Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/60

Simbhaoli Sugar Ltd - Complainant(s)

Versus

C P Singh - Opp.Party(s)

Gyanendra Nath Ajay Vikram Singh

25 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/60
( Date of Filing : 11 Jan 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Simbhaoli Sugar Ltd
Simbhaoli Ghaziabad
...........Appellant(s)
Versus
1. C P Singh
Ravidas Nagar Sailai Firozabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Aug 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-60/2013

प्रबन्‍धक, मैसर्स सिम्‍भौली सुगर्स लिमिटेड, सिम्‍भौली, जिला गाजियाबाद

बनाम

सी0पी0 सिंह, एडवोकेट पुत्र श्री मान सिंह

एवं

अपील संख्‍या-138/2013

सी0पी0 सिंह, एडवोकेट पुत्र श्री मान सिंह

बनाम

प्रबन्‍धक सिम्‍भौली सुगर्स लि0 (यूनिट सिम्‍भौली डिस्‍टलरी) सिम्‍भौली, गाजियाबाद तथा दो अन्‍य

 

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित    : श्री टी.एच. नकवी, विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित     : श्री अजय विक्रम सिंह, विद्वान   

                                                अधिवक्‍ता।                      

दिनांक : 25.08.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-54/2010, सी.पी. सिंह, एडवोकेट बनाम श्रीमती सर्वेश कुमार अनुज्ञापी तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.12.2012 के विरूद्ध अपील संख्‍या-60/2013 विपक्षी सं0-3, प्रबंधक सिम्‍भौली सुगर्स लि0 द्वारा  प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत की गई है,  जबकि अपील संख्‍या-138/2013 स्‍वंय परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि में

 

-2-

बढ़ोत्‍तरी के लिए प्रस्‍तुत की गई है। चूंकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत की गई हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ एक ही निर्णय/आदेश द्वारा किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्‍या-60/2013 अग्रणी अपील होगी और इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-60/2013 में रखी जाए और इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील मे भी रखी जाए।

2.         विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध स्‍वीकार करते हुए अंकन 5,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश पारित किया गया है और परिवाद विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध खारिज किया गया है।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार विपक्षी सं0-1 विदेशी मदिरा की अनुज्ञापी है, जबकि विपक्षी सं0-2 विदेशी मदिरा का होलसेलर है और विपक्षी सं0-3 विदेशी मदिरा के विभिन्‍न ब्रांडों का उत्‍पादनकर्ता है। परिवादी ने दिनांक 4.6.2009 को दो क्‍वाटर हाईबर्ड जिन के अंकन 100/-रू0 में विपक्षी सं0-1 से क्रय किए, जिसका उत्‍पादन विपक्षी सं0-3 ने किया था। एक क्‍वाटर का सेवन परिवादी तथा उसके रिश्‍तेदारों ने किया, जबकि दूसरे क्‍वाटर को देखा तो उसके अंदर मकड़ी थी। पहले क्‍वाटर के सेवन से परिवादी तथा उसके रिश्‍तेदारों को उल्‍टी होने लगी, जिसका इलाज कराया गया और इलाज में अंकन 20 हजार रूपये व्‍यय हुए।

4.         विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया।

5.         विपक्षी सं0-3 ने परिवाद का विरोध करते हुए कथन किया कि उनकी कंपनी आईएसओ प्रमाणित कंपनी है और गुणवत्‍ता के आधार पर उत्‍पादन होते हैं, इसलिए कोई मकड़ी या अन्‍य बाह्य पदार्थ निर्मि‍त सामग्री में मिलने का कोई अवसर नहीं है।

-3-

6.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि विपक्षी सं0-3 द्वारा उत्‍पादित पेय पदार्थ की एक बोतल में मकड़ी मिली है तथा दूसरी बोतल का सेवन करने से परिवादी तथा उसके रिश्‍तेदार बीमार हुए हैं। तदनुसार अंकन 5,000/-रू0 का भुगतान क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी को विपक्षी सं0-3 द्वारा किया जाए।

7.         उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा  प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

8.         विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि उनकी कंपनी में किसी बाह्य पदार्थ के मिलने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। एक बोतल में मकड़ी का होना कहा गया है, परन्‍तु इस बोतल को F.S.L. को प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, इसलिए यह तथ्‍य स्‍थापित नहीं है कि उनके द्वारा उत्‍पादित पेय पदार्थ में मकड़ी मौजूद थी। यह सही है कि F.S.L. की रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद नहीं है, परन्‍तु प्रश्‍नगत बोतल को विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था और उनके द्वारा स्‍वंय इस बोतल को देखा गया है और इसमें मकड़ी का उपस्थित होना पाया गया है। प्रश्‍नगत बोतल में मकड़ी का उपस्थित होना स्‍वंय में परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना कारित होने का प्रमाण है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार विपक्षी सं0-3 द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

9.         परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया है, परन्‍तु चूंकि विपक्षी सं0-3 द्वारा निर्मि‍त पेय पदार्थ के उपभोग करने से ही परिवादी बीमार हुआ है, परन्‍तु चूंकि परिवादी द्वारा मकड़ी  वाली पेय बोतल का प्रयोग नहीं किया गया है और दूसरी बोतल के

-4-

प्रयोग से पेट की बीमारी उत्‍पन्‍न हुई है, इसका कोई सबूत नहीं है, जैसा कि डा0 की रिपोर्ट दिनांक 5.6.2009 के अवलोकन से साबित होता है, इसलिए क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाए जाने का कोई उचित आधार नहीं है। इस पीठ द्वारा इस आधार पर क्षतिपूर्ति की राशि की पुष्टि की जा रही है कि दूसरी पेय बोतल में मकड़ी मौजूद पायी गयी और इस संबंध में विद्वान जिला आयोग द्वारा बोतल के अवलोकन के पश्‍चात अपना निर्णय/आदेश दिया गया है। अत: क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाने के लिए प्रस्‍तुत की गई अपील भी निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

10.        उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्‍या-60/2013 एवं अपील संख्‍या-138/2013 निरस्‍त की जाती हैं।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

दि. 25.8.2023

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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