02 को आवेदक के कार्यपूर्ण होने पर दिनांक 06/11/2014 को ई-मेल भेजकर सूचित किया गया तब कार्यवाही पूर्ण करने के लिए 08/11/014 की तिथि दी गयी, उसके बाद भी आवेदक के आवेदन के संबंध में कार्यवाही पूरी नहीं होने पर अनावेदक क्रमांक 01 पर दिनांक 10/11/2014 को अनावेदक क्रमांक 02 के पास दस्‍तोवज क्रमांक डी-3 का ई-मेल भेजा गया। उस समय दिनांक 12/11/2014 तक कार्यपूर्ण हो जाने की सूचना दी गयी थी। अनावेदक क्रमांक 01 के दस्‍तोवज क्रमांक डी-4 भी अनावेदक क्रमांक 02 को दिनांक 12/11/2014 को प्रेषित ई-मेल की प्रति है। जिसमें भुगतान हेतु ब‍काया 112/-रू0 दर्शित है।

 

11.         अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा प्रस्‍तुत किये गये दस्‍तावेजों के अवलोकन एवं उसकी ओर से किये गये तर्क से स्‍पष्‍ट है कि आवेदक ने जो आवेदन-पत्र दिनांक 25/10/2014 को प्रस्‍तुत किया था, उसके अनुसार पोस्‍ट पेड से प्रीपेड सुविधा की कार्यवाही दिनांक 28/10/2014 तक हो जानी थी, किंतु दिनांक 12/11/2014 तक भी दस्‍तावेज क्रमांक डी-4 के अनुसार पूरा नहीं किया गया। आवेदक को अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा ऐसी कोई सूचना नहीं दी गयी कि पोस्‍ट पेड की देय ब‍काया राशि कितनी है या उसी उक्‍त्‍ राशि के भुगतान किये बिना प्रीपेड की सुविधा नहीं दी जा सकती है। यदि अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा इस तरह की कोई सूचना अनावेदक क्रमांक 01 के माध्‍यम से भी दी जाती तो आवेदक को शीघ्र कार्यवाही होने पर कोई आर्थिक अथवा मानसिक परेशानी नहीं होती।

 

12.         अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा प्रस्‍तुत किए गये शपथ-पत्र के अलावा दस्‍तावेज क्रमांक एन-1ए जो कि आवेदक के द्वारा प्रस्‍तुत दस्‍तोवज क्रमांक ए-3ए की ही प्रति है, तथा दस्‍तावेज क्रमांक एन-1बी आवेदक के दस्‍तावेज क्रमांक ए-3बी की प्रति है।  इसी तरह दस्‍तोवज क्रमांक एन-1सी आवेदक के दस्‍तावेज क्रमांक ए-3सी की प्रति है। यह दस्‍तोवज बिल दिनांक 15/11//014 से संबंधित है। अनावेदक क्रमांक 02 की ओर से ऐसा कोई दस्‍तावेज पेश नहीं किया गया है, जिसमें आवेदक की मोबाईल की पोस्‍ट पेड सुविधा को प्रीपेड सुविधा में किसी विशेष दिनांक के बाद ही परिवर्तन किया जा सकता है ऐसा पता चल सक। अनावेदक क्रमांक 02 की ओर से आवेदक को यह नहीं बताया गया है कि उसे पोस्‍ट पेड सिम को जमा करने पर या बकाया बिल राशि अदा करने पर ही प्रीपेड सिम की सुविधा दी जा सकती है। इस प्रकार अनावेदकगण की ओर से आवेदक की सेवा में कमी किया जाना स्‍पष्‍ट होता है। अनावेदक क्रमांक 02, अनावेदक क्रमांक 01 के मार्फत अपनी मोबाईल सुविधा ग्राहको तक पहुंचाता है ऐसी स्थिति में दोनो अनावेदकगण को संयुक्‍त रूप से आवेदक के प्रति उत्‍तरदायी होना पाया जाता है।

 

13.         आवेदक ने अपने व्‍यवसायिक संस्‍थान के कार्य में उपरोक्‍त मोबाईल फोन की पोस्‍ट पेड सुविधा को प्रीपेड सुविधा में नहीं बदले जाने के कारण आर्थिक नुकसानी होना बताया गया है कितु उसने उपरोक्‍त नुकसानी के संबंध में साक्ष्‍य स्‍वरूप कोई विवरण प्रस्‍तुत नही किये है। वैसे भी आवेदक दुरवर्ती नुकसानी बाबत इस जिला फोरम के समक्ष लाभ प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं हो सकता है। आवेदक ने अपने नाम पर उपरोक्‍त मोबाईल फोन सुविधा प्राप्‍त की है, इसलिए वह मोबाईल अनावेदकगण का ग्राहक है जिसे सेवा प्रदान करना अनावेदकगण का दायित्‍व है। आवेदक उक्‍त फोन का उपयोग अपने व्‍यवसायिक कार्य में सुविधा के लिए करता है तो मात्र इसी बात से उसे उपभोक्‍ता की श्रेणी से बाहर नहीं माना जा सकता है।

 

14.         इस प्रकार उभय पक्ष द्वारा प्रस्‍तुत सभी साक्ष्‍य की विवेचना के आधार पर यही निष्‍कर्ष निकाला जा सकता है कि आवेदक परिवाद-पत्र को प्रमाणित करने में सफल रहा है। इसलिए वह मानसिक परेशानी के संबंध में क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने का भी अधिकारी है।

 

15.         अत: मुख्‍य विचारणीय प्रश्‍न का निष्‍कर्ष ‘’हॉ’’ में दिया जाता है।

 

16.         तद्नुसार परिवादी/आवेदक संतोष कुमार कश्‍यप की ओर से प्रस्‍तुत इस परिवाद-पत्र को धारा12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम1986 के तहत स्‍वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदकगण के विरूद्ध निम्‍नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है कि:-

 

  1.    आवेदक, अनावेदकगण को दस्‍तावेज क्रमांक ए-3ए के अनुसार दिनांक 15/10/2014 से दिनांक 14/11/2014 तक की बकाया बिल राशि 601.90 /-रू0 का भुगतान 30 दिनों के अंदर करें।

 

  1. आवेदक के द्वारा उपरोक्‍त बकाया बिल की राशि 601.90/-रू0 के भुगतान के 07 दिनों के अंदर, आवेदक को उसके आवेदन-पत्र दिनांक 25/10/2014 के अनुसार उसके मोबाईल फोन 9926729356 की पोस्‍ट पेड सुविधा को बदलकर प्रीपेड सुविधा अनावेदकगण प्रदान करें।

 

  1.    आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू. (पांच हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्‍त रूप से एवं पृथकत: प्रदान करें।

 

  1.    आवेदक को वाद व्‍यय के रूप में 2,000/- रू. (दो हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्‍त रूप से एवं पृथकत: प्रदान करें।

 

 

(छबिलाल पटेल)       (श्रीमती अंजू गबेल)          (राजेन्‍द्र प्रसाद पाण्‍डेय)

         अध्‍यक्ष                  सदस्‍य                     सदस्‍य

 
 
[HON'ABLE MR. C.L.PATEL]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL]
MEMBER
 
[HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY]
MEMBER

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