Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/51/2012

ARVIND KUMAR YADAV - Complainant(s)

Versus

DEEP AUTOMOBILES - Opp.Party(s)

PANNA LAL

20 Dec 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 51 सन् 2012

प्रस्तुति दिनांक 05.06.2012

                                                                                                             निर्णय दिनांक 20.12.2021

अरविन्द कुमार पाठक पुत्र श्रीनाथ पाठक, साकिन- शंकर नगर जाफरपुर, पोस्ट- जाफरपुर, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।      

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. सेल्स मैनेजर दीप आटो मोबाईल्स 105 स्टेशन रोड हरबंशपुर, आजमगढ़।
  2. शाखा प्रबन्धक महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा फाइनेन्सियल सर्विस लिo हरबंशपुर स्टेशन रोड आजमगढ़।
  3. शाखा प्रबन्धक यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी 64 सदावर्ती रूंगटा बिल्डिंग नियर पी.एन.बी. आजमगढ़।
  4. चेयरमैन महेन्द्रा इण्डिया वर्ल्ड हेड क्वार्टर्स महेन्द्रा टावरर्स जी.एम.भसले मार्ग मुम्बई 400018, +9178004251624    
  5. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह बी.बी.एस. जूनियर हाई स्कूल शंकर नगर जाफरपुर का प्रबन्धक है। स्कूल व अपने व्यक्तिगत उपयोग हेतु गाड़ी ‘महेन्द्रा मैक्सिमों मिनी वैन बी.एस.38एस.टी.आर.’ के क्रय करने हेतु नियमानुसार विपक्षी संख्या 02 महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा फाइनेन्स सर्विस लिo से 2,90,000/- रुपया दिनांक 17.05.2012 को ऋण प्राप्त किया, जिसे 35 माह में परिवादी को मय ब्याज के भुगतान करना था। परिवादी ने दिनांक 17.05.2012 को मुo 3,51,639/- रुपया की गाड़ी ‘महेन्द्रा मैक्सिमों मिनी वैन बी.एस.38एस.टी.आर.’ जिसका इंजन नंबर एम.सी.सी.6डी.20521 विपक्षी संख्या 01 दीप आटो मोबाईल्स हरबंशपुर से क्रय किया। क्रय रसीद इन्वायस नं. डी.ए./0367/12-13 दिनांकित 17.05.2012 विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी को दिया। परिवादी लोन की प्रथम किस्त 11,957/- रुपया विपक्षी संख्या 02 को अदा किया। वाहन का बीमा परिवादी द्वारा बी.बी.एस. जूनियर हाई स्कूल शंकर नगर जाफर पुर के नाम से विपक्षी संख्या 03 बीमा कम्पनी से विस्तृत बीमा कराया गया था, जिसका कवरनोट नं. 0011033112013283 था। बीमा धनराशि मुo 10,019/- रुपया परिवादी ने भुगतान किया। उक्त बीमा के आधार पर सभी प्रकार की जोखिम की क्षतिपूर्ति का दायित्व विपक्षी संख्या 03 बीमा कम्पनी पर था। उक्त बीमा दिनांक 17.05.2012 से दिनांक 16.05.2013 तक वैध एवं प्रभावी था। विपक्षी संख्या 01 द्वारा 40000 कि.मी. तक वाहन को चलाने की वारण्टी दी गयी थी और यह कहा गया था कि इस मध्य कोई त्रुटि होगी तो वह उसको बनवाएगा, यदि त्रुटि पूरी नहीं हुई तो उसके जगह गाड़ी बदलकर दूसरी गाड़ी दी जाएगी। परिवादी दिनांक 20.05.2012 को गाड़ी स्टार्ट कर रहा था तो स्टार्ट करने में काफी परेशानी हुई गाड़ी का गियर काफी हार्ड था गियर बदलने में काफी परेशानी हो रही थी गाड़ी की फोकस लाईट भी ठीक से जल नहीं रही थी। परिवादी उपरोक्त गाड़ी को लेकर विपक्षी संख्या 01 की एजेन्सी पर गया और विपक्षी संख्या 01 ने गाड़ी की मरम्मत कराई परन्तु उसकी त्रुटि ठीक नहीं हुई। परिवादी दिनांक 29.05.2012 को उपरोक्त गाड़ी से अपने कुछ मित्रों के साथ श्रीमद्भागवत कथा व गृह प्रवेश में दयाशंकर मिश्र निवासी जिला अम्बेडकरनगर जा रहा था कि रास्ते में नेऊरी चौराहा अम्बेडकरनगर पर अचानक गाड़ी बन्द हो गयी। परिवादी ने स्टार्ट करने का काफी प्रयास किया परन्तु गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। परिवादी आजमगढ़ आया और वाहन के कुशल मिस्त्री को लेकर नेऊरी चौराहा गया। मिस्त्री ने गाड़ी चेक करने के बाद बताया कि इंजन काफी खराब है इसकी क्वालिटी शक्ति मानक के अनुरूप नहीं है। इसे एजेन्सी में ले जाकर ठीक करवाएं। परिवादी ने इसकी तुरन्त सूचना मोबाईल से विपक्षी संख्या 01 व 03 को दिया तो विपक्षी संख्या 01 हीलाहवाली करने लगा तब परिवादी ने इसकी सूचना विपक्षी संख्या 04 को दिया। विपक्षी संख्या 04 ने विपक्षी संख्या 01 को निर्देशित किया कि गाड़ी ले आकर अविलम्ब उसकी त्रुटि को ठीक किया जाए अगर त्रुटि ठीक करने लायक न हो तो बदल कर दूसरी गाड़ी परिवादी की दी जाए। दिनांक 30.05.2012 को विपक्षी संख्या 01 टोचिंग कर उपरोक्त गाड़ी नेऊरी चौराहा से अपने एजेन्सी पर ले आया परन्तु मरम्मत करने के बाद भी ठीक नहीं हुई। उपरोक्त गाड़ी आज भी विपक्षी संख्या 01 के एजेन्सी के वर्कशॉप में है। परिवादी दिनांक 31.05.2012 को विपक्षी संख्या 01 के यहाँ गया तो विपक्षी संख्या 01 ने कहा कि दूसरी गाड़ी देने हेतु विपक्षी संख्या 04 के हेडक्वाटर को संस्तुति हेतु सूचित कर दिया है आप इनवायस पेपर, वारण्टी कार्ड व इन्श्योरेन्स सभी का मूल प्रति दाखिल कर दें तीन दिन बाद आकर दूसरी गाड़ी ले जाइएगा। परिवादी उसी दिन गाड़ी का सम्पूर्ण कागजात मूल रूप में विपक्षी संख्या 01 को दे दिया। परिवादी दिनांक 04.06.2012 को विपक्षी संख्या 01 के यहाँ गया और उपरोक्त गाड़ी के स्थान पर दूसरी नई गाड़ी देने को कहा तो विपक्षी संख्या 01 उसके स्थान पर दूसरी गाड़ी देने से इन्कार कर दिया तब परिवादी ने गाड़ी की धनराशि वापस करने को कहा तो विपक्षी संख्या 01 दूसरी गाड़ी अथवा क्रय धनराशि वापस करने से इन्कार कर दिया। परिवादी की गाड़ी विपक्षी संख्या 01 के एजेन्सी में आज भी है। विपक्षीगण न तो उक्त गाड़ी की मरम्मत ही कर रहे हैं और न ही दूसरी गाड़ी अथवा उसकी धनराशि वापस कर रहे हैं। अतः विपक्षीगण से परिवादी को परिवादी द्वारा अदा की गयी क्रय धनराशि व लोन धनराशि 3,51,639/- रुपया मय ब्याज दिलाया जाए साथ ही परिवादी द्वारा अदा की गयी लोन की प्रथम किस्त 11957/- मय ब्याज, बीमा धनराशि 10019/- मय ब्याज तथा क्षतिपूर्ति हेतु 75,000/- रुपए विपक्षीगण से परिवादी को दिलाया जाए।    

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 दीप आटोमोबाइल्स के इनवायस की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/2 युनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा इन्श्योरेन्स किए जाने प्रपत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।  

कागज संख्या 10क विपक्षी संख्या 03 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि यह परिवाद बीमा कम्पनी के विरुद्ध दाखिल नहीं किया गया महज औपचारिक रूप से पक्षकार मुकदमा बनाया गया है, जो कि पोषणीय नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

कागज संख्या 14क विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवाद असत्य है। परिवादी ने व्यावसायिक उपभोग हेतु विद्यालय के नाम वाहन क्रय कर व्यावसायिक उपयोग करता है इसलिए परिवादी किसी भी दशा में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत विपक्षी का उपभोक्ता नहीं है। इस आधार पर परिवादी का परिवाद किसी भी दशा में पोषणीय नहीं है। परिवादी के संदर्भित वाहन की त्रुटि के सम्बन्ध में कोई प्रामाणिक व अभिलेखीय अथवा साक्ष्य के तौ    र पर ग्राह्य किए जाने हेतु कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। उक्त वाहन में आई त्रुटि के बाबत वाहन के परीक्षणोपरान्त किसी विधि मान्य तकनीकी विशेषज्ञ की तकनीकि रिपोर्ट नहीं है। ऐसी दशा में परिवादी का परिवाद विचारण योग्य न होने के कारण खारिज होने योग्य है। विपक्षी द्वारा वाहन की सर्विसिंग सेवा शर्तों के अधीन निःशुल्क की जाती है। दिनांक 21.06.2013 को दुर्घटना में क्षतिग्रस्त दशा में परिवादी विपक्षी के अधिकृत कार्यशाला में लाया गया उक्त वाहन की हुई क्षति का आंकलन वाहन विशेषज्ञ द्वारा करके वाहन को सही दशा में करने का अनुमानित खर्च बताया गया जिस पर परिवादी सहर्ष तैयार होकर वाहन ठीक किए जाने का अनुरोध किया। क्षतिग्रस्त वाहन की बाडी की डेंटिंग, पेंटिंग एवं अन्य क्षतिग्रस्त कलपुर्जे व सामानों को नया बदलकर लगाया गया जिसकी उचित कीमत व वाहन पर आए श्रमिक की मजदूरी आदि का खर्च कुल 20,477 रुपए आया। परिवादी उक्त वाहन संतुष्ट होकर उक्त वाहन ले गया। परिवादी का यह अभिकथन कि वाहन में आयी त्रुटियों को ठीक नहीं किया गया सरासर गलत है। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई भी कमी नहीं की गयी है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

कागज संख्या 17क विपक्षी संख्या 04 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवाद असत्य है। परिवादी ने व्यावसायिक उपभोग हेतु विद्यालय के नाम वाहन क्रय कर व्यावसायिक उपयोग करता है इसलिए परिवादी किसी भी दशा में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत विपक्षी का उपभोक्ता नहीं है। इस आधार पर परिवादी का परिवाद किसी भी दशा में पोषणीय नहीं है। परिवादी के संदर्भित वाहन की त्रुटि के सम्बन्ध में कोई प्रामाणिक व अभिलेखीय अथवा साक्ष्य के तौ    र पर ग्राह्य किए जाने हेतु कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। उक्त वाहन में आई त्रुटि के बाबत वाहन के परीक्षणोपरान्त किसी विधि मान्य तकनीकी विशेषज्ञ की तकनीकि रिपोर्ट नहीं है। ऐसी दशा में परिवादी का परिवाद विचारण योग्य न होने के कारण खारिज होने योग्य है। विपक्षी द्वारा वाहन की सर्विसिंग सेवा शर्तों के अधीन निःशुल्क की जाती है। वाहन की हुई क्षति का आंकलन वाहन विशेषज्ञ द्वारा कराया जाता है। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई भी कमी नहीं की गयी है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 04 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

कागज संख्या 27क विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवाद गलत आधार पर दाखिल किया गया है। परिवादी उसे अनावश्यक रूप से पक्षकार मुकदमा बनाया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षीगण द्वारा कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी संख्या 01 ने दिनांक 03.12.2021 को कुछ प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया है, चूंकि दिनांक 03.12.2021 को ही परिवाद की सारी कार्यवाही समाप्त हो गयी है। अतः यह प्रलेखीय साक्ष्य पत्रावली में नहीं लिया जा रहा है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि बिक्रेता ने उससे यह कहा था कि अगर वाहन खराब हो जाता है तो उसे नया दूसरा वाहन दे दिया जाएगा, लेकिन याची द्वारा पत्रावली में कोई भी वारण्टी प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है न तो परिवादी ने अपने वाहन में हुई क्षति के सम्बन्ध में सर्वेयर को कोई रिपोर्ट ही प्रस्तुत किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

 

 

 

आदेश

                                                          परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

     

 

 

 

                                                                       गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                    (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

                दिनांक 20.12.2021

                                           यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                            गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                             (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

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