(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2353/2001
रिजनल प्रोविडेंट फण्ड कमिश्नर, निधि भवन, सर्वोदय नगर, कानपुर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
जिला उपभोक्ता फोरम, जिला उन्नाव, यू.पी. तथा 24 अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आनन्द भार्गव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 18.01.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-173/2000, आयल एण्ड केमिकल वर्क्स कर्मचारी संघ तथा 23 अन्य बनाम क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त तथा तीन अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, उन्नाव द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.08.2001 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादीगण विपक्षी संख्या-2, खण्डेलवाल एक्सट्रेक्शन लिमिटेड, अकरमपुर, उन्नाव के कर्मचारी हैं तथा कर्मचारी तथा इनके संघ द्वारा भविष्य निधि अंशदान की प्राप्ति के लिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
3. विपक्षी संख्या-1 ने लिखित कथन में यह उल्लेख किया है कि वर्ष 1994-95 की कुछ धनराशियों के जमा करने का प्रमाण पत्र विपक्षी संख्या-2, खण्डेलवाल एक्सट्रेक्शन लिमिटेड ने नियमित रूप से भविष्य निधि की राशि की कटौती करने का उल्लेख अपने लिखित कथन में किया है और यह भी उल्लेख किया है कि यह राशि नियमित रूप से बैंक में जमा की गई हैं। अत: स्वंय
-2-
विपक्षी संख्या-1 के लिखित कथन से जाहिर हो जाता है कि विपक्षी संख्या-2 द्वारा धनराशियां जमा की गई हैं, परन्तु प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने के कारण परिवादीगण को अदा नहीं की गई, जबकि प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का दायित्व विपक्षी संख्या-1 पर खुद अधिनियम के अंतर्गत मौजूद है, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार की वैधानिक त्रुटि नहीं है।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि समय पर प्रोविडेंट फण्ड की राशि नियोक्ता द्वारा उपलब्ध न कराने के कारण अपीलार्थी को सिविल दायित्व के तहत उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। उनके द्वारा अपने तर्क के समर्थन में नजीर, सिविल अपील नं0-2136/2012, Horticulture Experiment Station Gonikoppal, Coorg Vs The Regional Provident Fund Organization में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23 फरवरी 2022 की प्रतिलिपि प्रस्तुत की गई है। इस केस के तथ्यों के अनुसार यथार्थ में अधिनियम की धारा 14 बी के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियां/कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। यह नजीर रिजनल प्रोविडेंट फण्ड कमिश्नर के उपभोक्ताओं के संबंध में दायित्व निर्धारित करने के बिन्दु पर नहीं है, इसलिए इस नजीर में दी गई व्यवस्था का कोई लाभ अपीलार्थी को प्रदान नहीं किया जा सकता। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3