जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्याः-221/2015
उपस्थितिः-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
दिनाॅंक:-08 सितम्बर, 2017
टी0ए0 खान पुत्र श्री जेड0ए0 खान, निवासी-सी-70, शिवानी विहार, कल्याणपुर, लखनऊ-226022।
.....परिवादी।
बनाम
1-दि मैनेजिंग डायरेक्टर डायकिन एआ कन्डीशनिंग इण्डिया प्रा0लि0, एफ-25/2, ओखला इण्डस्ट्रीयल एरिया, फेज-2, नई दिल्ली-110020 ।
2-श्री वी0के0 रावत सर्विस हेड (उ0प्र0) डायकिन एअर इन्डीशनिंग इण्डिया प्रा0लि0, बी-191, प्रथम तल, निराला नगर, लखनऊ-226002 ।
3-एस0डी0 अयर कन्डीशनस्र, एस-6/39-40, आजाद मार्केट, इन्दिरा नगर, लखनऊ-226016 ।
.....विपक्षीगण।
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद ए0सी0 का मूल्य 28,100/-रूपये मय ब्याज, मानसिक पीड़ी के लिए 60,000/-रूपये, वाद व्यय के लिए 10,000/-रूपये एवं सर्विस चार्ज 400/-रूपये कुल 98,500/-रूपये विपक्षीगण से दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक स्पिलिट एअर कन्डीशन 1.5 टन एच/डब्लू, डायकिन कम्पनी का उसकी अधिकृत डीलर एसव0डी0 एयर कन्डीशनर्स ब्रान्च लखनऊ उत्तर प्रदेश के एस-6/39-40 आजाद मार्केट, इन्दिरा नगर, लखनऊ-226016 से दिनाॅंक-31.07.2013 को क्रय किया था, जिसका सेल इन्वाइस रसीद नम्बर-958, बुक नम्बर-20, से ए0सी0 की वारन्टी एक वर्ष एवं कंप्रेशर की वारन्टी पाॅंच वर्ष की है, (संलग्नक-1) ।
परिवादी के साथ डीलर ने जालसाजी करते हुए सेल इन्वाइस रसीद पर आउटडोर यूनिट का नम्बर-0007499 और इन्डोर यूनिट का नम्बर-0038760 लिखा है, परन्तु आउट डोर यूनिट नम्बर-007499 के स्थान पर नम्बर-007497 परिवादी को सप्लाई किया। परिवादी की ए0सी0 में अत्यधिक आवाज हो रही थी, जिसकी शिकायत परिवादी ने डायकिन कम्पनी व कस्टमर केयर पर कई बार की, परन्तु कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिवादी ने सभी समस्याओं के बारे में फोन पर सर्विस हेड को भी बताया। डीलर ने सर्विस इंजीनियर द्वारा यूनिट चेक करने के बाद उपरोक्त त्रुटि सही पायी और आउटडोर यूनिट नम्बर-0007497 को आउट डोर यूनिट नम्बर-0014030 से दिनाॅंक 12.09.2013 को बदल दिया, (संलग्नक-2) ।
यूनिट बदलने के बाद भी ए0सी0 में आवाज आती रही। परिवादी ने इस संबंध में डायकिन कम्पनी को दिनाॅंक 05.12.2013 को एक विधिक नोटिस भेजा (संलग्नक-3)। परिवादी ने दूसरा रजिस्टर्ड रिमाइंडर नोटिस दिनाॅंक 05.03.2014 को अधिवक्ता के माध्यम से भेजा, परन्तु कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी द्वारा कस्टमर केयर में शिकायत संख्या एल0के0ओ0-150420174 दिनाॅंक 22.04.2015 को दर्ज करायी तो कस्टमर केयर द्वारा कहा गया कि ए0सी0 वारन्टी पीरियड से बाहर हो चुका है। कम्पनी का इंजीनियर आने पर भुगतान स्वयं करना होगा। कम्पनी के सर्विस इंजीनियर द्वारा कम्प्रेशर और कैपिसिटर बदल दिया गया फिर भी यूनिट ठीक से कार्य नहीं कर रहा है। परिवादी ने कई बार कम्पनी को मेल आई.डी. पर भी मेल भेजा गया परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी द्वारा दिनाॅंक 19.05.2015 को तीसरा रिमाइंडर नोटिस भी भेजा गया। जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
विपक्षी संख्या-1 एवं 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया। उन्होंने विपक्षी संख्या-03 से ए0सी0 खरीदने की बात को स्वीकार किया है। विपक्षीगण के सर्विस इन्जीनियर ने त्रुटि को दूर कर दिया और ए0सी की समस्या विद्युत वोल्टेज में उतार-चढ़ाव था। विपक्षीगण ने परिवादी का कम्प्रेशर बदलने की बात भी स्वीकार की है। वोल्टेज में उतार-चढ़ाव के कारण ए0सी0 पर्याप्त कूलिंग नहीं कर रहा था। विपक्षी संख्या-01 एव 02 के रिप्रजेन्टेटिव ने मशीन वापस लेकर सम्पूर्ण धनराशि वापस करने की बात कही थी, परन्तु यह परिवाद, परिवादी ने दायर कर दिया। विपक्षीगण अभी तक ए0सी0 की कीमत वापस करने के लिए तैयार हैं। विपक्षीगण की ओर से सेवा में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की गयी है।
परिवादी की ओर से सेल इनवाइस, संलग्नक-1, सर्विस इंजीनियर द्वारा चेकिंग के कागजात की छायाप्रति संलग्नक-2, विधिक नोटिस संलग्नक-3, विधिक नोटिस का स्मारक सलग्नक-4, एवं 7, 8, व 9, जाॅबशीट संलग्नक-5, एवं अन्य कागजातों की छायाप्रतियाॅं जैसे कंप्रेशर ले जाने की रसीद आदि दाखिल किया है।
विपक्षी संख्या-1 एवं 2 की ओर से जाॅबशीट संलग्नक-1, वारन्टी कार्ड-2, की छायाप्रतियाॅं दाखिल किया है।
परिवादी ने अपने शपथ पर साक्ष्य दाखिल किया है और उसमें उन्होंने उन्हीं कथनों को दोहराया है जिसे उन्होंने अपने परिवाद पत्र में अंकित किया है।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों का अवलोकन किया गया। अभिलेखों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी ने जो जाॅबशीट संलग्नक-5 दाखिल किया है, उसमें विपक्षी के इंजीनियर की यह रिपोर्ट अंकित है “ ज्ीम वदम चपसपज ।ण्ब्ण् दक बंचपेपजंत कममिबजपअम ।ण्ब्ण् दवज वणण् अंकित है” इसमें इनवाइस के साथ-साथ ए0सी0 खरीदने की तिथि भी अंकित है, जबकि विपक्षी द्वारा दाखिल जाॅंबशीट में इनवास नम्बर एवं तिथि अंकित नहीं है और इस पर कस्टमर का कोई हस्ताक्षर या रीमार्क भी नहीं है। इस जाॅबशीट में यह अंकित है “ ज्ीम वदम चसपज ।ण्ब्ण् बीमबामक बवउचतमेवत बींदहम दवू ।ण्ब्ण् वा इस ए0सी0 में इनवाइस नम्बर, दिनाॅंक का कालम अंकित नहीं है, तथा यह मििमबज बवउचतमेवत का था, जिसके अभाव में विपक्षी द्वारा दाखिल जाॅबशीट पर विश्वास नहीं किया जा सकता। विपक्षी संख्या-1 एवं 2 ने अपने उत्तर पत्र में यह स्पष्ट रूप से अंकित किया है कि वे ए0सी0 का पैसा वापस करने के लिए तैयार हैं उनके इस कािन से भी यह स्पष्ट है कि विपक्षीगण की ओर से सेवा में कहीं न कहीं त्रुटि की गयी है और इसी कारण वह परिवादी को ए0सी0 का मूल्य वापस करने के लिए तैयार हैं। यह विपक्षी की स्वीकारोक्ति है अतः स्वीकारोक्ति के आधार पर ही परिवाद स्वीकार करने योग्य प्रतीत होता है। विपक्षीगण ने अपनी साक्ष्य नहीं दी है। यहाॅं यह स्पष्ट करना जरूरी है कि सभी विपक्षीगण पर वाद की कार्यवाही एकपक्षीय चलाने के आदेश हुए हैं, परन्तु बाद में विपक्षी संख्या-1 एवं 2 ने अपना उत्तर पत्र दाखिल किया है। उपरोक्त तथ्यों एवं विपक्षी संख्या-1 एवं 2 की स्वीकारोक्ति के आधार पर कि वह ए0सी0 का मूल्य वापस करने के लिए तैयार हैं। परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादी को आदेशित किया जाता है कि परिवादी ए0सी0 एक महीने के अन्दर विपक्षीगण को वापस करेंगे और विपक्षीगण ए0सी0 वापस करने के 15 दिन के अन्दर ए0सी0 का मूल्य मुबलिग-28,100/-रूपये एवं उस पर 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज भी भुगतान की तिथि तक करेंगें। परिवादी मुबलिग-3000/-रूपये वाद व्यय भी पाने का अधिकारी है।
(स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,
प्रथम, लखनऊ।