Uttar Pradesh

StateCommission

A/797/2016

Tata AIA Life Insurance - Complainant(s)

Versus

Dinesh Mishra - Opp.Party(s)

Vinayjit Lal Verma

24 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/797/2016
( Date of Filing : 20 Apr 2016 )
(Arisen out of Order Dated 16/09/2015 in Case No. C/151/2013 of District Kushinagar)
 
1. Tata AIA Life Insurance
Gorakhpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Dinesh Mishra
Kushinagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Feb 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-797/2016

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कुशीनगर द्वारा परिवाद सं0-151/2013 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-09-2015 के विरूद्ध)

टाटा एआईए लाइफ इंश्‍योरेंस कं0लि0 (eaflier known as “Tata AIG Insurance Company Limited) 14वॉं तल, टावर ए, पेनिंसुला बिजनेस पार्क, सेनापति बापत मार्ग, लोअर परेल, मुम्‍बई-400 013.

Also At :-

टाटा एआईए लाइफ इंश्‍योरेंस कं0लि0, ब्रान्‍च आफिस, काशीपुर, गोरखपुर, जिला गोरखपुर (यू0पी0)।                ...........अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1.   

बनाम

1. दिनेश मिश्रा पुत्र स्‍व0 अवधेश मिश्रा निवासी ग्राम भड़सर खास, पो0 भड़सर खास, जनपद कुशीनगर (यू0पी0)।        ............ प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

2. यू0पी0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 द्वारा ब्रान्‍च मैनेजर, ब्रान्‍च आफिस, हाता, जिला कुशीनगर (यू0पी0)।   ............ प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2. समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अवनीश पाल विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री बी0के0 उपाध्‍याय विद्वान  

                               अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक :- 02-03-2023.     

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, कुशीनगर द्वारा परिवाद सं0-151/2013 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-09-2015 के विरूद्ध योजित की गयी है।

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह लिखा है कि विपक्षी सं0 2 ने अपने सभी ऋण खातेदारों का बीमा विपक्षी सं0 1 से कराया है। इसी क्रम में परिवादी के पिता अवधेश मिश्र का भी बीमा विपक्षी सं0-1 से 90000.00 के लिए विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा कराया गया था। परिवादी के पिता अवधेश मिश्र

 

 

 

 

 

-2-

ने दिनॉक 19.12.2011 को 60000.00रू0 का ऋण खाता लेजर संख्‍या-114/41 के तहत प्राप्‍त किया था। अवधेश मिश्र की दिनांक 30.11.2012 को अचानक मृत्‍यु हो गयी। परिवादी ने बतौर नामिनी व वारिश घटना की सूचना तत्‍काल विपक्षी सं0-2 को दिया। विपक्षी संख्‍या-2 ने परिवादी से मृत्‍यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्‍टर की नकल व ऋण पासबुक व अन्‍य कागजात प्राप्‍त किया और यह बताया कि इसे वह विपक्षी संख्‍या-1 के यहां प्रेषित कर रहा है। शीघ्र ही बीमा राशि उसे मिल जायेगी। लेकिन यह राशि उसे नहीं मिली। वह बार बार विपक्षीगण का चक्‍कर लगाता रहा। अत: यह परिवाद इस अनुतोष के लिए उसके द्वारा दाखिल किया गया है कि बीमित राशि 90000.00रू0 18 प्रतिशत ब्‍याज सहित दिलाया जाये तथा बीमा राशि मिलने से विपक्षी सं0 2 से वसूली स्‍थगित कराई जाये एवं 10000.00 रू0 शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए दिलाया जाये। इसके समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया है। पासबुक, मृत्‍यु प्रमाण पत्र, नकद जमा रसीद तथा विपक्षी सं0-1 को दिये गये प्रार्थना पत्र दिनॉकित 24.12.2022 व पालिसी की छायाप्रति भी दाखिल की गई है।

अपीलार्थी ने यह बताया कि परिवादी के मृतक पिता के पक्ष में कोई पालिसी जारी नहीं की गई थी।

प्रत्‍यर्थी यू0पी0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 ने यह कहा कि अपीलार्थी द्वारा संचालित ग्रुप टर्म लाइफ इंश्‍योरेंस की मास्‍टर पालिसी के अन्‍तर्गत 50,000/- रू0 का बीमा कराया गया था जिसके लिए 394/- रू0 प्रीमियम की राशि अपीलार्थी को भेजी गई। परिवादी ने विलम्‍ब से सूचना दी। दिनांक 23-07-2013 को विपक्षी सं0-2 ने डैथ क्‍लेम हेतु विपक्षी सं0-1 बीमा कम्‍पनी को पत्र भेजा। परिवादी के ऊपर 60,370/- रू0 बकाया है। बीमा राशि का भुगतान अपीलार्थी टाटा एआईए लाइफ इंश्‍योरेंस कं0लि0 द्वारा किया जाना है।

 

 

-3-

हमने उभय पक्ष के उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण द्वय की बहस सुनी तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया।

हमने प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया। यह स्‍पष्‍ट है कि बीमाधारक की मृत्‍यु हो चुकी है और इस राशि का भगतान करने के लिए विपक्षी सं0-2 बैंक ने विपक्षी सं0-1 टाटा एआईए लाइफ इंश्‍योरेंस कं0लि0 को वांछित अभिलेखों सहित दावा भेजा। परिवादी के पिता का बीमा अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के यहॉं हुआ। विद्वान जिला आयोग ने निम्‍न आदेश पारित किया :-

‘’ परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या-1 को आदेशित किया जाता है कि वह एक माह में परिवादी को उपरोक्‍त बीमित राशि 50000.00 (पचास हजार रू0) का भुगतान कर देवे अन्‍यथा इस राशि पर दावा दाखिल होने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान तिथि तक 06 प्रतिशत ब्‍याज विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा परिवादी को देय होगा। रू0 5000/- (पॉंच हजार) वाद व्‍यय भी परिवादी विपक्षी सं0-1 से प्राप्‍त करेगा। ‘’   

यह स्‍पष्‍ट है कि बीमा विपक्षी सं0-2 ने विपक्षी सं0-1 के यहॉं कराया है और विपक्षी सं0-2 ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि उसने इस सम्‍बन्‍ध में डैथ क्‍लेम विपक्षी सं0-1 के यहॉं भेज दिया है किन्‍तु उसने भुगतान नहीं किया।

अपीलार्थी का कथन है कि उसने कोई प्रीमियम प्राप्‍त नहीं किया और न ही कोई बीमा किया। स्‍पष्‍ट है कि विपक्षी सं0-2 यू0पी0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 का बीमा कराने का दायित्‍व था। यदि ऐसा है तो इसमें विपक्षी सं0-2 भी उत्‍तरदायी हुआ क्‍योंकि प्रथम दृष्‍ट्या बीमा कराने एवं डैथ क्‍लेम भेजने के लिए वहीं उत्‍तरदायी था। अत: इस मामले में विपक्षीगण भुगतान के लिए उत्‍तरदायी होंगे। विद्वान जिला आयोग ने मात्र विपक्षी सं0-1 को उत्‍तरदायी माना जो उचित नहीं है। सम्‍यक विचारोपरान्‍त हम इस

 

 

 

 

 

-4-

निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि इस मामले में विपक्षीगण उत्‍तरदायी हैं, अत: तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

 आदेश

वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, कुशीनगर द्वारा परिवाद सं0-151/2013 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-09-2015 मात्र इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षी सं0-1 के स्‍थान पर विपक्षीगण द्वारा आदेशित धनराशि का भुगतान किया जाएगा। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

         (विकास सक्‍सेना)                    (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                              सदस्‍य                    

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

         (विकास सक्‍सेना)                    (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                              सदस्‍य                    

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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