राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-621/2022
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या-158/2011 में पारित निर्णय दिनांक 23.05.2022 के विरूद्ध)
श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव पत्नी श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव वर्तमान
पता फ्लैट नं0 108-ए ब्लाक गोपाला ग्रीन अपार्टमेन्ट, प्लाट नं0
540 सी, रतनलाल नगर, कानपुर नगर। .........अपीलार्थिनी@परिवादिनी
बनाम्
1.गोपाला प्रापर्टीज एण्ड कांस्ट्रक्शन प्रा0लि0 स्थित 14/75(23), पार्वती
विला, गोपाल विहार, सिविल लाइन्स, कानपुर नगर-208001 द्वारा श्री
मोहन लाल बजाज पुत्र स्व0 श्री एन.डी. बजाज, मैनेजिंग डायरेक्टर।
2. अनूप अस्थाना प्रापर्टीज, 1 रतन भवन, 7/108 ए, स्वरूप नगर,
कानपुर नगर, सोल एजेन्ट मैसर्स गोपाल प्रापर्टीज एण्ड कांस्ट्रक्शन लि0
द्वारा प्रोपेराइटर। .......प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थिनी की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 11.07.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
हमारे द्वारा विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को सुना गया। प्रस्तुत अपील विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि. 23.05.2022 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके अनुसार विद्वान जिला फोरम द्वारा इस न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित निर्णय व आदेश दि. 18.08.2015 के द्वारा वाद को अपास्त करते हुए समुचित आदेश पारित करने हेतु निर्देशित किया गया था, तदोपरांत अपीलार्थिनी/परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद को विद्वान जिला फोरम द्वारा स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया गया कि वह 30 दिवस की अवधि में
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परिवादिनी को विक्रय पत्र निष्पादन एवं पंजीयन में होने वाले खर्च का विवरण उपलब्ध कराए, तदनुसार परिवादिनी द्वारा स्टांप शुल्क व अन्य विधिक खर्च जमा करने के बाद 30 दिवस की अवधि में विपक्षी कंपनी द्वारा फ्लैट संख्या 208-बी के विक्रय पत्र परिवादिनी के पक्ष में निष्पादित कर पंजीकरण से संबंधित समस्त कार्यवाही संपूर्ण करें।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। तदनुसार यह पाया गया कि विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश में कोई विधिक त्रुटि इंगित नहीं की जा सकी, तदनुसार अपील खारिज की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार) अध्यक्ष सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-1