(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1095/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-34/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.06.2019 के विरूद्ध)
आईसीसीआई बैंक लि0, रजिस्टर्ड आफिस लैण्डमार्क, रेस कोर्स सर्कल, वदोदरा, 390007, कारपोरेट आफिस आईसीआईसीआई बैंक टावर्स, बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स, मुम्बई 400051, ब्रांच सेक्टर 18, नोयडा, जिला गौतम बुद्ध नगर, व जोनल आफिस शालीमार टावर, हजरतगंज लखनऊ द्वारा श्री मणि प्रसाद दास, लीगल मैनेजर, आईसीआईसीआई बैंक लि0, जोनल आफिस शालीमार टावर, हजरतगंज, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
देवेन्द्र कुमार मित्तल, निवासी डी-15, सेक्टर 27, नोयडा, जिला गौतम बुद्ध नगर 201301 ।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री डी.के. गुप्ता, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 13.09.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-34/2018, देवेन्द्र कुमार मित्तल बनाम आईसीआईसीआई बैंक लि0 तथा एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.06.2019 के विरूद्ध योजित की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया गया है कि परिवादी से किसी भी अतिरिक्त धनराशि 11,632.79 रूपये वसूल न करे
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तथा आटोडेबिट के माध्यम से ली गई अतिरिक्त धनराशि को मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करें तथा मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट तथा वाद व्यय हेतु क्रमश: 51,000/- रूपये एवं 21,000/- रूपये भी परिवादी को अदा करें।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि विपक्षी बैंकिंग कारोबार के साथ-साथ अपने बैंक खाताधारकों को डेबिड कार्ड आदि की सुविधा भी प्रदान करता है, जिस पर विपक्षी ने परिवादी को एक क्रेडिट कार्ड अंकन 75,000/- रूपये की लिमिट औपचारिकताएं पूर्ण कर निर्धारित की थीं। परिवादी को यह क्रेडिट कार्ड माह सितम्बर 2013 में दिया गया था। परिवादी के द्वारा निर्धारित तिथि तक क्रेडिट की धनराशि का भुगतान न होने पर विपक्षी को अधिकार था कि वह न्यूनतम देय राशि परिवादी के खाते से आटो डेबिट के माध्यम से निकाल ले। परिवादी ने विभिन्न तिथियों में खरीदारी की और उसका भुगतान समय पर किया, किंतु विपक्षी द्वारा परिवादी के बैंक खाते से आटोडेबिट के माध्यम से धनराशि काट ली गई, जो उनकी सेवा में कमी है।
विपक्षीगण पर्याप्त तामीला के बावजूद कोई उपिस्थत नहीं आए।
हमारे द्वारा उपरोक्त निर्णय एवं आदेश का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री डी0के गुप्ता उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को अंतिम रूप से सुनने के उपरांत यह पाया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट के मद में अंकन 51,000/- रूपये हेतु पारित किया गया
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आदेश उचित नहीं है, जो अपास्त होने और प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
हमारे द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.06.2019 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु अंकन 51,000/- रूपये अदा करने का आदेश अपास्त किया जाता है। शेष आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे। आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश
को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1