(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 778/2016
Tata Motors Limited Having its Regd Office at, Bombay House, 24, Homi Mody street, Mumbai 400001, interalia its Branch offices at, Deva Road, Chinhat, Lucknow, & Nasik Road, Pune, Maharashtra, Through its Manager.
……..Appellant
Versus
1. Chotelal, S/o Shri Lalchand, R/o Hydel Colony, Robertsganj, District Sonbhadra.
2. Akash Jaiswal, Akash Motors, Canal Bangla road, Robertsganj, Sonbhadra-231216.
3. Vimal Agarwal, Brijlax Motors Pvt ltd, D-58/19, Sigra, Varanasi-221010
………Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा,
विद्वान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0- 1 की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण सं0- 2 व 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
एवं
अपील सं0- 928/2016
Chhotey lal, S/o Late Lal chand, R/o Hydel Colony, Robertsganj, Robertsganj, District Sonebhadra.
………Appellant
Versus
1. Akash Jaiswal, Akash Motors, Cainal Bangla road, Robertsganj, Sonebhadra, Sub Dealer-231216.
2. Bimal Agrawal, Brijlax Motors Pvt ltd, Dealers Tata Motors, Ltd., Passenger Car Division, D-58/19, Sigra Varanasi, Pin-221010 (U.P.)
3. Manager, Tata Motors Passenger Car Business Unit, (P.C.B.U.) Mumbai, Mumbai Pune (Maharashtra).
……….………Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण सं0- 1 व 2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0- 3 की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 17.10.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 31/2014 छोटे लाल बनाम आकाश जायसवाल व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 14.03.2016 के विरुद्ध अपील सं0- 778/2016 परिवाद के विपक्षी सं0- 3 टाटा मोटर्स द्वारा प्रस्तुत की गई है जब कि अपील सं0- 928/2016 परिवाद के परिवादी छोटे लाल द्वारा प्रतिकर राशि में बढ़ोत्तरी के लिए प्रस्तुत की गई है।
2. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा एवं विपक्षी सं0- 3 के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया। शेष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
3. अपील सं0- 778/2016 में अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 3 के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवाद समयावधि से बाधित है। परिवादी के पक्ष में वह अनुतोष जारी किया गया है जो कभी मांगा नहीं गया था। वारण्टी अवधि के बाद गाड़ी की नि:शुल्क मरम्मत करने के लिए विपक्षी सं0- 3/अपीलार्थी उत्तरदायी नहीं है।
4. परिवादी के विद्वान अधिक्ता का यह तर्क है कि चूँकि गाड़ी कुछ समय के लिए चली नहीं, इसलिए 02 वर्ष के अन्दर वारण्टी समाप्त होना नहीं माना जा सकता, क्योंकि वारण्टी की अवधि 02 वर्ष या 75,000किलोमीटर चलने तक गाड़ी की वारण्टी अवधि बनी रहती है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क विधिसम्मत नहीं है कि दो वर्ष के बाद भी यदि गाड़ी 75,000किलोमीटर नहीं चली तब 75,000किलोमीटर चलने तक वारण्टी अवधि बढ़ जायेगी। प्रस्तुत केस में वारण्टी अवधि में परिवादी से कोई शुल्क नहीं प्राप्त किया गया है और वारण्टी अवधि समाप्त होने के बाद विपक्षी नि:शुल्क मरम्मत के लिए उत्तरदायी नहीं है। प्रश्नगत वाहन दि0 23.01.2009 को क्रय किया गया है। इस प्रकार वारण्टी की अवधि दि0 22.01.2011 को समाप्त हो चुकी है जब कि परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने दि0 20.06.2011 को वाहन विपक्षी सं0- 2 के यहां मरम्मत हेतु खड़ा कर दिया। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अवैधानिक रूप से वाहन को बदल कर नया वाहन या वाहन की कीमत अदा करने का आदेश दिया है जो अपास्त होने योग्य है। इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत अपील सं0- 928/2016 खारिज होने योग्य एवं विपक्षी सं0- 3 द्वारा प्रस्तुत अपील सं0- 778/2016 स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील सं0- 778/2016 टाटा मोटर्स लि0 बनाम छोटे लाल व अन्य स्वीकार की जाती है एवं सम्बन्धित अपील सं0- 928/2016 छोटे लाल बनाम आकाश जायसवाल व अन्य खारिज की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील सं0- 778/2016 में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार अपीलार्थी को वापस की जाए।
इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0- 778/2016 में रखी जाए एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बन्धित अपील सं0- 928/2016 में रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2