Uttar Pradesh

StateCommission

C/2012/143

Birendra Kumar Banka - Complainant(s)

Versus

Emaar MGF Land Ltd - Opp.Party(s)

Vikas Agarwal

15 Sep 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2012/143
( Date of Filing : 02 Nov 2012 )
 
1. Birendra Kumar Banka
a
...........Complainant(s)
Versus
1. Emaar MGF Land Ltd
a
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Sep 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-143/2012

बिरेन्‍द्र कुमार बांका पुत्र स्‍व0 एल.पी. बांका, निवासी ई-430, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर रोड, लखनऊ।

बनाम

एमार एमजीएफ लैण्‍ड लिमिटेड, गोमती ग्रीन्‍स, गोमती नगर एक्‍सटेंशन, सेक्‍टर 07, अमर शहीद पथ, लखनऊ द्वारा मैनेजर तथा दो अन्‍य।

 

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से      : श्री विकास अग्रवाल, विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षीगण की ओर से    : श्री प्रशान्‍त कुमार, विद्वान अधिवक्‍ता।

                            

दिनांक : 15.09.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         यह परिवाद, विपक्षी भवन निर्माता कंपनी के विरूद्ध परिवादी के पक्ष में आवंटन पत्र जारी करना, परिवादी द्वारा जमा राशि पर 18 प्रतिशत ब्‍याज प्राप्‍त करना, बगैर ब्‍याज के अवशेष धनराशि प्राप्‍त कर आवंटित भूखण्‍ड का कब्‍जा प्राप्‍त करने तथा अंकन 25 लाख रूपये प्रतिकर प्राप्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत किया गया है साथ ही परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 25 हजार रूपये की मांग की गई है।

2.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार विपक्षीगण द्वारा गोमती नगर लखनऊ में एक योजना का प्रारम्‍भ अप्रैल 2012 में किया गया। परिवादी द्वारा मई 2012 में अंकन 2,50,000/-रू0 चेक के माध्‍यम से जमा कराए गए। दूरभाष पर सूचित किया गया कि भूखण्‍ड सं0-GGP-B-B04/30 239.2 स्‍क्‍वायर यार्ड का भूखण्‍ड परिवादी को आवंटित किया गया है, जिसकी कुल कीमत 60,94,816/-रू0 है, परन्‍तु यथार्थ में आंवटन पत्र जारी

 

-2-

नहीं किया गया। जून 2012 में परिवादी द्वारा अंकन 7,50,000/-रू0 जमा कराए गए। इस प्रकार कुल 10,00,000/-रू0 का भुगतान किया जा चुका है। दिनांक 30.7.2012 के पत्र द्वारा विपक्षीगण द्वारा अंकन 52,480/-रू0 की मांग की गई है। पुन: दिनांक 14.8.2012 को स्‍मृति पत्र भेजा गया, इसके बाद दिनांक 13.9.2012 को अंकन 9,20,920/-रू0 की मांग की गई, जिस पर परिवादी ने आवंटन पत्र की मांग दिनांक 29.9.2012 के पत्र द्वारा की गई तथा अक्‍टूबर 2012 में आवश्‍यक दस्‍तावेज मांगे गए, जो उपलब्‍ध नहीं कराए गए, इसलिए अवशेष राशि जमा नहीं की गई। विपक्षीगण आवंटन निरस्‍त कर अंकन 10 लाख रूपये की राशि को जब्‍त करने की धमकी दे रहे हैं, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

3.         परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र तथा अनेक्‍जर 1 लगायत 6 दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किए गए।

4.         विपक्षी भवन निर्माता कंपनी द्वारा लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया तथा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा दिनांक 17.7.2012 के ई-मेल द्वारा पता परिवर्तन की सूचना दी गई थी, इससे पूर्व परिवादी द्वारा कोई सूचना नहीं नहीं दी गई थी। ई-मेल आई.डी. पर आवंटन पत्र उपलब्‍ध करा दिया गया था, परन्‍तु अवशेष राशि जमा नहीं कराई गई। अंकन 7,50,000/-रू0 का चेक दो बार बाउंस हुआ था, तीसरे प्रयास में चेक कैश हो पाया था, इसलिए समस्‍त दोष परिवादी पर है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है, इसलिए परिवादी को परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई वाद कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ। यह परिवाद खारिज होने योग्‍य है। यह भी कथन किया गया कि वरूणा प्रापर्टीज द्वारा भी आवंटन पत्र परिवादी के लिए प्राप्‍त कर लिया गया था। पंजीकरण धनराशि अदा करने  के  समय  ही  समस्‍त दस्‍तावेज उपलब्‍ध करा दिए गए थे, जिनसे

 

 

-3-

संतुष्‍ट होकर ही परिवादी द्वारा धनराशि जमा कराई गई थी, इसलिए दस्‍तावेज मांगने का असत्‍य बहाना बनाया गया है।

5.         लिखित कथन के समर्थन में अधिकृत हस्‍ताक्षरी श्री अभय कुमार खरे का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया एवं परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए आवेदन की प्रति प्रस्‍तुत की गई तथा ई-मेल पर प्रेषित आंवटन पत्र की प्रति भी प्रस्‍तुत की गई साथ ही अवशेष राशि के भुगतान के पत्र की प्रतियां भी प्रस्‍तुत की गई हैं। तदनुसार सुसंगत दस्‍तावेजों का उल्‍लेख निर्णय में आगे चलकर किया जाएगा।

6.         उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

7.         परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि उनके द्वारा केवल 10,00,000/-रू0 जमा कराए गए। अवशेष राशि इसलिए जमा नहीं कराई गई, क्‍योंकि परिवादी द्वारा योजना की स्‍वीकृति से संबंधित दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराए गए थे। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क किसी भी दृष्टि से ग्राह्य प्रतीत नहीं होता। परिवादी द्वारा जब 10,00,000/-रू0 जमा कराए गए थे तब उनके द्वारा योजना के बारे में विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त की गई थी। ऐसा मानने के पर्याप्‍त आधार हैं, क्‍योंकि कोई भी व्‍यक्ति योजना की स्‍वीकृति के दस्‍तावेज देखे बिना अंकन 10,00,000/-रू0 जमा नहीं करा सकता। अत: यह आधार बनावटी एवं निरर्थक है कि विपक्षीगण द्वारा योजना की स्‍वीकृति के दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं कराए गए, इसलिए अवशेष राशि जमा नहीं कराई गई।

8.         परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी बहस की गई कि आवंटन की सूचना परिवादी को उपलब्‍ध नहीं कराई गई। परिवादी द्वारा यह परिवाद वर्ष 2012 में प्रस्‍तुत किया गया है, जबकि विपक्षीगण द्वारा  प्रस्‍तुत दस्‍तावेज एवं लिखित कथन में वर्णित तथ्‍यों के समर्थन में

-4-

प्रस्‍तुत शपथ पत्र के अवलोकन से ज्ञात होता है कि यथार्थ में स्‍वंय परिवादी ने पते में परिवर्तन किया, जिसकी सूचना ई-मेल द्वारा भवन निर्माता कंपनी को उपलब्‍ध कराई गई। विपक्षी सं0-1 द्वारा ई-मेल पर आवंटन की सूचना दी गई। परिवादी द्वारा जो आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया, उसमें स्‍वंय उस भूखण्‍ड नं0 का उल्‍लेख है तथा क्षेत्रफल का उल्‍लेख है, जो परिवादी द्वारा बुक कराया गया, इसलिए परिवादी को भूखण्‍ड बुक करते समय ही भूखण्‍ड की कीमत, भुगतान के तरीके आदि के बारे में समस्‍त जानकारी थी, परन्‍तु स्‍वंय परिवादी द्वारा भूखण्‍ड की मूल राशि जमा नहीं की गई, इसलिए परिवादी अवशेष किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति प्रापत करने के लिए अधिकृत नहीं है ओर न ही परिवादी अपने द्वारा जमा राशि पर कोई ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है, परन्‍तु चूंकि बहस के दौरान यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट हुआ है कि परिवादी को आवंटित भूखण्‍ड अभी भी किसी अन्‍य व्‍यक्ति को आवंटित नहीं किया गया है और परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 10,00,000/-रू0 का उपभोग भी विपक्षी कंपनी द्वारा किया गया है, इसलिए यह भूखण्‍ड परिवादी को अवशेष राशि ब्‍याज सहित प्राप्‍त करने के पश्‍चात उपलब्‍ध कराने का आदेश दिया जा सकता है, परन्‍तु परिवादी के पक्ष में परिवाद खर्च या अन्‍य किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया जाना विधि सम्‍मत नहीं है, क्‍योंकि स्‍वंय परिवादी ने लम्‍बी अवधि बीत‍ जाने के बावजूद आवंटित भूखण्‍ड की अवशेष राशि जो 50 लाख रूपये से अधिक है तथा जिस पर ब्‍याज की गणना करने के पश्‍चात अवशेष राशि अधिक मात्रा में बकाया हो चुकी है। तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

9.         प्रस्‍तुत परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि यदि परिवादी  द्वारा  अगले  तीन माह के अंदर बकाया अवशेष राशि करार के

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अनुसार दिए जाने वाले ब्‍याज की गणना करते हुए एकमुश्‍त जमा कराई जाती है तब विपक्षी भवन निर्माता कंपनी द्वारा प्रश्‍नगत भूखण्‍ड का कब्‍जा एवं विक्रय पत्र परिवादी के पक्ष में निष्‍पादित किया जाएगा। यदि परिवादी को धनराशि अदा करने के लिए ऋण की आवश्‍कता है तब विपक्षी कंपनी द्वारा ऋण प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से आवश्‍यक दस्‍तावेज परिवादी को अगले 15 दिन के अंदर उपलब्‍ध कराए जाएंगे तथा तृतीय पक्ष ऋण करार के निष्‍पादन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह भी स्‍पष्‍ट किया जाता है कि विपक्षी अवशेष राशि बकाया की गणना तय ब्‍याज के साथ करते हुए अगले 15 दिन के अंदर परिवादी को अवशेष राशि जमा करने के संबंध में लिखित में सूचना उपलब्‍ध कराएंगे। परिवादी द्वारा अगले 2.5 माह में अवशेष राशि जमा कराई जाएगी। यदि परिवादी इस राशि को जमा करने में विफल रहते हैं तब परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 10,00,000/-रू0 (दस लाख रूपये) बगैर किसी कटौती के परिवादी को वापस लौटाए जाएंगे।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, 

    कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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