Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/1046

Tudor Telecom - Complainant(s)

Versus

Gopal Arora - Opp.Party(s)

S. K. Sharma

04 Jul 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/1046
( Date of Filing : 21 Jun 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tudor Telecom
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Gopal Arora
A
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2005/1047
( Date of Filing : 21 Jun 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tudor Telecom
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Gopal Arora
A
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2005/1524
( Date of Filing : 19 May 2005 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sameer Khan
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Gopal Arora
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jul 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1046/2005

ट्यूडर टेलीकॉम

बनाम

गोपाल अरोड़ा तथा तीन अन्‍य

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

                            

दिनां : 04.07.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         निष्‍पादन वाद संख्‍या-71/2005 में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.04.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर बल देने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: पीठ द्वारा स्‍वंय प्रश्‍नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         विद्वान जिला आयोग ने निष्‍पादन वाद संख्‍या-71/2005 जो परिवाद संख्‍या-413/2002 के निर्णय से प्रभावित है, में उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 27 के अंतर्गत एक वर्ष के कारावास के दण्‍ड से दण्‍डित किया गया है। चूंकि परिवाद में पारित डिक्री का अनुपालन नहीं किया गया है, इसलिए धारा 27 के अंतर्गत दण्डित करने की कार्यवाही को अवैधानिक नहीं कहा जा सकता। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

3.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

-2-

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0, 

   कोर्ट-3

 

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1047/2005

ट्यूडर टेलीकॉम

बनाम

गोपाल अरोड़ा तथा तीन अन्‍य

एवं

अपील संख्‍या-1524/2005

समीर खान

बनाम

गोपाल अरोड़ा तथा तीन अन्‍य

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

                            

दिनां : 04.07.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-413/2002, गोपाल अरोड़ा बनाम ऐयरटेल रजिस्‍टर्ड आफिस तथा तीन अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.01.2005 के विरूद्ध अपील संख्‍या-1047/2005, विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या-1524/2005 विपक्षी संख्‍या-4 द्वारा प्रस्‍तुत की गई है। चूंकि दोनों अपीलें  एक  ही  निर्णय/आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई हैं, इसलिए दोनों

 

 

-2-

अपीलों का निस्‍तारण एक साथ एक ही निर्णय द्वारा किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-1047/2005 अग्रणी अपील होगी।

2.         उपरोक्‍त दोनों अपीलों पर बल देने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: पीठ द्वारा स्‍वंय प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

3.         विद्वान जिला आयोग ने मोबाइल की कीमत अंकन 1999/-रू0 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने के लिए तथा मानसिक प्रताड़ना के रूप में अंकन 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश पारित किया है। चूंकि परिवादी द्वारा क्रय किया गया मोबाइल नम्‍बर एक्टिवेट नहीं किया गया। परिवादी ने मोबाइल सिम को वापस लौटाने का अनुरोध किया। विपक्षीगण ने जल्‍द ही सिम को एक्टिवेट करने का आश्‍वासन दिया, परन्‍तु इस नम्‍बर को कभी भी एक्टिवेट नहीं किया गया, इसलिए क्षतिपूर्ति के रूप में पारित किया गया आदेश विधिसम्‍मत है। तदनुसार उपरोक्‍त दोनों अपीलें निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.         उपरोक्‍त दोनों अपीलें निरस्‍त की जाती है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

  लक्ष्‍मन, आशु0, 

   कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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