राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1304/2001
(जिला उपभोक्ता फोरम, बलिया द्वारा परिवाद संख्या-179/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.06.2001 के विरूद्ध)
सिंह ट्रैक्टर एजेन्सी, बहेरी, बलिया, निकट कृष्णा टाकीज, बजरिया स्वामी अवधेष सिंह स्थित बलिया लखनऊ रोड, बलिया।
अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1
बनाम्~
1. जालेश्वर सिंह पुत्र स्व0 राम बालक सिंह, निवासी ग्राम बसन्तपुर, परगना व जिला बलिया।
2. शाखा प्रबन्धक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, शाखा बलिया।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी संख्या-2
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से उपस्थित : श्री सी0एल0 वर्मा के सहयोगी श्री कुमार
सम्भव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 17.11.2016
माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, परिवाद संख्या-179/2000, जालेश्वर सिंह बनाम विपक्षी संख्या-1 मालिक/मैनेजर सिंह ट्रैक्टर एजेन्सी तथा विपक्षी संख्या-2 शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक आफ इण्डिया में जिला फोरम, बलिया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.06.2001 से क्षुब्ध होकर विपक्षी संख्या-1/अपीलार्थी की ओर
-2-
से प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नलिखित आदेश पारित किया गया है :-
‘’ परिवाद एकपक्षीय रूप से सव्यय विपक्षी संख्या 1 के विरूद्ध आज्ञप्त किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 को निर्देशित किया जाता है कि वह निर्णय के दो माह के अन्दर उपरोक्त ट्रैक्टर अथवा उसका मूल्य मु0 180000/- परिवादी को अदा कर दें। इसके साथ ही परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक संताप के शमन के रूप में 5000/- तथा वाद व्यय के रूप में 500/- भी प्राप्त होगा और ऐसा न करने पर परिवादी विपक्षी से उसके यहां ट्रैक्टर दिये जाने की तिथि 10-12-99 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी प्राप्त करेगा। ‘’
उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील विपक्षी संख्या-1/अपीलार्थी की ओर से योजित की गयी है।
अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सी0एल0 वर्मा के सहयोगी श्री कुमार संभव उपस्थित हैं। यह अपील वर्ष 2001 से निस्तारण हेतु लम्बित है, अत: यह पाया जाता है कि वर्तमान अपील को गुणदोष के आधार पर निर्णीत कर दिया जाये। तदनुसार विद्वान अधिवक्ता प्रत्यर्थी संख्या-1 को विस्तार से सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय तथा उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी द्वारा आधार अपील में मुख्य रूप से यह कहा गया है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 की अनुपस्थिति में प्रश्नगत आदेश दिनांक 08.06.2001 एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। अपीलार्थी द्वारा यह भी आधार लिया गया कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 को प्रश्नगत परिवाद की स्पष्ट प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिसके कारण वह लिखित कथन प्रस्तुत नहीं कर सका। नियत तिथि 08.06.2001 को उनके अधिवक्ता उपस्थित नहीं थे, उसी दिन 08.06.2001 को विपक्षी संख्या-1/अपीलार्थी की अनुपस्थिति में एकपक्षीय बहस सुनी गयी और उसी दिन प्रश्नगत आदेश पारित कर दिया गया। अपीलार्थी द्वारा जिला फोरम द्वारा
-3-
पारित आदेश पत्रों की प्रतिलिपि अपील के साथ संलग्न की गयी है, जिसके परिशीलन से प्रकट होता है कि वर्तमान प्रकरण में पीठ पूर्णरूपेण कार्यरत नहीं थी। सर्वप्रथम दिनांक 08.06.2001 को ही पीठ पूर्ण रूप से कार्यरत होना पायी जाती है और उसी दिन प्रश्नगत आदेश पारित कर दिया गया।
अत: मुकदमें की सम्पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए यह पाया जाता है कि विपक्षी संख्या-1/अपीलार्थी को अपना पक्ष जिला फोरम के समक्ष रखने का अवसर नहीं मिला। ऐसी स्थिति में मामलें को जिला फोरम के समक्ष पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित किया जाना आवश्यक है। तदनुसार प्रश्नगत निर्णय/आदेश अपास्त होने एवं वर्तमान अपील अंशत: स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील अंशत: स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, बलिया द्वारा परिवाद संख्या-179/2000, जालेश्वर सिंह बनाम विपक्षी संख्या-1 मालिक/मैनेजर सिंह ट्रैक्टर एजेन्सी तथा विपक्षी संख्या-2 शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक आफ इण्डिया में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.06.2001 अपास्त किया जाता है। जिला फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्तारण गुणदोष के आधार पर अधिकतम 06 माह में करना सुनिश्चित करें।
उभय पक्ष को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के समक्ष दिनांक 31.01.2017 को उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
निर्णय/आदेश की प्रति उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2