(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-215/2018
1. भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर, आफिस 4 एण्ड 6, करीम भॉय रोड, बेलार्ड स्टेट, मुम्बई।
2. भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, द्वारा रिजनल मैनेजर, रिजनल आफिस, प्लाट नं0 बी 60/61, रोड नं0 4, इंडस्ट्रियल एरिया, परसा खेड़, थाना सी.बी. गंज, जिला बरेली।
अपीलार्थीगण/विपक्षी सं0-1 व 2
बनाम्
1. चन्द्रभान पुत्र रामस्वरूप।
2. बब्लू पुत्र चन्द्रभान।
3. कु0 नीरज पुत्री चन्द्रभान।
4. भानू पुत्र चन्द्रभान।
5. कु0 आरती पुत्री चन्द्रभान।
1 त 5 निवासीगण ग्राम खड़ऊआ, पोस्ट सी.बी. गंज, जिला बरेली, वर्तमान पता एसेंसियल ऑयल एण्ड केमिकल्स, जी-2, प्राइवेट लि0, परिसर परासखेड़ा, जिला बरेली।
6. साधू राम गौरव पुत्र श्री बृज लाल गौरव, (मैनेजर) सेवारत, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली।
7. प्रेम पाल भारतीय पुत्र श्री रामपाल भारतीय, (इम्पलाई) सेवारत, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली।
8. प्रोपराइटर, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली।
9. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द्वारा जोनल मैनेजर, जोनल आफिस, 179, सिविल लाइन्स, बरेली।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण/विपक्षी सं0-3 त 6
एवं
अपील संख्या-1075/2017
1. साधूराम गौड़ पुत्र श्री बृजलाल गौड़, (मैनेजर) सेवारत, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, पूर्व पता निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली, वर्तमान पता सुमंगलम भारत गैस सर्विस, महिला जीटीआई के सामने, पिंक सिटी कालोनी, नगर व जिला बरेली।
2. प्रेम पाल भारतीय पुत्र श्री रामपाल भारतीय, (कर्मचारी) सेवारत, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, पूर्व पता निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली, वर्तमान पता सुमंगलम भारत गैस सर्विस, महिला जीटीआई के सामने, पिंक सिटी कालोनी, नगर व जिला बरेली।
3. प्रोपराइटर, सुमंगलम भारत गैस सर्विस, निकट जौहरपुर फाटक, नेशनल हाईवे नं0-24, थाना सी.बी. गंज, बरेली, वर्तमान पता सुमंगलम भारत गैस सर्विस, महिला जीटीआई के सामने, पिंक सिटी कालोनी, नगर व जिला बरेली।
अपीलार्थीगण/विपक्षी सं0-3 त 5
बनाम्
1. चन्द्रभान पुत्र रामस्वरूप।
2. बब्लू पुत्र चन्द्रभान।
3. कु0 नीरज पुत्री चन्द्रभान।
4. भानू पुत्र चन्द्रभान।
5. कु0 आरती पुत्री चन्द्रभान।
समस्त निवासीगण ग्राम खड़ऊआ, पोस्ट सी.बी. गंज, जिला बरेली, हाल निवासी एसेंसियल ऑयल एण्ड केमिकल्स, जी-2, प्राइवेट लि0, परिसर परासखेड़ा, जिला बरेली।
6. भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, द्वारा प्रबंध निदेशक, कार्यालय 4 और 6, करीम भॉय रोड, बेलार्ड स्टेट, मुम्बई।
7. भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय प्लाट नं0 बी 60/61, रोड नं0 4, औद्योगिक क्षेत्र, परसाखेड़ा, जिला बरली, द्वारा प्रबन्ध निदेशक।
8. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0, मण्डलीय कार्यालय, 179, सिविल लाइंस, बरेली द्वारा मण्डलीय प्रबंधक।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण/विपक्षी सं0-1, 2 व 6
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री आर.डी. क्रांति,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से उपस्थित : श्री निशान्त वर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी सं0-3, 4 व 5 की ओर से उपिस्थत : श्री आर.के. गुप्ता,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी सं0-6 की ओर से उपस्थित : श्री नीरज पालीवाल एवं श्री
आशीष कुमार श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 28.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-109/2013, चन्द्रभान तथा चार अन्य बनाम भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड तथा पांच अन्य में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय बरेली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.5.2017 के विरूद्ध अपील संख्या-215/2018 विपक्षी संख्या-1 व 2, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा देरी से प्रस्तुत की गई है, परन्तु एक अन्य अपील संख्या-1075/2017 भी उपरोक्त निर्णय/आदेश के विरूद्ध विपक्षी संख्या-3 त 5 की ओर से प्रस्तुत की गई है, जो समयावधि के अंतर्गत है। अत: अपील संख्या-215/2018 को भी समयावधि के अंतर्गत मानते हुए देरी माफ की जाती है और गुणदोष पर दोनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्या-215/2018 अग्रणी अपील होगी।
2. परिवाद पत्र के तथ्यों के अनुसार परिवादी संख्या-1 विपक्षी संख्या-1 का उपभोक्ता है, जिसका क्रमांक संख्या-2346 है तथा वितरक कोड संख्या-4018536298 है। परिवादी संख्या-1 ने अपनी आवश्यकता के लिए एक रिफिल सिलेण्डर एलपीजी क्रय किया था, जिसके रेगूलेटर में तकनीकी खराबी थी, जिसे ठीक करने के लिए परिवादी संख्या-1 दिनांक 15.3.2012 को प्रात: 9.00 बजे विपक्षी संख्या-3 व 4 के कार्यालय पर गया था और रेगूलेटर की कमी के बारे में बताया था, परन्तु शिकायत लेने से इंकार कर दिया। दिनांक 7.4.2012 को 8.00 बजे परिवादी संख्या-1 की पत्नी ने बताया कि रेगूलेटर से गैस लीक हो रही है, इसके बाद परिवादी संख्या-1 ने विपक्षी संख्या-3 व 4 को रेगूलेटर बदलने के लिए कहा, परन्तु रेगूलेटर नहीं बदला गया। इसी तिथि को रात्रि 9.00 बजे जब परिवादी संख्या-1 की पत्नी रसोई में खाना बनाने गई तब उसके चिल्लाने पर परिवादी संख्या-1 एवं श्याम पाल ने अंदर जाकर देखा तो पाया कि रेगूलेटर में आग लग गई है तथा परिवादी संख्या-1 की पत्नी आग से घिरी हुई है। आग से बचाने में परिवादी संख्या-1 भी जल गए, जिसके उपचार में अंकन 01 लाख रूपये खर्च हुए।
3. विपक्षी संख्या-1 एवं 2 का कथन है कि रेगूलेटर खराब होने की कोई जानकारी नहीं दी गई तथा दिनांक 15.3.2012 से दिनांक 6.4.2012 तक खराब रेगूलेटर कैसे काम करता रहा। विपक्षी संख्या-3, 4 एवं 5 ने भी इसी आशय का कथन किया है। विपक्षी संख्या-6 द्वारा कोई उत्तरदायित्व नहीं बताया गया।
4. सभी पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि विपक्षीगण की लापरवाही के कारण गैस सिलेण्डर से लीकेज के माध्यम से आग लगी, जिसमें परिवादी की पत्नी श्रीमती मालदेई की मृत्यु हो गई। श्रीमती मालदेई की मृत्यु तथा परिवादी संख्या-1 के घायल होने पर कुल 3,95,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
5. उपरोक्त दोनों अपीलों में निर्णय/आदेश को इस आधार पर त्रुटिपूर्ण बताया गया है कि रेगूलेटर खराब होने की कोई तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त किए बिना ही निर्णय/आदेश पारित किया गया है, इसलिए यह निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
6. सभी पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।
7. निर्णय/आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र के विरोध में विपक्षी संख्या-1 लगायत 5 द्वारा कोई शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, केवल बीमा कंपनी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है यानी परिवाद पत्र में उठाए गए तथ्यों का खण्डन उत्तरदायी विपक्षीगण द्वारा नहीं किया गया, इसलिए अखण्डनीय साक्ष्य पर विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत निर्णय/आदेश पारित किया गया है। परिवादीगण द्वारा सशपथ साबित किया गया है कि रेगूलेटर खराब होने की शिकायत की गई थी, इस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। रेगूलेटर खराब होने के कारण गैस लीक हुई और अग्निकाण्ड हुआ, जिसमें परिवादी संख्या-1 की पत्नी की मृत्यु हुई तथा वह स्वंय भी घायल हुए। चूंकि विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन इन तथ्यों का नहीं किया गया है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत उपरोक्त दोनों अपीलें निरस्त होने योग्य हैं।
आदेश
8. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्या-215/2018 तथा अपील संख्या-1075/2017 निरस्त की जाती हैं।
पक्षकारान अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
उपरोक्त दोनों अपीलों में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-215/2018 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2