Uttar Pradesh

StateCommission

A/1215/2016

Mohd Aslam and Mohd Anjum - Complainant(s)

Versus

Escort Tractor and another - Opp.Party(s)

S Istekhar Hasan

19 Jun 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1215/2016
( Date of Filing : 17 Jun 2016 )
(Arisen out of Order Dated 18/05/2016 in Case No. C/39/2015 of District Pilibhit)
 
1. Mohd Aslam and Mohd Anjum
Pilibhit
...........Appellant(s)
Versus
1. Escort Tractor and another
Pilibhit
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jun 2020
Final Order / Judgement

                                                                                                 सुरक्षि‍त

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                                                                        अपील संख्‍या- 1215/2016

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, पीलीभीत द्वारा परिवाद संख्‍या- 39/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18-05-2016 के विरूद्ध)

 

मोहम्‍मद असलम, मोहम्‍मद अंजुम दोनों पुत्रगण हांजी मुंशी, निवासी- ग्राम अरात बोझ, ब्‍लाक-अमरिया पर० जहानाबाद तह0 व जिला पीलीभीत।

                                                                                                                                        अपीलार्थी/परिवादीगण

बनाम

1- इस्‍कार्ट ट्रैक्‍टर्स कम्‍पनी लि0 ए.एम.एम.डी. 18/4 मथुरा रोड, फरीदाबाद, हरियाणा।

2- हरीराम-हरिओम इस्‍कार्ट ट्रैक्‍टर एजेन्‍सी नियर नवीन मण्‍डी, समिति सिटी व डिस्ट्रिक पीलीभीत, द्वारा इट्स मैनेजर।

                                                                                                                                       .प्रत्‍यर्थीगण

मक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :  विद्वान अधिवक्‍ता श्री इस्‍तेखार हसन

प्रत्‍यर्थी सं०1 की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा

 

दिनांक-..25-02-2021

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित  

                          निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील परिवादीगण, मोहम्‍मद असलम व मोहम्‍मद अंजुम द्वारा जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, पीलीभीत द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18-05-2016 मोहम्‍मद असलम, मोहम्‍मद अंजुम बनाम इस्‍कार्ट ट्रैक्‍टर कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986, के अन्‍तर्गत प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

अंतिम सुनवाई के समय अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता     श्री इस्‍तेखार हसन उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित आए। उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा निर्मित ट्रैक्‍टर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 डीलर के प्रतिष्‍ठान से खरीदा गया। अपीलार्थी/परिवादीगण का कथन है कि उक्‍त क्रय किये गये ट्रैक्‍टर के निर्माण में अनेकों त्रुटियां दृष्टिगत हुयीं अतएव वह उक्‍त ट्रैक्‍टर को संबंधित डीलर/विपक्षी संख्‍या-2 के प्रतिष्‍ठान में ले गया और अपनी समस्‍या से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 डीलर को अवगत कराया। अपीलार्थी/परिवादीगण का कथन है कि वे उक्‍त डीलर के यहॉं जब भी सम्‍पर्क करते थे तब उनकी कमियों को दूर न करके बल्कि टाल-मटोल की स्थिति बनाए रखी। अपीलार्थी/परिवादीगण का कथन है कि उक्‍त परेशानी एवं शिकायत पर न तो प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 और न ही प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा कोई संज्ञान लिया गया और न ही उसके ट्रैक्‍टर की कमियों को दूर किया गया। चॅूकि विपक्षीद्व्‍य द्वारा अपीलार्थी/परिवादीगण की समस्‍या का कोई निदान नहीं किया गया अतएव मजबूर होकर अपीलार्थी/परिवादीगण द्वारा उक्‍त ट्रैक्‍टर के घिसे हुए टायर की रिट्रेंडिग पर 22,000/-रू० खर्च किया गया जिसकी सूचना विपक्षीगण को दी गयी।

     उक्‍त समस्‍याओं को दृष्टिगत रखते हुए अपीलार्थी/परिवादीगण द्वारा उनका निराकरण न करने की वजह से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 व प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के

 

3

अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, पीलीभीत के समक्ष वाद दायर किया गया।

     प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-1 व प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा अपनी आपत्ति/लिखित कथन जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया तथा अपना पक्ष रखा गया। अपीलार्थी/परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा हमारा ध्‍यान जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश की ओर आकृष्‍ट किया गया जो निम्‍नवत है:-

     " पत्रावली में संलग्‍न जॉबकार्ड के अवलोकन से यह विदित होता है कि पहला जाबकार्ड दिनांक-12-11-2014 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि गेयर नहीं पड़ता है और क्‍लच को चेक किया जाना है। दूसरा जॉबकार्ड दिनांक 31-01-2015 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि दाई तरफ का मडगार्ड टूटा है तथा बाईं तरफ का रिम  चटका हुआ है, टायर घिस रहे हैं। तीसरा जॉबकार्ड दिनांक 24-02-2015 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि क्‍लच में समस्‍या है, टायर में समस्‍या है, रिम टेड़े है, सर्विस होनी है। अगला जॉबकार्ड दिनांक 18-04-2015 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि ट्रैक्‍टर के क्‍लच पैंडल काम नहीं कर रहे हैं, रिम टेड़ा है, टायर घिस रहे हैं, रेडियेटर लीक है। अगला जॉबकार्ड दिनांक 15-05-2015 का है जिसमें शिकायत दर्ज है कि आगे पहिया वकलिंग कर रहा है, मडगार्ड व रिम चटक रहे है। इससे अगल जॉबकार्ड दिनांक 19-05-2015 का है जिसमें यह शिकायत है दर्ज है कि रिम ववलिंग कर रहा है। अगला जॉबकार्ड दिनांक 23-06-2015 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि क्‍लच का पैंडल टायट है, साइलेंसर टूट गया है, मडगार्ड चटक गया है, पी.टी.यू. गेयर पड़ने में दिक्‍कत है। अगला जॉबकार्ड दिनांक 20-07-2015 का है जिसमें यह शिकायत है कि क्‍लच टायट है और मडगार्ड चटक रहा है। 

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अगला जॉबकार्ड दिनांक 10-08-2015 का है जिसमें यह शिकायत दर्ज है कि टायर में दिक्‍कत है, गैस किट खराब हो गया है, रिम चटका हुआ है, क्‍लच टायट है। "

     उक्‍त जाबकार्ड निर्विवाद रूप से विपक्षीगण की कम्‍पनी द्वारा जारी किया गया है जब परिवादीगण अपने ट्रैक्‍टर की कमियों को ठीक कराने के लिए उनके पास ले गया। उक्‍त जॉबकार्ड में अं‍कित कमियों से यह स्‍पष्‍ट होता है कि दिनांक 12-05-2014 को परिवादीगण द्वारा ट्रैक्‍टर क्रय करने के उपरान्‍त कुछ समय बाद से ही ट्रैक्‍टर में खराबी बनी रही और परिवादीगण बराबर उसको ठीक कराने हेतु विपक्षीगण के सर्विस सेन्‍टर में ट्रैक्‍टर को ले जाते रहे। मुख्‍य रूप से ट्रैक्‍टर में क्‍लच ठीक तरह से काम न करने, गेयर सही तरह से न पड़ने तथा मडगार्ड व पहिए के रिम चटके होने की शिकायत बराबर की जाती रही । हालॉं‍कि जो अन्‍य प्रपत्र विपक्षीगण की तरफ से दाखिल किये गये हैं उनसे यह अवश्‍य विदित होता है कि ट्रैक्‍टर में साइलेंसर टूटने पर बदल दिया गया, गेयर किट बदल दी गयी और मडगार्ड भी बदल दिया गया किन्‍तु क्‍लच, गेयर पड़ने तथा ट्रैक्‍टर के रिम चटकने की समस्‍या के निदान का कोई प्रमाण विपक्षी द्वारा स्‍पष्‍ट रूप से नहीं बताए गये।

     इन तथ्‍यों के रहते हुए कि ट्रैक्‍टर के रिम चटके हुए थे इस कारण टायर जल्‍दी घिस गये और परिवादीगण ने स्‍वयं टायर पर रबड़ चढ़वाकर उसका उपयोग किया। यह तथ्‍य स्‍वयं में यह दर्शाते हैं कि परिवादीगण की यह शिकायत प्रारम्‍भ से ही उचित थी और बराबर बनी रहे कि रिम चटके होने के कारण पहिया का बैंलेस सही नहीं था जिस कारण टायर जल्‍दी और अधिक

 

5

 

घिस गये। हालॉं‍कि परिवादीगण द्वारा डेढ़ वर्ष की अवधि में ट्रैक्‍टर का संचालन भी किया गया जैसा कि विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा अपनी आपत्ति में कहा कि

1340 घंटे ट्रैक्‍टर को चलाया भी गया किन्‍तु इन तथ्‍यों के रहते हुए भी जैसा कि उपरोक्‍त विवरण से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी के ट्रैक्‍टर में क्रय करने के बाद से ही बराबर खराबी उत्‍पन्‍न होती रही। विशेष रूप से उसका क्‍लच तथा गेर के सही काम न करने एवं ट्रैक्‍टर के पहिए के रिम चटके होना और इसी कारण परिवादी लगातार विपक्षीगण से उसको ठीक कराने हेतु सम्‍पर्क में रहा जिसका जीता जागता प्रमाण दोंनो पक्षों की तरफ से दाखिल जॉबकार्ड और उनमें बार-बार अं‍कित उपरोक्‍त कमियां ही दर्शायी गयी हैं। स्‍वीकृत रूप से क्रय किये गये ट्रैक्‍टर वारण्‍टी अवधि में था और विपक्षीगण के अनुसार डेढ़ अथवा 2000 घंटे संचालन की अवधि थी, किन्‍तु उसके पूर्व ही तथा इसी अवधि के मध्‍य परिवादी के ट्रैक्‍टर में उपरोक्‍त कमियां बराबर बनी रहीं जिसको ठीक करने का उत्‍तरदायित्‍व विपक्षीगण पर था किन्‍तु विपक्षीगण द्वारा उनको दुरूस्‍त नहीं किया गया और ट्रैक्‍टर में उपरोक्‍त कमी को दूर करके परिवादीगण को संतुष्‍ट नहीं किया गया। विपक्षीगण का यह कृत्‍य स्‍पष्‍ट रूप से सेवा में कमी के अन्‍तर्गत आता है।"

     हमारे द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय एवं उनके द्वारा दिये गये समस्‍त विवरण एवं तथ्‍यों का सम्‍यक परीक्षण किया गया व हमारे समक्ष उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन किया गया तदोपरान्‍त इस आयोग द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय/आदेश दिनांक 18-05-2016 में दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु विपक्षीगण को 30 दिन का समय प्रदान किया जाता है साथ ही विपक्षी बीमा कम्‍पनी (विपक्षी संख्‍या-1) के विरूद्ध

6

20,000/-रू० हर्जाना अपीलार्थी/परिवादीगण को देने हेतु निर्देशित किया जाता है।

 

 

(राजेन्‍द्र सिंह)                                (न्‍यामूर्ति अशोक कुमार)                     

   सदस्‍य                                          अध्‍यक्ष                                                                                                                                  

           

 

 

कृष्‍णा, आशु0

कोर्ट नं01.

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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