राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या-109/2024
कविता, पत्नी साहेब गुप्ता
बनाम
डॉ0 सदभावना हास्पिटल
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री अंगद प्रसाद शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री इस्तेखार हसन,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 16.12.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या-269/2018 कविता बनाम डॉ0 सदभावना हास्पिटल में पारित आदेश दिनांक 10.10.2024 के विरूद्ध योजित की गयी है।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अंगद प्रसाद शुक्ला एवं विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री इस्तेखार हसन को सुना गया तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश व पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परीक्षण व परिशीलन किया गया।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वय को सुनने के पश्चात् यह तथ्य सुस्थापित रूप से पाया गया कि इस न्यायालय द्वारा पूर्व में अपील निर्णीत करते हुए उपरोक्त परिवाद संख्या-269/2018 को गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में निस्तारित किए जाने हेतु आदेशित किया गया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उपरोक्त अवधि में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को अंतिम रूप से
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निस्तारित नहीं किया गया व विपक्षी द्वारा जानबूझकर प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र वास्ते विपक्षी के रूप में आशा एवं अल्ट्रासाउण्ड करने वाले डॉक्टर/चिकित्सालय को भी पक्षकार बनाए जाने की प्रार्थना को जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा स्वीकृत किया गया, अर्थात् इस न्यायालय के आदेश का अनुपालन न कर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अनुचित रूप से प्रार्थना पत्र स्वीकृत किया गया।
बिना किसी गुणदोष पर व्याख्या करते हुए प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या-269/2018 कविता बनाम डॉ0 सदभावना हास्पिटल में पारित आदेश दिनांक 10.10.2024 को अपास्त किया जाता है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती को निर्देशित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग, बस्ती द्वारा उपरोक्त परिवाद संख्या-269/2018 को पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों के परीक्षण के उपरान्त व पक्षकारों के अधिवक्तागण को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए हर दशा में गुणदोष के आधार पर दिनांक 31.03.2025 तक अंतिम रूप से निस्तारित किया जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1