सुरक्षित।
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या:-1906/2010
(जिला उपभोक्ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद संख्या 66/2009 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनॉंक 17.08.2010 के विरूद्ध)
Sub Regional EmployeesProvident Fund Organisation Sub Regional Office-111 Civil Lines Bareily-243001.
……………..Opp. Party/Appellant.
Versus
Ganga Prasad S/o Sri Shuklal R/o Mohalla-Dhan Singh (Kalamandir).
…………….Complainant/Respondent.
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2.मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आनन्द भार्गव विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
दिनॉंक:-01-09-2021
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यहजिला उपभोक्ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद संख्या-66/2009 गंगा प्रसाद बनाम सहायक भविष्य निधि में पारित निर्णय व आदेश दिनॉंक 17-08-2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
संक्षेप में अपील के आधार हैं कि विद्वान जिला फोरम/आयोग ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा जो मनमाना था अपीलार्थी को आदेश दिया कि वह परिवादी को 187634/-रूपये पर दिनॉंक 06-08-2008 से 03-02-2009 तक 09 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करे और 3000/-रूपये क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय 3000/-रूपये अदा करें।
बहस के दौरान अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि परिवादी को भुगतान किया जा चुका है। अत: जो वार्षिक ब्याज उस पर लगाया गया है और साथ ही साथ क्षतिपूर्ति और वाद व्यय के रूप में अधिरोपित किया, उसे लगाने की आवश्यकता नहीं है। अत: इसे अपास्त किया जाए। विद्वान जिला फोरम/आयोग ने लिखा है कि दिनॉंक 10-09-2008 के उपरान्त परिवादी के पक्ष में भविष्य निधि की धनराशि समय के अन्दर स्वीकार न करके ज्यादा विलम्ब के साथ दिनॉंक 04-03-2009 को एक चेक संख्या 752985 के द्वारा रूपये 187634/- की धनराशिभेजी गयी है, जिस पर दावा प्रपत्र ग्रहण करने की दिनॉंक 05-08-2008 के उपरान्त ब्याज नहीं दिया गया है। स्पष्ट है कि परिवादी उस दिन तक ब्याज पानेका अधिकारी है जिस दिन उसे दिनॉंक 03-02-2009 तक का ब्याज 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाया है और 3000/- रूपये क्षतिपूर्ति तथा 3000/-रूपये वाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया है जो प्रत्येक दृष्टि से उचित है, और इसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
अत: समस्त परिस्थितियों को देखते हुए हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वर्तमान अपील निरस्त होने योग्य है।
वर्तमान अपील सव्यय निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद संख्या 66/2009 में पारित निर्णय व आदेश दिनॉंक 17.08.2010 की पुष्टि की जाती है।
पक्षकार अपना खर्च स्वयं वहन करेंगें।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनॉंकित होकर उदघोषित किया गया।
(राजेन्द्र सिंह)(सुशील कुमार)
प्रदीप कुमार, आशु0
कोर्ट नं0-3