Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/56/2014

Shah Mohd.Haneef Kadir - Complainant(s)

Versus

ICICI Bank - Opp.Party(s)

21 Oct 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/56/2014
 
1. Shah Mohd.Haneef Kadir
R/0 Islam Nagar Mahalkpur Road Near Makka Masjid Gram Pakbada Tehsil & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. I.C.I.C.I Bank
Branch Majhola Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 21 Oct 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाऐ कि वह परिवादी के चैक  का भुगतान अंकन 1,00,000/-रूपया परिवादी को करें। क्षतिपूर्ति की मद में 3,00,000/- रूपया तथा अधिवक्‍ता शुल्‍क एवं परिवाद व्‍यय की मद में 7500/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि दिनांक 7/10/2013 को  1,00,000/-रूपया का एक चैक परिवादी ने अपने खाता सं0- 001801523529 में भुगतान हेतु प्रस्‍तुत किया। परिवादी को भुगतान   प्राप्‍त नहीं हुआ तब परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से सम्‍पर्क किया वे परिवादी  को टालते रहे। अन्‍तत: विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को बताया कि उसका  चैक खो गया है, उसे ढ़ूढ़ रहे है। मजबूर होकर परिवादी ने एक प्रार्थना  पत्र दिनांकित 20/1/2014 विपक्षी को दिया, किन्‍तु तब भी परिवादी को चैक के सम्‍बन्‍ध में कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई। परिवादी ने  मजबूरन विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भिजवाया उसका भी उन्‍होंने कोई  उत्‍तर नहीं दिया। व्‍यक्तिगत सम्‍पर्क करने पर परिवादी को बताया गया   कि उसका चैक कोरियर द्वारा कहीं खो दिया गया है। परिवादी के अनुसार उसके खाते  में चैक की धनराशि जमा न होने के उत्‍तरदायित्‍व विपक्षीगण  का है। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना  की।
  3.   परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5  दाखिल किया। उसने सूची कागज सं0-3/7 के माध्‍यम से  परिवादी द्वारा  बैंक में चैक जमा किऐ जाने की स्लिप, अपना एकाउन्‍ट स्‍टेटमेन्‍ट, विपक्षी  बैंक द्वारा चैक खो जाने सम्‍बन्‍धी परिवादी को उपलब्‍ध कराऐ गऐ   सर्टिफिकेट, कोरियर कम्‍पनी की रसीद, कोरियर कम्‍पनी द्वारा चैक खो   जाने सम्‍बन्‍धी पुलिस में दर्ज कराई गई एफ0आई0आर0 की नकल तथा   विपक्षी सं0-1 व 2 को परिवादी की ओर से भेजे गऐ कानूनी नोटिस  दिनांकित 10/2/2014 की नकल को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र  पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/16 हैं।
  4.    विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-16/1   लगायत 16/2 प्रस्‍तुत किया गया जिसमें परिवादी द्वारा दिनांक 7/10/2013  को 1,00,000/- रूपये का चैक अपने खाते में जमा किऐ  जाने हेतु विपक्षी सं0-1 बैंक में प्रस्‍तुत किया जाना तथा चैक की जानकारी  करने हेतु परिवादी द्वारा प्रार्थना पत्र दिनांकित 20/1/2014 दिया जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया  गया है। उत्‍तरदाता विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्‍तर कथन किया गया है   कि परिवादी का चैक कोरियर सर्विस द्वारा क्‍लीयरेंस के लिए भेजा गया  था परन्‍तु चैक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्‍त रकम न होने की  वजह से चैक कोरियर सर्विस द्वारा दिनांक 14/10/2013 को परिवादी के  पते पर वापिस भेजा गया, किन्‍तु कोरियर द्वारा उक्‍त चैक रास्‍ते में कहीं खो दिया गया। कोरियर कम्‍पनी ने उसकी एफ0आई0आर0 थाना लोक  मान्‍य तिलक मार्ग, मुमबई में दर्ज करा दी है। विपक्षी सं0-1 व 2 की  ओर से यह कहते हुऐ कि उनके स्‍तर से परिवादी को सेवा प्रदान करने   में कोई लापरवाही अथवा कमी नहीं की गई। परिवाद को सव्‍यय खारिज  किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   विपक्षी सं0-3 की ओर से परिवाद के नोटिस तामील होने के बावजूद  कोई उपस्थित नहीं हुऐ अत: फोरम के आदेश दिनांक 23/9/2015 द्वारा  विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई!
  6.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-17/1 लगायत 17/3   दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से बैंक के विधि प्रबन्‍धक श्री मौहम्‍मद शहजाद का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/3   दाखिल हुआ जिसके साथ चैक खो जाने विषयक थाना लोक मान्‍य तिलक मार्ग, मुम्‍बई में  दी  गई  सूचना विषयक सर्टिफिकेट तथा विपक्षी आई0 सी0 आई0 सी0 आई0 बैंक और कोरियर सर्विस – विपक्षी सं0-3 के मध्‍य निष्‍पादित अनुबन्‍ध दिनांक 27/10/2009 की फोटो प्रति को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-18/4 लगायत 18/15 हैं।
  7.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल नहीं की। विपक्षी सं0-1 व 2 की  ओर से लिखित बहस दाखिल हुई।
  8.   हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता के  तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-3 की ओर  से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।      
  9.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी ने  1,00,000/-रूपया का एक चैक भुगतान हेतु विपक्षी सं0-1 की शाखा में  प्रस्‍तुत किया था जो बैंक द्वारा कलेक्‍शन हेतु भेजा गया, वापिसी में  उक्‍त चैक आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक द्वारा अनुबन्धित कोरियर सर्विस के कर्मचारी से कहीं खो गया जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट कोरियर कम्‍पनी   ने थाना लोकमान्‍य तिलक मुम्‍बई में दर्ज कराई। विपक्षीगण को इस बात से भी इन्‍कार नहीं है कि परिवादी के बैंक एकाउन्‍ट में उक्‍त चैक की  धनराशि क्रेडिट नहीं हुई है।
  10.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि चैक आई0 सी0 आई0 सी0 आई0 बैंक द्वारा अनुबन्धित कोरियर कम्‍पनी द्वारा खोया   गया है अत: चैक एमाउन्‍ट परिवादी के खाते में क्रेडिट करने की जिम्‍मेदारी   विपक्षी सं0-1 व 2 की होगी। विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता  ने यधपि परिवादी के उक्‍त तर्कों का प्रतिवाद किया और कहा कि चैक  कोरियर कम्‍पनी के कर्मचारी से खोया था अत: विपवक्षी सं0-1 व 2  उसके लिए जिम्‍मेदार नहीं ठहराये जा सकते, किन्‍तु हम विपक्षी सं0-1  व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों से सहमत नहीं है। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से अपने बचाव में कोरियर कम्‍पनी के साथ हुऐ अनुबन्‍ध   दिनांकित 01/4/2009 का भी अबलम्‍व लिया है, इस अनुबन्‍ध की नकल   पत्रावली का कागज सं0-18/7 लगायत 18/15 है।
  11.   कोरियर कम्‍पनी तथा आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक के मध्‍य  निष्‍पादित अनुबन्‍ध का हमने अवलोकन किया। इस अनुबन्‍ध में परिवादी  पक्षकार नहीं है ऐसी दशा में अनुबन्‍ध में उल्लिखित शर्तें और प्रतिबन्‍ध   परिवादी पर लागू नहीं किये जा सकते। कोरियर कम्‍पनी आई0 सी0 आई0 सी0 आई0 बैंक के एजेन्‍ट के रूप में कार्य कर रही थी। कोरियर कम्‍पनी  के कर्मचारी से यदि परिवादी का चैक खोया है तो उसकी जिम्‍मेदारी जहॉं तक परिवादी का सम्‍बन्‍ध है, विपक्षी सं0-1 व 2 की होगी। चैक 1,00,000/- रूपया का था, 1,00,000/- (एक लाख  रूपया)  की यह धनराशि परिवादी को अदा करने का उत्‍तरदायित्‍व विपक्षी सं0-1  व 2 की होगी।
  12.   पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य सामग्री के विश्‍लेषण और विधिक  स्थिति के दृष्टिगत हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि चैक की धनराशि  परिवादी को विपक्षी सं0-1 व 2 से ब्‍याज सहित दिलाई जाऐ। इसके अतिरिक्‍त परिवाद व्‍यय की मद में परिवादी को विपक्षी सं0-1 व 2 से   2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी न्‍यायोचित  दिखाई देता है। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

      परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि  तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 1,00,000/- (एक लाख रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध निर्णीत  किया जाता है। परिवाद व्‍यय की मद में इन विपक्षीगण से परिवादी 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि की भुगतान दो माह में किया जाऐ। भुगतान करने से पूर्व बैंक के नियमानुसार यदि कोई इन्‍डेमनिटी वाण्‍ड इत्‍यादि भरना आवश्‍यक हो तो उसका अनुपालन परिवादी को करना होगा।

 

    (सुश्री अजरा खान)                (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                       अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद              जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       21.10.2016                  21.10.2016

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 21.10.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

      (सुश्री अजरा खान)                (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद                जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      21.10.2016                    21.10.2016

 

 

 

 

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