राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-2113/2002
(जिला उपभोक्ता फोरम, आगरा(प्रथम) द्वारा परिवाद संख्या-496/1998 में पारित निर्णय दिनांक 17.08.2002 के विरूद्ध)
दिनेश चंद्र बंसल निवासी 41 शिवपुरी वलकेश्वर आगरा। .......अपीलार्थी@परिवादी
बनाम्
इम्पीरियल होटल,एम.जी. रोड, आगरा। .......प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. मा0 श्री चन्द्र भाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :उमेश कुमार श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 21.01.16
मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम आगरा(प्रथम) के परिवाद संख्या 496/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 17.08.2002 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके अंतर्गत जिला मंच ने परिवादी के परिवाद को खंडित किया है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने 30 जून 1998 को अपनी पुत्री की शादी के लिए विपक्षी होटल का उपयोग करने के लिए रू. 15000/- अदा किए। नियत दिनांक को शादी निरस्त हो जाने की सूचना विपक्षी को दी तथा दिनांक 17.06.98 को निवेदन किया कि अदा की धनराशि वापस की जाए। विपक्षी ने पूरा धन 15 दिन के अंदर वापस करने का आश्वासन दिया, लेकिन परिवादी के धन में से रू. 7100/- बिना किसी कारण के काटकर धन वापिस किया।
पीठ ने प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों एवं साक्ष्यों का भलीभांति परिशीलन किया। अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी का एक पत्र पत्रावली पर उपलब्ध है(पृष्ठांकन दि. 07.12.12), जिसमें यह प्रार्थना भी की गई है कि अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर कर दिया जाए।
पत्रावली पर कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है जिससे यह सिद्ध होता हो कि किस तिथि को अपीलार्थी ने बुकिंग निरस्तीकरण की सूचना होटल को दी गई थी। यह सर्वविदित है कि शादी ब्याह के लिए होटल और हाल की बुकिंग की जाती है। जिस तिथि की बुकिंग है यदि
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उसके निरस्तीकरण भी समय से पूर्व सूचना बुकिंग कराने वाले व्यक्ति द्वारा नहीं दी जाती है तो उस तिथि की बुकिंग संबंधित व्यक्ति की ही मानी जाती है, चाहे उसके द्वारा उस होटल का इस्तेमाल किया हो या न किया गया हो। प्रस्तुत प्रकरण में अपीलार्थी द्वारा कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है कि बुकिंग की तिथि से पूर्व उसके द्वारा समय से होटल प्रबंधक को बुकिंग निरस्तीकरण की सूचना दी गई हो। अत: होटल प्रबन्धन की सेवा में कमी परिलक्षित नहीं होती है। होटल प्रबन्धन ने लोगों के कहने से लगभग पचास प्रतिशत बुकिंग धनराशि रू. 7075/- वापस कर दी है, जो उसकी सदाशयता का परिचायक है, अत: अपीलार्थी का कथन मान्य नहीं है।
केस के तथ्य, परिस्थितियों के आधार पर हम यह पाते हैं कि जिला मंच ने साक्ष्यों की पूर्ण विवेचना करते हुए अपना निर्णय दिया है, जो विधिसम्मत है और हम उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं पाते हैं। तदनुसार अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
पक्षकारान अपना-अपना अपील व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(चन्द्र भाल श्रीवास्तव) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-2