राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-3289/2006
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर देहात द्वारा परिवाद संख्या-30/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.11.2006 के विरूद्ध)
1. श्रीमती मृदुला सिंह पत्नी स्व0 सूर्य भूषण निवासी ग्राम काशीपुर तहसील रशूलाबाद, कानपुर देहात, वर्तमान पता 213 ई केसा रोड, बारा 8, कानपुर नगर।
2. कुमारी गरिमा सिंह पुत्री स्व0 सूर्य भूषण सिंह निवासी, ग्राम काशीपुर तहसील रशूलाबाद, कानपुर देहात द्वारा मॉं एवं प्राकृतिक अभिभावक श्रीमती मृदुला सिंह पत्नी स्व0 सूर्य भूषण सिंह।
...........................अपीलार्थीगण/परिवादीगण।
बनाम्
1. मैनेजिंग डायरेक्टर, एस्कार्ट ट्रैक्टर लि0, एफईडी 18/4, मथुरा रोड, फरीदाबाद, हरियाणा।
2. मेसर्स चड्ढा आटो ट्रैक्टर्स, 14/1, चुन्नीगंज, कानपुर नगर, कानपुर, वर्तमान पता 80 फुट रोड, निकट पेट्रोल पम्प, कानपुर नगर।
3. बैंक आफ बड़ौदा, ब्रांच काशीपुर, तहसील व पोस्ट काशीपुर, कानपुर देहात, द्वारा ब्रांच मैनेजर।
4. मेसर्स वर्मा ट्रैक्टर्स, रमा देवी चौराहा, जीटी रोड, कानपुर नगर।
..............................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
1. माननीय श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 01.10.2014
माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष 2006 से निस्तारण हेतु सूचीबद्ध है। अत: पीठ द्वारा पत्रावली का परिशीलन किया गया और समीचीन पाया गया कि इस प्रकरण का निस्तारण कर दिया जाये।
इस प्रकरण में जिला फोरम, कानपुर देहात द्वारा दिनांक 08.11.2006 को परिवाद संख्या-30/1998 को निरस्त किया गया था।
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इस प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी के पति स्व0 श्री सूर्य भूषण सिंह द्वारा कृषि कार्य हेतु एक एस्कार्ट 325 ट्रैक्टर क्रय करने हेतु विपक्षी संख्या-3/प्रत्यर्थी संख्या-3 बैंक आफ बड़ौदा के यहां दिसम्बर 1991 में ऋण लेने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिसे बैंक ने स्वीकार कर लिया। परिवादी ने दिनांक 30.12.1991 को विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2 के यहां रू0 1,000/- जमा करके ट्रैक्टर बुक करा दिया। तत्पश्चात बैंक ने परिवादी को ऋण की 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने का निर्देश दिया। अत: परिवादी ने बैंक के पास रू0 25,997/- जमा कर दिया और उसी दिन बैंक ने रू0 1,31,997/- का बैंक ड्राफ्ट संख्या-785396 जारी किया जिसे परिवादी ने विपक्षी संख्या-3 आटो ट्रैक्टर के पास जमा कर दिया जिसकी रसीद दिनांक 07.02.1992 को परिवादी को दे दी गयी। विपक्षी संख्या-2 द्वारा परिवादी को एस्कार्ट 325 माडल ट्रैक्टर न देकर एस्कार्ट 325 मारूती माडल 27 एचपी दिनांक 07.02.1992 को दिया गया, जिस पर परिवादी ने विपक्षी संख्या-3 को पत्र लिखा कि उसके द्वारा एस्कार्ट 325 माडल ट्रैक्टर बुक कराया गया था, परन्तु विपक्षी संख्या-2 ने एस्कार्ट 325 मारूती माडल ट्रैक्टर दिया गया है, लेकिन विपक्षी संख्या-2 एवं 3 द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।
विपक्षीगण ने जिला फोरम के समक्ष जवाबदावा दाखिल करते हुए कहा कि परिवाद निराधार है। परिवादी को वही ट्रैक्टर दिया गया था जो उन्होंने बुक कराया था। एस्कार्ट 325 मारूती नाम का कोई माडल नहीं है। गारण्टी अवधि एक वर्ष के अन्दर परिवादी ने कोई शिकायत नहीं की है। इस प्रकार परिवाद कालबाधित है, जो निरस्त होने योग्य है।
जिला फोरम द्वारा पक्षकारों को सुनने तथा पत्रावली का अवलोकन के पश्चात पाया कि परिवाद वर्ष 1998 में योजित किया गया था, जबकि परिवादी व विपक्षीगण के मध्य जो एग्रीमेंट ट्रैक्टर को क्रय करने एवं अन्य के सम्बन्ध में हुआ था वह वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 1993 के बीच तक था। इस प्रकार परिवाद पॉंच वर्ष के बाद योजित किया गया है जो कालबाधित है। तदनुसार जिला फोरम द्वारा इसी आधार पर प्रश्नगत परिवाद निरस्त कर दिया गया। इसके अतिरिक्त पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों के परिशीलन से यह तथ्य प्रकाश में आता है कि अपीलार्थीगण ने वर्ष 1992 में विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2, मेसर्स चड्ढा आटो ट्रैक्टर्स कानपुर नगर से एस्कार्ट ट्रैक्टर 325 फ्रेम संख्या 250125603.M चेसिस संख्या 3243826 इंजन संख्या Eg179D-16744W क्रय किया था। इसके अतिरिक्त आरटीओ कार्यालय द्वारा जारी अभिलेख भी यह प्रमाणित करता है कि अपीलार्थीगण ने एस्कार्ट 325 ट्रैक्टर खरीदा
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था। इस ट्रैक्टर को खरीदने के उपरान्त अपीलार्थीगण ने उसे ओरियंटल इंश्योरेन्स कम्पनी से बीमित कराया था। बीमा अभिलेखों में भी एस्कार्ट 325 टैक्टर का बीमा होना उल्लिखित है। इसके अतिरिक्त एस्कार्ट कम्पनी का कहना है कि कम्पनी द्वारा एस्कार्ट 325 मारूती नाम का कोई मॉडल निर्मित नहीं किया जाता है। इस कथन के विपरीत पत्रावली में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। अधीनस्थ फोरम द्वारा उपरोक्त सभी बातों पर विचार-विमर्श करने के उपरान्त प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है। उक्त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील दिनांक 26.12.2006 को याजित की गयी है। अपील योजित करने के पश्चात अपीलार्थी की ओर से विगत आठ वर्ष से अपील पर कोई बल नहीं दिया जा रहा है और न ही उनकी ओर से कोई उपस्थित ही हो रहा है। अत: पीठ द्वारा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं अभिलेखों का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया गया है कि जिला फोरम द्वारा सभी तथ्यों पर विचार विमर्श करने के उपरान्त प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.11.2006 पारित किया गया है, जिसमें किसी प्रकार का कोई विधिक अथवा तथ्यात्मक त्रुटि होना नहीं पाया जाता है, अत: इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता है। वर्णित परिस्थितियों में यह अपील सारहीन होने के कारण निरस्त होने योग्य है।
आदेश
यह अपील सारहीन होने के कारण निरस्त की जाती है। इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये। पत्रावली दाखिल अभिलेखागार हो।
(आलोक कुमार बोस) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0-2
कोर्ट-5