Bharti Dixit filed a consumer case on 21 Jun 2024 against Inter Globe in the Bareilly-I Consumer Court. The case no is CC/122/2022 and the judgment uploaded on 21 Jun 2024.
Uttar Pradesh
Bareilly-I
CC/122/2022
Bharti Dixit - Complainant(s)
Versus
Inter Globe - Opp.Party(s)
Prahlad Kumar
21 Jun 2024
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- प्रथम बरेली
उपस्थित- 1- राधेश्याम यादव अध्यक्ष
2- श्रीमती मुक्ता गुप्ता सदस्या
3- प्रशान्त मिश्रा सदस्य
परिवाद संख्या- 122 सन् 2022
भारत दीक्षित पुत्र श्री जगदीश प्रसाद दीक्षित, निवासी-कैम्फर कालोनी, थाना-सी0बी0गंज, जिला-बरेली।
विवेक सहगल पुत्र श्री पी0के0 सहगल, निवासी-184-सी सिविल लाइन्स, थाना-कोतवाली, जिला-बरेली।
इज माई ट्रिप, द्वाराः प्रबन्धक, कार्यालय स्थित एच0 70, ग्राउन्ड व तृतीय फ्लोर, सेक्टर 63, नोएडा 201301, उ0प्र0
परिवाद संस्थित होने की तिथिः02-03-2022
निर्णय उद्घोषित करने की तिथिः21-06-2024
परिवादी के अधिवक्ता-श्रीमती सोनाक्षी सहगल
विपक्षी के अधिवक्ता-श्रीमती किरन बाला नायक
सुबोध सक्सेना
परिवाद के संक्षिप्त कथानक के अनुसार परिवादीगण ने विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से दिनांक 08/08/2021 को दिल्ली से रायपुर की दिनांक 25/09/2021 की यात्रा के लिए विपक्षी संख्या-1 एयरलाइन्स का यात्रा टिकट रुपये 5242/- का भुगतान करके बुक कराया था। इसी प्रकार परिवादी ने रुपये 6114/- का भुगतान करके दिनांक 26/09/2021 की रायपुर से दिल्ली की वापसी यात्रा का दो टिकट बुक कराया था। परिवादीगण की लिखित परीक्षा स्थगित हो जाने के कारण यात्रा के दिनांक से काफी पूर्व ही विपक्षीगण से बुक कराये गये उक्त दोनो यात्रा टिकट को निरस्त करवा दिया था। परिवादीगण ने यात्रा निरस्त कराने के उपरान्त विपक्षीगण से किराया की धनराशि की वापसी का अनुरोध किया। दिल्ली से रायपुर के भुगतान किये गये किराया रुपया 5242/- के स्थान पर मात्र रुपये 2/- तथा रायपुर से दिल्ली के भुगतान किये गये किराया रुपये 6114/- के स्थान पर विपक्षीगण ने मात्र रुपये 274/- परिवादी को वापस किया। विपक्षीगण ने गलत ढंग से परिवादीगण को क्रमशः रुपये 5240/- तथा 5840/- (कुल रुपये 11080) का भुगतान न करके अनुचित व्यापार प्रथा एंव विहित सेवा मे त्रुटि प्रदर्शित किया है। सीट स्टेटस वेबसाइट पर चेक करने पर ज्ञात हुआ कि परिवादीगण द्वारा क्रमशः जाने व आने की तिथियो पर निरस्त की गई बुकिंग (सीट) पर विपक्षीगण ने अपेक्षाकृत अधिक धनराशि लेकर अन्य यात्रियो को दिल्ली से रायपुर तथा रायपुर से दिल्ली की यात्रा कराकर अधिक लाभ अर्जित किया। परिवादीगण ने यात्रा टिकट की अवशेष धनराशि रुपये 11080/- एंव वाद व्यय 11,000/- तथा अनुचित व्यापार प्रथा और सेवा मे त्रुटि हेतु रुपये 30,000-30,000 को सम्मिलित करते हुए रुपये 82,080/- की धनराशि विपक्षीगण से दिलाये जाने की याचना किया है।
सूची कागज संख्या-5 से दिल्ली से रायपुर एंव रायपुर से दिल्ली की यात्रा टिकट की छायाप्रति, परीक्षा निरस्तीकरण की सूचना, धनवापसी विवरण की छायाप्रति तथा परिचय पत्र की छायाप्रति क्रमशः कागज संख्या 6/1 लगायत 6/5 को परिवादीगण ने प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है। परिवादी ने शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या-1 ने लिखित कथन के माध्यम से परिवाद का खण्डन किया गया है। लिखित कथन में अंकन के अनुसार परिवाद के निस्तारण का क्षेत्राधिकार जिला आयोग को नही है। परिवादीगण को कोई वाद कारण अथवा वाद हेतुक नही है। प्रश्नगत यात्रा टिकट बुक कराते समय विपक्षीगण की एयरलाइन्स की शर्तो का ज्ञान परिवादीगण को रहा है। परिवादीगण ने प्रस्तावित यात्रा के सन्निकट तिथि के अंतर्गत बुकिंग निरस्त करके विहित शर्त का उल्लंघन किया है। विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादीगण को बुकिंग निरस्तीकरण स्टेटस देखने हेतु सूचित किया गया था। निरस्तीकरण शुल्क को घटाकर परिवादीगण को शेष एयर टिकट की धनराशि नियमानुसार वापस की गई थी। परिवादीगण ने वास्तविक तथ्य को छिपाते हुए सर्वथा मिथ्या एंव कपोलकल्पित परिवाद संस्थित किया है। परिवादीगण ने किसी प्रकार की क्षति अथवा संताप के तथ्य को सम्पुष्ट नही किया है। प्रश्नगत यात्रा बुकिंग, भुगतान अथवा पुनर्भुगतान का तथ्य परिवादीगण एंव विपक्षी संख्या-2 से सम्बन्धित है। प्रश्नगत प्रकरण मे विपक्षी संख्या-1 की कोई भूमिका अथवा उत्तरदायित्व नही है।
शपथपत्र, प्राधिकार पत्र, बुकिंग एंव निरस्तीकरण स्टेटस, संसूचना की छायाप्रति एंव सेवाशर्त विवरण क्रमशः कागज संख्या 15/1 ता 15/82 को विपक्षी संख्या-1 ने प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है। कार्तिक बाजपेयी ने विपक्षी संख्या-1 की तरफ से शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या-2 की तरफ से प्रस्तुत लिखित कथन मे परिवाद के कथानक का खण्डन करते हुए मिथ्या परिवाद संस्थित होने का अभिकथन किया गया है। लिखित कथन मे अंकन के अनुसार परिवाद पोषणीय नही है। परिवाद विधि विरुद्ध तथा विहित प्रावधान के प्रतिकूल है। विपक्षी संख्या -2 की भूमिका फ्लाइट टिकट की बुकिंग मे मात्र फैसीलिटेटर की है। प्रश्नगत फ्लाइट टिकट की धनराशि की वापसी अथवा पुर्नभुगतान का प्रकरण परिवादीगण एंव विपक्षी संख्या-1 से सम्बन्धित है। प्रश्नगत फ्लाइट की धनराशि की प्राप्ति, भुगतान अथवा वापसी से विपक्षी संख्या-2 का कोई सम्बन्ध नही है। परिवादीगण द्वारा बुकिंग निरस्त कराने के उपरान्त विपक्षी संख्या-1 की तरफ से नियमानुसार कटौती करके शेष धनराशि परिवादीगण का परिदत्त की जा चुकी है। प्रश्नगत प्रकरण मे किसी प्रकार के भुगतान अथवा प्रतिपूर्ति हेतु विपक्षी संख्या-2 उत्तरदायी नही है।
विपक्षी संख्या-2 की तरफ से प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे टर्म एण्ड कन्डीशन की छायाप्रति, रिफण्ड डिटेल्स एंव बोर्ड आफ डायरेक्टर के प्रस्ताव की छायाप्रति कागज संख्या 27/3 लगायत 27/12 प्रस्तुत किया गया है। आकाश सिंह ने विपक्षी संख्या-2 की तरफ से शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है।
पर्याप्त अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद भी विपक्षी संख्या-2 की तरफ से तर्क हेतु कोई उपस्थित नही आया। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विपक्षी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना तथा उभयपक्ष की साक्ष्य और पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया।
परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क के अनुसार रायपुर केन्द्र पर निर्धारित तिथि पर होने वाली परीक्षा निरस्त हो जाने के कारण परिवादीगण ने दिल्ली से रायपुर तथा रायपुर से दिल्ली की प्रस्तावित यात्रा बुकिंग निरस्त करने की सूचना काफी पूर्व ही विपक्षीगण को प्रदत्त कर दिया था। परिवादीगण की उक्त यात्रा बुकिंग निरस्त करने के पश्चात प्रस्तावित तिथि पर जाने व आने की सीट को विपक्षीगण ने अपेक्षाकृत अधिक किराये की धनराशि लेकर अन्य यात्रियो को आवन्टित करके अतिरिक्त धनार्जन किया है। विपक्षीगण ने परिवादीगण को किराये की धनराशि वापस न करके अनुचित व्यापार प्रथा एंव विहित सेवा मे त्रुटि किया है।
विपक्षी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता के तर्क के अनुसार परिवादीगण ने प्रश्नगत यात्रा टिकट बुकिंग का सम्व्यवहार विपक्षी संख्या-2 से किया था। नियमानुसार कटौती करके क्रमशः रुपये 2/- तथा 274/- की धनराशि परिवादीगण को वापस की जा चुकी है। किसी भी धनराशि की वापसी अथवा प्रतिपूर्ति हेतु विपक्षी संख्या-1 उत्तरदायी नही है।
परिवाद के निस्तारण हेतु निम्नलिखित अवधारण बिन्दु सृजित किये गये-
क्या विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को वापस की गई धनराशि क्रमशः दो रुपये व दो सौ चौहत्तर युक्तियुक्त तथा औचित्यपूर्ण है ?
क्या परिवादी के पक्ष मे कोई अनुतोष अनुमन्य है?
निस्तारण अवधारण बिन्दु संख्या I- नियत दिनांक एंव समय पर दिल्ली से रायपुर एंव रायपुर से दिल्ली की यात्रा के लिए विपक्षी संख्या-1 की एयरलाइन्स का टिकट विपक्षी संख्या-2 से परिवादीगण द्वारा बुक कराया जाना स्वीकृत तथ्य है। परिवादीगण द्वारा प्रस्तावित यात्रा हेतु बुक कराया गया टिकट निरस्त कराया जाना भी निर्विवाद है। परिवादीगण द्वारा भुगतान किये गये रुपये 5242/- के स्थान पर मात्र रुपये 2/- तथा रुपये 6114/- के स्थान पर मात्र रुपये 274/- की धनराशि विपक्षी द्वारा वापस किया जाना कदाचित युक्ति युक्त अथवा औचित्यपूर्ण नही है। प्रस्तावित यात्रा टिकट बुकिंग की धनराशि से अस्वाभाविक एंव असंगत धनराशि की कटौती किये जाने का कोई संतोषप्रद स्पष्टीकरण विपक्षीगण की तरफ से प्रस्तुत नही किया जा सका है। विपक्षीगण द्वारा अनुचित ढंग से असंगत धनराशि की कटौती करके अनुचित व्यापार प्रथा तथा विहित सेवा मे त्रुटि किया जाना परिलक्षित है। अवधारण बिन्दु संख्या-1 तद्नुसार निस्तारित किया जाता है।
निस्तारण अवधारण बिन्दु संख्या II- परिवादी द्वारा प्रस्तावित यात्रा टिकट बुकिंग हेतु भुगतान की गई धनराशि से विपक्षीगण द्वारा अनुचित ढंग से असंगत कटौती करने से परिवादीगण को आर्थिक क्षति, शारीरिक कष्ट एंव मानसिक संताप होना सर्वथा स्वाभाविक है। परिवादीगण द्वारा भुगतान किये गये सम्पूर्ण किराये की धनराशि 11356/- मे से 20प्रतिशत धनराशि की कटौती करके रुपये 9084/- (पूर्णांक मे रु0 9000/-) की धनराशि तथा वाद व्यय एंव अन्य मद मे रुपये 10,000/- को सम्मिलित करते हुए रुपये 19,000/- की धनराशि विपक्षीगण से परिवादीगण के पक्ष में निर्णीत किया जाना सर्वथा न्याय संगत है। अवधारण बिन्दु संख्या-II तदनुसार निस्तारित करते हुए परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
परिवाद अंशतः स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि निर्णीत धनराशि रुपये 19000/- को संयुक्त अथवा एकल रुप से दो माह की अवधि के अंतर्गत नियमानुसार परिवादीगण के पक्ष मे भुगतान किया जाना सुनिश्चित करे।
विहित समयावधि के अंतर्गत निर्णयादेश का अनुपालन करने मे विफलता की स्थिति मे निर्णय के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक निर्णीत धनराशि पर छः प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी विपक्षीगण द्वारा देय होगा।