(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-745/1998
चीफ पोस्ट मास्टर जनरल, यू0पी0 सर्कल, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
इन्द्र देव मिश्रा पुत्र स्व0 श्री बाबू राम मिश्रा, ग्राम व पोस्ट परसिया मित्रतपया बैरौना, परगना सलेमपुर मझौली, तहसील व जिला देवरिया।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : डा0 उदय वीर सिंह द्वारा अधिकृत
अधिवक्ता श्री श्री कृष्ण पाठक।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री बी0के0 उपाध्याय, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 09.07.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. पुकार पर अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता डा0 उदय वीर सिंह के सहयोगी अधिवक्ता श्री श्री कृष्ण पाठक तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री बी0के0 उपाध्याय की बहस सुनी गई तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. परिवाद संख्या-155/1996 इन्द्र देव मिश्र बनाम पोस्ट मास्टर जनरल तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, देवरिया द्वारा पारित आदेश दिनांक 17.01.1997 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए किस्त से अधिक की गई कटौती की राशि बीमा की परिपक्वता की तिथि से 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अदा करने का आदेश दिया है और इस आदेश में चूक करने पर 18 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया है। इस आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गई
-2-
अपील केवल ब्याज के बिन्दु तक सीमित की गई है। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया है, जो अत्यधिक उच्च श्रेणी का प्रतीत होता है। अत: ब्याज दर 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से प्रदान करना उचित होगा। नियत अवधि के पश्चात भुगतान करने की स्थिति में 18 प्रतिशत ब्याज अदा करने का आदेश दिया गया है। यह दर भी अत्यधिक उच्च दर से लगाई गई है। इस ब्याज दर को भी 18 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अदा करने का आदेश देना विधिसम्मत होगा। अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 17.01.1997 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को देय राशि पर 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज देय होगा और नियत अवधि के पश्चात अदा न करने पर इस राशि पर 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा किया जाएगा। निर्णय/आदेश का शेष भाग पुष्टित किया जाता ह।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3