Uttar Pradesh

StateCommission

A/2441/2014

Nimbus Moters Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

Harish Nagar - Opp.Party(s)

R K Gupta

03 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2441/2014
( Date of Filing : 25 Nov 2014 )
(Arisen out of Order Dated 22/09/2014 in Case No. C/95/2014 of District Gautam Buddha Nagar)
 
1. Nimbus Moters Pvt Ltd
A-109 Sector-5 Noida Distt.Gautambudh Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Harish Nagar
GR/O E-435 Gama I Greater NOIDA Dist.autambudh Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Aug 2023
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-2441/2014

(जिला आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-95/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.9.2014 के विरूद्ध)   

 

1. मैसर्स निम्‍बस मोटर्स प्राइवेट लि0, ए-109, सेक्‍टर-5 नोएडा, जिला गौतमबुद्ध नगर, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

2. यू.के. शर्मा, जनरल मैनेजर, मैसर्स निम्‍बस मोटर्स प्राइवेट लि0, ए-111, सेक्‍टर-5 नोएडा, जिला गौतमबुद्ध नगर, यू.पी.।

                                   अपीलाथीगण/विपक्षीगण

 

बनाम

 

हरीश नागर पुत्र श्री चरन सिंह, निवासी ई-435, गामा-1 ग्रेटर नोएडा, जिला गौतमबुद्ध नगर।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री आर.के. गुप्‍ता,

                                                     विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

 

दिनांक :  10.08.2023

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

           वर्तमान अपील, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के अंतर्गत परिवाद सं0-95/2014, विद्वान जिला आयोग, गौतमबुद्ध  नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.9.2014 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है।

           संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि दिनांक 3.10.2011 को परिवादी ने एक हुन्‍डे वरना कार पंजीयन संख्‍या यू.पी. 16 ए.एफ. 9999 खरीदी, जिसका एक्‍सीडेंट दिनांक 19.12.2012 को होने पर उसे मरम्‍मत के लिए दिया और इस दुर्घटना की सूचना बीमा कंपनी को भी दी। मरम्‍मत का अनुमानित बिल अंकन 29,345/-रू0 था, जिसको बीमा कंपनी को दिया गया। बीमा कंपनी ने अपना मूल्‍यांकन करते हुए अंकन 17,233/-रू0 दिया, जिसमें से डेप्रीशिएशन के 12,112/-रू0 कम करते हुए भुगतान किया गया। परिवादी ने कार मरम्‍मत के पश्‍चात वापस नहीं ली। दिनांक 27.12.2012 को कार परिवादी को उसकी पूर्ण संतुष्टि पर दी गई। डिक्‍की में पानी भरने के दोष को लेकर परिवाद प्रस्‍तुत किया गया, जिसका सम्‍यक रूप से उत्‍तर दिया गया। इस वाहन की नियमित सर्विस की गई और बाद में पेड सर्विस भी की गई। विद्वान जिला आयोग ने निम्‍न लिखित आदेश पारित किया :-

     '' उपरोक्‍त कथन, तथ्‍य तथा साक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुये, वादी का यह वाद, विपक्षीगण के खिलाफ आंशिक रूप से मंजूर किया जाता है। विपक्षीगण को हिदायत दी जाती है कि वे वादी से वसूली किये हुए रकम मुवलिग 29,345/- (उन्‍तीस हजार तीन सौ पैतालिस) रूपये मय 10 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज, वाद दायर करने की तारीख से लेकर, वसूली होने तक, वादी को अदा करेंगे। विपक्षीगण की कार्य-प्रणाली से वादी को जो मानसिक पीड़ा हुई है, उसका हर्जाना 10,000 रूपये (दस हजार रूपये) तय करते हैं तथा मुकदमें का खर्च मुवलिग 5,000/- (पांच हजार रूपये) हहम तय करते हैं। विपक्षीगण को हिदायत दी जाती है कि वह उपरोक्‍त तमाम, रकम संयुक्‍त रूप से तथा पृथक पृथक रूप से, इस आदेश की कापी मिलने से 30 दिन के अन्‍दर करेंगे। इस आदेश की कापी पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाये। फाईल रिकार्ड रूप में भेजी जाये। ''

     प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश विधि विरूद्ध है। विद्वान जिला आयोग ने यह देखने में भूल की है कि वाद चलने योग्‍य नहीं था। तथ्‍यों को छिपाने के कारण भी वाद चलने योग्‍य नहीं था। विद्वान जिला आयोग यह देखने में असफल रहा है कि मरम्‍मत का बिल अंकन 29,345/-रू0 दिनांक 27.12.2012 गलत है, जबकि अनुमानित बिल की सूचना बीमा कंपनी को दी गई, जिसने अपने ढंग से निर्धारण करते हुए अंकन 17,233/-रू0 मूल्‍यांकन किया और उसमें से आधा डेप्रीशिएशन के नाम से क्‍लेम कर दिया गया। अत: विद्वान जिला आयोग ने इन तथ्‍यों को नहीं देखा।

     अत: माननीय आयोग से अनुरोध है कि वर्तमान अपील स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाए।

     अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर.के. गुप्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का परिशीलन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

     विद्वान जिला आयोग ने इस मामलें में मरम्‍मत मूल्‍यांकन को देखा और संतुष्‍ट हुए कि कुल 29,345/-रू0 का खर्च आया है, जिसको पाने का वह अधिकारी है। विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय से मूल्‍यांकन करते हुए इस धनराशि को काफी कम कर दिया। यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि बीमा कंपनी का निर्धारण उचित हो, जब आंकलन प्रस्‍तुत किया गया है तब वह आंकलन भी स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है। विद्वान जिला आयोग ने इसी को स्‍वीकार किया है। विद्वान जिला आयोग के इस आदेश में कोई विधिक अनियमितता नहीं है। यदि दावे की रकम में से कुछ भुगतान बीमा कंपनी ने कर दिया है तो वह इस धनराशि से घटा दिया जाएगा। अन्‍यथा इस आदेश में किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार वर्तमान अपील इस हद तक स्‍वीकार होने योग्‍य है कि यदि दावे की कुल रकम 29,345/-रू0 में से यदि कोई धनराशि बीमा कंपनी ने अदा की है तब उस धनराशि को इसमें से घटा दिया जाएगा। तदनुसार वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश के अंतर्गत यदि हर्जाने की रकम अंकन 29345/-रू0 में से किसी प्रकार की धनराशि बीमा कंपनी ने अदा कर दी है, जिसका प्रमाण पत्र वह उपलब्‍ध कराएगें तब उस हद तक इस धनराशि में से कम किया जाएगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

   (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

     सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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