Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/874

Post Office - Complainant(s)

Versus

Dr Yaspal Sharma - Opp.Party(s)

Dr U V Singh

07 Mar 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/874
( Date of Filing : 05 May 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Post Office
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dr Yaspal Sharma
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Mar 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-874/2008

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, बहराइच द्वारा परिवाद संख्‍या-45/2007 में पारित निर्णय दिनांक 22.02.2008 के विरूद्ध)

1.हेड पोस्‍ट आफिस, बहराइच द्वारा पोस्‍ट मास्‍टर।

2.सुपरिटेन्‍डेन्‍ट आफ पोस्‍ट आफिसेस, पोस्‍टल डिवीजन बहराइच।

                                       .....अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

 

डा0 यशपाल शर्मा असिस्‍टेन्‍ट सर्जन, वेटेरनरी एरिया आफिस सशस्‍त्र

सीमा बल, हुजूरपुर रोड, निकट कटी चौराहा, बहराइच।

                                            ......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री उदय वीर सिंह के सहयोगी श्री कृष्‍ण पाठक, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

दिनांक 30.03.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 45/2007 डा0 यशपाल शर्मा बनाम प्रधान डाकघर बहराइच व एक अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 22.02.2008 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। परिवाद स्‍वीकार करते हुए मानसिक कष्‍ट के लिए अंकन रू. 9000/- और नोटिस एवं याचिका व्‍यय के रूप में रू. 1000/- अदा करने का आदेश दिया गया है।

2.   परिवादी का कथन है कि जम्‍मू कश्‍मीर के निदेशक पशुपालन विभाग को 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दि. 17.02.06 को एक पत्र सर्विस बुक हेतु भेजने का निर्देश दिया गया। परिवादी ने दि. 07.02.2006 को अपना प्रार्थना पत्र विभाग के उप महा निरीक्षक के कार्यालय में प्रस्‍तुत किया था। उनके कार्यालय द्वारा दि. 08.02.06 को पत्र एवं सर्विस बुक भेज दी गई

-2-

थी, परन्‍तु पत्र एवं सर्विस बुक निदेशक पशुपालन विभाग जम्‍मू कश्‍मीर को नहीं पहुंची, इसलिए वेतन वृद्धि की राशि अंकन रू. 9000/- मानसिक मद में रू. 9000/- और नोटिस याचिका के मद में रू. 2000/- की क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। 

3.   विपक्षी द्वारा स्‍वीकार किया गया है कि स्‍पीड पोस्‍ट से पत्र भेजा गया था, परन्‍तु प्रेषण में गायब हो गया, जिसके लिए अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जा रही है।

4.   दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया दि. 08.02.06 को डाक द्वारा भेजा गया पत्र एवं सर्विस बुक प्रेषण प्रक्रिया में गायब हो गया, जिसके लिए डाक विभाग उत्‍तरदायी है। तदनुसार उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया।

5.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय गलत है, समय पर डाक न पहुंचने पर केवल पोस्‍टल चार्ज अदा करने का आदेश दिया जा सकता है तथा आर्टिकल गुम होने पर स्‍पीड पोस्‍ट शुल्‍क का या रू. 1000/- जो भी कम हो प्रतिकर दिया जा सकता है।

6.   केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

7.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा डाक देर से पहुंचने या आर्टिकल गायब हो जाने के संबंध में जिन बिन्‍दुओं पर अपना तर्क प्रस्‍तुत किया गया है वह बिन्‍दु उस स्थिति में लागू होते हैं जब स्‍वयं डाक विभाग अपने स्‍तर से नियमों में वर्णित राशि अपने उपभोक्‍ता को प्राप्‍त करा रहा

-3-

हो और उपभोक्‍ता सहजता के साथ यह राशि प्राप्‍त करने के लिए सहमत हो, परन्‍तु यदि उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है तब विभाग द्वारा निर्मित नियम/उप नियम उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों पर प्रभावी नहीं हैं। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्‍ता मंच द्वारा एक स्‍वतंत्र निर्णय पारित किया जाता है। प्रस्‍तुत केस में जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय में किसी बिन्‍दु पर कोई चर्चा नहीं की गई है। इस पीठ के राय में भी जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय में हस्‍तक्षेप करने का कोई उचित आधार प्रतीत नहीं होता है, तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

     अपील खारिज की जाती है।

     उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की

वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         

       (राजेन्‍द्र सिंह)                      (सुशील कुमार)                                                                                                                                                 सदस्‍य                             सदस्‍य

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

        (राजेन्‍द्र सिंह)                        (सुशील कुमार)                                                                                                                                                  सदस्‍य                             सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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