Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/385/2016

M.P.VERMA - Complainant(s)

Versus

DISH T.V - Opp.Party(s)

21 Dec 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/385/2016
( Date of Filing : 28 Nov 2016 )
 
1. M.P.VERMA
.
...........Complainant(s)
Versus
1. DISH T.V
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Dec 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-385/2016                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।    

   

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-28.11.2016

परिवाद के निर्णय की तारीख:-21.12.2023

 

M.P. Verma, Advocate, resident of C-10/4034, Rajaji Puram, Lucknow.

                                                                                  ..................Complainant.

                                                   Versus

 

Regional Marketing Manager, Dish Infra Services Pvt, Ltd, Essel House, D-10, Lawrence Road, Industrial Area, Delhi-110035.

                                                                                 ................Opposite Party.                                                                

                                                   

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-परिवादी स्‍वयं।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री रजनीश राय।

आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

 

                               निर्णय

 

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत संस्थित किया गया है जिसके तहत परिवादी द्वारा मानसिक क्षति एवं शारीरिक पीड़ा की मद में 1,00,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दो वर्ष पहले एक सेटअप बाक्‍स क्रय किया था, जिस पर परिवादी 1800.00 रूपये में एक माह का रिचार्ज दे रहा था। कुछ समय बाद विपक्षी ने रिचार्ज वाउचर की कीमत बढ़ा दी। परिवादी ने दिनॉंक 16.09.2016 को वी0सी0 संख्‍या 1520112235 रूपये 270.00 में विपक्षी से क्रय किया है। दिनॉंक 20.08.2016 से कोई भी रिचार्जिंग नहीं किया। परिवादी ने दिल्‍ली स्थित डिश टी0वी0 सेन्‍टर में शिकायत किया। उन्‍होंने मेरी शिकायत यह कहते हुए दर्ज की कि तकनीशियन आयेगा और आने के लिये परिवादी को 170.00 रूपये देने होंगें, और परिवादी इसके लिये सहमत हो गया।

3.   दिनॉंक 03.08.2016 को तकनीशियन चेक करने के बाद परिवादी से कहा कि आपका एस0टी0बी0 काम नहीं कर रहा है और उसे बदल दिया जायेगा, जिसके लिये परिवादी को 100.00 रूपये देने होंगे, जिसकी कीमत 699+विजिंटिंग चार्ज 170.00 रूपये देने होंगे। परिवादी उनकी बातों से सहमत हो गया, और उसने दिनॉंक 23.08.2016 को एस0टी0बी0 संख्‍या 1022 को बदल दिया और पुराने एस0टी0बी0 को श्री अमित अपने साथ ले गया जो बालाजी ट्रेडर्स (एस.एफ.) 439/82 मीना प्‍लाजा हरदोई रोड का कर्मचारी था। दुबग्‍गा लखनऊ जिसे एस0एफ0 डिश केयर सेन्‍टर दिल्‍ली द्वारा अधिकृत किया गया और परिवादी ने 869.00 रूपये का भुगतान किया।

4.   दिनॉंक 23.08.2016 के बाद परिवादी ने उपरोक्‍त वी0सी0 को दिनॉंक 16.09.2016 को सुपर फैमिली पैक के लिये 270.00 रूपये जो पीछे से चल रहा था दिनॉंक 03.10.2016 को विपक्षी पार्टी ने एक मैसेज भेजा कि आपको वी0सी0 दिनॉंक 05.10.2016 को रीचार्ज हो गया है। विपक्षी के कर्मचारी ने परिवादी से कहा कि आपको फैमिली पैक 410.00 रूपये में बदल दिया जायेगा। परिवादी इस स्थिति में असहमत हो गया। विपक्षी ने परिवादी के साथ बिना किसी अनुरोध के 270.00 रूपये के स्‍थान पर 410.00 रूपये में पैकेज को बदलकर परिवादी को धोखा दिया।

5.   विपक्षी ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया कि हाई डिफनेशन (एच0डी0) सेटअप के मुकाबले सिंपल डिफनेशन (एस0डी0) को केवल 699.00 रूपये में एच0डी0 सेटअप बाक्‍स के साथ एक्‍सचेंज किया जाना था और एक महीने के लिये 22 एच0डी0 चैनल मुफ्त दिये गये थे। सेल ऑफर में कहा गया था। इस प्रकार ऑफर की भाषा को पढ़ने से स्‍पष्‍ट है कि 22 एच0डी0 चैनल अगले महीने तक मुफ्त रहेगें। पहले महीने और एक महीने से अधिक की अवधि के लिये इसे जारी रखने पर प्रभावी आधार पर शुल्‍क लिया जायेगा। इस प्रकार एक महीने की मुफ् देखने की अवधि पूरी होने के बाद परिवादी से उक्‍त एच0डी0 चैनलों का आनन्‍द लेने के लिये शुल्‍क लिया गया। क्‍योंकि परिवादी की ओर से उक्‍त चैनलों को निष्क्रिय करने का कोई अनुरोध या प्रयास नहीं किया गया।

6.   इसके अलावा जब परिवादी ने 16 सितम्‍बर 2016 को अपना खाता रिचार्ज किया तो उससे सदस्‍यता के अनुसार 435.00 रूपये प्रतिमाह सभी करों सहित शुल्‍क लिया गया। चॅूंकि उसने 16 सितम्‍बर 2016 को अपने खाते में 270.00 रूपये का भुगतान किया था। 435.00 रूपये प्रतिमाह की दर से 19 दिन का रिचार्ज कराये। विपक्षी की ओर से कोई कमी नहीं की गयी थी क्‍योंकि वह परिवादी की जिम्‍मेदारी थी कि यदि वह लाभ नहीं लेना चाहता है तो वह किसी भी चैनल या पैक को निष्क्रिय कर दे। चॅूंकि अतिरिक्‍त एच0डी0 चैनलों के संबंध में परिवादी से निष्क्रिय करने के लिये ऐसा कोई अनुरोध नहीं प्राप्‍त हुआ इसलिये विपक्षी ने परिवादी के सदस्‍यता खाते में इसे जारी रखा और उसने तदनुसार शुल्‍क लिया। क्‍योंकि विपक्षी ने परिवादी को केवल पहले महीने के लिये भुगतान किया था, किसी अतिरिक्‍त अवधि के लिये नहीं।

7.   विपक्षी को मुफ्त देखने की अवधि के लिये भी ब्राडकास्‍ट को उक्‍त चैनलों के शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता था। इसके अलावा यह तय करना विपक्षी की जिम्‍मेदारी नहीं कि ग्राहकों के द्वारा कौन से चैनल सब्‍सक्राइब किये जायेगें आैर कौन से चैनल बन्‍द कर दिये जायेंगें। चैनल को सब्‍सक्राइब एवं अनसब्‍सक्राइब का फैसला परिवादी को है। विपक्षी ने केवल उन सेवाओं के लिये शुल्‍क लिया है जो परिवादी ने उसने प्राप्‍त किया है।

8.   परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में कैस रिसीट आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है। विपक्षी की ओर से शपथ पत्र तथा एक फोटो की छायाप्रति दाखिल की गयी है।

9.   आयोग द्वारा उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।

10.  परिवाद पत्र को साबित करने का भार परिवादी के ऊपर है तथा यह भी परिवादी को साबित करना है कि परिवादी विपक्षी का उपभोक्‍ता है एवं विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है।

11.  परिवादी का कथानक है कि दो वर्ष पहले एक सेटअप बाक्‍स क्रय किया था। परिवादी ने 1800.00 रूपये में एक माह का रिचार्ज दे रहा था। विपक्षी ने रिचार्ज की कीमत बढ़ा दी थी। परिवादी ने दिनॉंक 16.09.2016 को वी0सी0 संख्‍या-1520112235 मुबलिग 270.00 विपक्षी से क्रय किया था। दिनॉंक 20.08.2016 से कोई भी रिचार्जिंग नहीं की। परिवादी ने दिल्‍ली स्थित डिश टी0वी0 सेन्‍टर में शिकायत की। उन्‍होंने मेरी शिकायत यह कहते हुए दर्ज की गयी कि तकनीशियन आयेगा और आने के लिये परिवादी को 170.00 रूपये देने होंगे।

12.  दिनॉंक 20.08.2016 को वी0सी0 रिचार्ज करने से पहले कोई भी प्रोग्राम स्‍क्रीन पर नहीं देखा गया, न ही टी0वी0 पर दिखाया गया और न ही सिग्‍नल मिला। परिवादी ने दिल्‍ली स्थित डिश टी0वी0 सेन्‍टर को शिकायत किया और उसने शिकायत दर्ज की कि टेक्निशियन आयेगा और विजिट करने का 170.00 रूपये देना होगा। परिवादी सहमत हो गया। उसने परिवादी से कहा कि आपका एस0टी0बी0 काम नहीं कर रहा है और इसे बदल दिया जायेगा और नया एस0टी0बी0 लगेगा जिसके लिये 699.00 रूपये एवं विजिटिंग चार्ज देना पड़ेगा। उस टेक्‍नीशियन ने एस0टी0बी0 को बदल दिया और पुराने एस0टी0बी0 को श्री अमित अपने साथ ले गये।

13.  यह तथ्‍य विवाद का विषय नहीं है कि परिवादी ने विपक्षी से डिश टी0वी0 कनेक्‍शन लिया था और एक माह के लिये 22 एच0डी0 चैनल मुफ्त दिये गये थे। एक महीने मुफ्त देखने की अवधि पूरी होने के बाद परिवादी से उक्‍त एच0डी0 चैनल का आनन्द लेने के लिये शुल्‍क लिया गया, क्‍योंकि परिवादी द्वारा उक्‍त चैनल को निष्क्रिय करने का कोई तस्‍करा नहीं किया गया था। इसके अलावा जब 16 सितम्‍बर 2016 को अपना खाता रिचार्ज किया तो उससे सदस्‍यता के अनुसार 435.00 रूपये प्रतिमाह शुल्‍क लिया गया और चॅूंकि उसने 16 सितम्‍बर 2016 को अपने खाते में 270.00 रूपये का भुगतान किया था। परिवादी के द्वारा 435.00 रूपये प्रतिमाह की दर से रिचार्ज कराया गया था। क्‍याकेंकि यह परिवादी की जिम्‍मेदारी होती है कि यदि वह लाभ लेना नहीं चाहता है तो किसी भी चैनल या पैक को निष्क्रिय कर दे।

14.  विपक्षी के अधिवक्‍ता द्वारा कहा गया कि आफर के संबंध में प्रपत्र दाखिल किया गया है, जिसका आयोग द्वारा अवलोकन किया गया जिसमें Exchange Standard Definition Set-Top-Box with High Definition at just Rs. 699/- & get 22 HD channels free for the 1st Month.

15.  क्‍योंकि अतिरिक्‍त एच0डी0 चैनलों के संबंध में परिवादी से निष्क्रिय करने के लिये कोई ऐसा अनुरोध प्राप्‍त नहीं हुआ, इसलिये विपक्षी ने परिवादी के सदस्‍यता खाते में इसे जारी रखा और उससे तदनुसार शुल्‍क लिया। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। अत: परिवाद पत्र खारिज किये जाने योग्‍य है।

                             आदेश

     परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

 (कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                        (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                         (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ

दिनॉंक-21.12.2023

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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