Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1256

Ratan Entustries - Complainant(s)

Versus

Dewan Sugar Ltd - Opp.Party(s)

S K Sharma

24 Jul 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1256
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ratan Entustries
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Dewan Sugar Ltd
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 Jul 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-1256/2012

 

(जिला मंच प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-१७८/२००६ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १९/०४/२०१२ के विरूद्ध)

 

रतन इंन्‍डस्‍ट्रीज बी-१६/३ मेरठ रोड इण्डस्‍ट्रीज एरिया गाजियाबाद द्वारा प्रोपराईटर।

                                             .............. अपीलार्थी।

बनाम्

 

मै0 दीवान शुगर लि0 अगवानपुर थाना सिविल लाईन तहसील व जिला मुरादाबाद द्वारा धर्मेन्‍द्र चौधरी प्रधान प्रबन्‍धक।

                                              ............... प्रत्‍यर्थी। 

समक्ष:-

१. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, पीठासीन सदस्‍य।

२. मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित:- श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री वैभव श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक : 31/08/2017

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-१७८/२००६ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १९/०४/२०१२ के विरूद्ध योजित की गयी है जिसमें निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया-

      ‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह त्रुटिपूर्ण लोटस रोलर को बदलकर नया लोटस रोलर अथवा उसकी कीमत अंकन रू0 २,६०,०००/- मय ०६ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित परिवाद योजित करने के दिनांक से अंतिम भुगतान के दिनांक तक तथा मानसिक संताप के रूप में अंकन रू0 ५०००/- एवं परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन रू0 २०००/- निर्णय के दिनांक से एक माह के अन्‍दर अदा करें। यदि विपक्षी उक्‍त आदेश का अनुपालन समयावधि के अन्‍दर सुनिश्चित नहीं करते हैं तो अंकन रू0 २,६०,०००/- पर ०६ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याजके स्‍थान पर ०९ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज परिवादी विपक्षी से पाने का अधिकारी होगा। ‘’

      इसी आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

      इस प्रकरण में सर्वप्रथम यह बिन्‍दु निर्धारित किया जाना है कि क्‍या प्रश्‍नगत प्रकरण उपभोक्‍ता प्रकरण है या नहीं। प्रत्‍यर्थी/परिवादी मै0 दीवान शुगर लि0 ने अपीलकर्ता से एक लोटस रोलर रू0 २६००००/- में क्रय की थी जो गारण्‍टी अवधि में ही खराब हो गयी थी जिसे बदलने के लिए उसने अपीलकर्ता से कहा था और अपीलकर्ता के द्वारा जब उसे बदलने से इनकार किया गया तो उसने परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया। अपीलकर्ता रतन इण्‍डस्‍ट्रीज को नोटिस जारी किया गया किन्‍तु वह जिला मंच के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जिला मंच द्वारा एकपक्षीय आदेश पारित किया गया जिससे क्षुब्‍ध होकर यह अपील दायर की गयी है।

      अपीलकर्ता द्वारा यह कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रश्‍नगत मशीन अपने व्‍यवसायिक कार्य के लिए क्रय की थी, इसलिए वह उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍दर उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। इसके अतिरिक्‍त अपील के आधार में यह भी कहा गया है कि अपीलकर्ता का कार्य स्‍थल गाजियाबाद में है और गाजियाबाद से ही उसने प्रत्‍यर्थी को मशीन की पूर्ति की थी इसलिए प्रश्‍नगत प्रकरण का क्षेत्राधिकार गाजियाबाद में था न कि मुरादाबाद का था। क्षेत्राधिकर के आधार पर भी परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

      प्रस्‍तुत प्रकरण में प्रश्‍नगत मशीन एक व्‍यवसायिक कार्य के लिए ली गयी थी। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा २(१)डी के अन्‍तर्गत वह उपभोक्‍ता नहीं है। विद्वान जिला मंच ने परिवाद का संज्ञान लेकर त्रुटि की है। तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है तथा प्रश्‍नगत परिवाद खण्डित किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-१७८/२००६ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक १९/०४/२०१२ खण्डित किया जाता है। परिवाद भी खण्डित किया जाता है।

उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभयपक्ष को इस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार निर्गत की जाए।

 

 

 (राज कमल गुप्‍ता)                          (महेश चन्‍द)

  पीठासीन सदस्‍य                                सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र, कोर्ट-5

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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