Uttar Pradesh

StateCommission

A/47/2022

Tata AIG General Isurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Brijesh Kumar Singh And Others - Opp.Party(s)

T.J.S.Makkar

28 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/561/2021
( Date of Filing : 02 Nov 2021 )
(Arisen out of Order Dated 29/09/2021 in Case No. C/2014/154 of District Shahjahanpur)
 
1. Brijesh Kumar Singh
Shahjahanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. H.D.F.C Bank And Others
Shahjahanpur
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/47/2022
( Date of Filing : 25 Jan 2022 )
(Arisen out of Order Dated 29/09/2021 in Case No. C/2014/154 of District Shahjahanpur)
 
1. Tata AIG General Isurance Co. Ltd
New Delhi
...........Appellant(s)
Versus
1. Brijesh Kumar Singh And Others
Shahjahanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(सुरक्षित)

अपील संख्‍या-561/2021

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 154/2014 में पारित आदेश दिनांक 29.09.2021 के विरूद्ध)

1. बृजेश कुमार सिंह आयु 57 वर्ष पुत्र लोकपाल सिंह (ऋणी)

2. श्रीमती कमलेश सिंह आयु 55 वर्ष पत्‍नी बृजेश कुमार सिंह (गारन्‍टर)

   सर्वनिवासीगण मोहल्‍ला बाडूजई दोयम, तहसील सदर, जिला शाहजहॉंपुर पिन-242001

                    ........................अपीलार्थीगण/परिवादीगण

बनाम

1. एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0 द्वारा मैनेजर पता स्‍थानीय आफिस टाउनहाल तहसील सदर, जिला शाहजहॉंपुर पिन-242001

2. मैनेजर एरिया आफिस एच0डी0एफ0सी0 बैंक पता- 154, डी0एम0 बंगले के पीछे जिला बरेली-243001

3. मैनेजर हेड आफिस एच0डी0एफ0सी0 बैंक पता सेना‍पति बापत मार्ग लोअर परेल, मुम्‍बई महाराष्‍ट्र पिन नं0 400013

4. टाटा ए0आई0जी0 इन्‍श्‍योरेन्‍स कं0लि0 द्वारा मैनेजर 301/308 तृतीय फ्लोर अग्रवाल प्रैसटीज प्‍लाट नं0 2 रोड नं0 44 नियर एम0जेड0के0 सिनेमा रानीबाग, प्रीतमपुर नई दिल्‍ली-110034

5. द्वारा मैनेजर हेड आफिस मैनेजर टाटा ए0आई0जी0 इन्‍श्‍योरेन्‍स कं0लि0 ए-501/5 फ्लोर बिल्डिंग नं0 इनाफिनीटी पार्क, दिनदोसी, याल्‍दाइस्‍ट, मुम्‍बई महाराष्‍ट्र पिन नं0 400097 एवं स्‍थानीय शाखा आर0टी0ओ0 आफिस शाहजहॉंपुर

                          ...................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

एवं

अपील संख्‍या-47/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 154/2014 में पारित आदेश दिनांक 29.09.2021 के विरूद्ध)

1. टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 301-308, तृतीय तल, अग्रवाल प्रेसटीज माल, प्‍लाट नं0 2, रोड नं0 44 निकट एम0जेड0के0 सिनेमा, रानीबाग, पीतमपुरा, नई दिल्‍ली-110034

 

 

-2-

2. टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0, हेड आफिस- ए-501 पंचम तल, बिल्डिंग नं0 4, इनफिनीटी पार्क, दिनदोसी, माल्‍दा इस्‍ट, मुम्‍बई-400097 लोकल ब्रांच-आर0टी0ओ0 आफिस, शाहजहॉंपुर

               ........................अपीलार्थीगण/विपक्षी सं04 व 5

बनाम

1. श्री बृजेश कुमार सिंह उम्र लगभग 55 वर्ष पुत्र श्री लोकपाल सिंह

2. श्रीमती कमलेश सिंह पत्‍नी श्री बृजेश कुमार सिंह

दोनों निवासीगण-बाडूजई दोयम, तहसील सदर, जिला शाहजहॉंपुर

                         ...................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

3. मै0 एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0

   (ए) लोकल आफिस- टाउन हाल, तहसील सदर, जिला शाहजहॉंपुर-242001

   (बी) एरिया आफिस- 154, डी0एम0 आवास के पीछे, बरेली-243001

   (सी) हेड आफिस-सेनापति बापत मार्ग, लोअर परेल, मुम्‍बई-400013

                   ...................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षी सं01, 2, 3

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य। 

परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री बृजेश कुमार सिंह,  

                              स्‍वयं।

विपक्षी सं0 1, 2 व 3 की ओर से उपस्थित : श्री मनु दीक्षित,  

                                      विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी सं0 4 व 5 की ओर से उपस्थित : श्री टी0जे0एस0 मक्‍कड़,  

                                    विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 12.10.2022

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या-154/2014 बृजेश कुमार सिंह तथा एक अन्‍य बनाम मैनेजर एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0 तथा चार अन्‍य में पारित

 

 

-3-

निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2021 के विरूद्ध उपरोक्‍त अपील संख्‍या-47/2022 टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है, जबकि उपरोक्‍त अपील संख्‍या-561/2021 स्‍वयं परिवादीगण द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है। चूँकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय से प्रभावित हैं, अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय से किया जा रहा है।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने टाटा मोटर्स कम्‍पनी से एक लोडर पंजीकरण संख्‍या–यू0पी0 27 टी 5934 क्रय किया। 1,25,000/-रू0 नगद जमा किया तथा 3,15,000/-रू0 ऋण विपक्षी संख्‍या-1 से प्राप्‍त किया। यह लोडर दिनांक 22.02.2014 को               07 बजे इटावा से अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लिया गया, जिसकी सूचना दिनांक 23.02.2014 को नजदीकी थाने पर दी गयी। विवेचना के पश्‍चात् अन्तिम रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गयी, जो कोर्ट द्वारा स्‍वीकार कर ली गयी। चोरी होने की तिथि तक परिवादी द्वारा किश्‍तों का नियमित भुगतान किया जाता रहा। चोरी के पश्‍चात् किश्‍तें जमा नहीं हुई। बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, सर्वेयर नियुक्‍त किया गया, परन्‍तु बीमा क्‍लेम नहीं दिया गया।

3.   विपक्षी संख्‍या-1 का कथन है कि परिवादी को परिवाद पत्र में वर्णित ऋण दिया गया। परिवादी द्वारा ऋण की अदायगी नहीं की गयी, इसलिए ऋण खाता एन0पी0ए0 हो गया तथा ऋण की वसूली की कार्यवाही प्रारम्‍भ कर दी गयी। वाहन चोरी की सूचना देने पर मध्‍यस्‍थ की नियुक्ति की गयी, परन्‍तु परिवादी मध्‍यस्‍थ के सामने उपस्थित नहीं हुए तथा सन्धि करने के लिए बैंक के सामने भी उपस्थित नहीं हुए। मध्‍यस्‍थ नियुक्‍त किये जाने की कार्यवाही से नाराज होकर यह परिवाद प्रस्‍तुत किया है। ऋणदाता के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा किसी भी प्रकार का उपभोक्‍ता विवाद नहीं माना गया और विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध परिवाद खारिज कर दिया गया।

4.   विपक्षी संख्‍या-2 का कथन है कि  चालक  स्‍वयं  गाड़ी  को

 

 

-4-

असुरक्षित हालत में छोड़कर चाय पीने गया। चाभी भी गाड़ी में छोड़ दी गयी, इसलिए चालक द्वारा लापरवाही बरती गयी, इसलिए बीमा कम्‍पनी बीमा क्‍लेम अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं है।

5.   पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरन्‍त जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि चालक की असावधानी मात्र से बीमा क्‍लेम निरस्‍त करना उचित नहीं है। तद्नुसार बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश पारित किया गया।

6.   इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध बीमा कम्‍पनी द्वारा अपील इस आधार पर प्रस्‍तुत की गयी कि‍ जिला उपभोक्‍ता आयोग ने तथ्‍य एवं विधिक स्थिति के विपरीत निर्णय पारित किया है। वाहन के चालक की लापरवाही स्‍थापित है इसके बावजूद बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश दिया गया है। अत: यह आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

7.   परिवादीगण बृजेश कुमार सिंह व एक अन्‍य द्वारा अपील में इस अनुतोष की मांग की गयी है कि बीमा क्‍लेम की जो राशि स्‍वीकार की गयी है उसे मय खर्च परिवादीगण को दिलाया जाये तथा एच0डी0एफ0सी0 बैंक को यह निर्देश दिया जाये कि ऋण की अवशेष राशि रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार ब्‍याज छोड़कर सेटेलमेन्‍ट बनाकर ऋणी को उपलब्‍ध कराये और सेटेलमेन्‍ट पर धनराशि प्राप्‍त करने पर अदेयता प्रमाण पत्र जारी करे तथा अपील का खर्चा भी विपक्षी से दिलाया जाये।

8.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

9.   बहस के दौरान यह तथ्‍य जाहिर हुआ कि परिवादी बृजेश कुमार सिंह स्‍वयं एक अधिवक्‍ता हैं। उनके द्वारा जो ट्रक क्रय किया गया, वह ट्रक निश्‍चित रूप से उनके जीविकोपार्जन के लिए नहीं हो सकता है क्‍योंकि अधिवक्‍ता के पेशे से परिवादी बृजेश कुमार सिंह जीविकोपार्जन करते हैं, इसलिए इस ट्रक का स्‍वयं संचालन परिवादी द्वारा नहीं किया जा रहा था। परिवाद पत्र के पैरा

 

 

-5-

संख्‍या-4 में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि बीमित वाहन को लेकर ड्राइवर दयाराम पुत्र सेवकराम इटावा मण्‍डी कटहैल लेने के लिए गया था। अत: ड्राइवर द्वारा वाहन को इटावा मण्‍डी कटहैल लेने के लिए भेजना एक व्‍यापारिक उद्देश्‍य था। प्रश्‍नगत वाहन का विशुद्ध रूप से  व्‍यापारिक प्रयोग हो रहा था। परिवाद पत्र में कहीं पर भी यह उल्‍लेख नहीं था कि परिवादी ने स्‍वयं के जीविकोपार्जन के लिए इस ट्रक को क्रय किया था और स्‍वयं ट्रक का संचालन कर रहा था, बल्कि स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि ड्राइवर द्वारा ट्रक का संचालन किया जा रहा था और ट्रक घटना वाले दिन इटावा मण्‍डी में कटहैल लेने के लिए गया था। अत: इस दृष्टि से उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय  नहीं है। परिवादी संख्‍या-2 के लिए भी यह कथन नहीं है कि परिवादी संख्‍या-2 के जीविकोपार्जन के लिए यह ट्रक क्रय किया गया था। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा गैर उपभोक्‍ता परिवाद पर अपना निर्णय पारित किया गया है।

10.  परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख है कि ड्राइवर लोडर को लेकर दिनांक 22.02.2014 को 7 बजे नई मण्‍डी इटावा गया था जहॉं से अज्ञात चोरों द्वारा ट्रक चुरा लिया गया। परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख नहीं है कि ट्रक कहॉं पर खड़ा किया गया? ट्रक सुरक्षित जगह पर था या नहीं? ट्रक को पार्किंग में खड़ा किया गया था या सड़क पर छोड़ दिया गया था? यानि ट्रक कहॉं पर खड़ा किया गया और कहॉं से एवं किस तरीके चुराया गया इसका उल्‍लेख परिवाद पत्र में नहीं है।   

11.  चिक एफ0आई0आर0 में उल्‍लेख है कि ट्रक को चालक ने मण्‍डी में खड़ा किया था और मण्‍डी में खड़ा करने के बाद दुकान में चाय पीने चला गया, जब गाड़ी के पास आया तो चालक को गाड़ी नहीं मिली। कोई अज्ञात व्‍यक्ति गाड़ी चोरी करके ले गया। मण्‍डी में गाड़ी खड़ी करने के बाद चालक इतनी दूर चाय पीने नहीं जा सकता कि कोई व्‍यक्ति लोडर को चुराने की स्थिति में हो, इसलिए लोडर चोरी की जो कहानी बतायी गयी है, वह  कदापि  विश्‍वसनीय

 

 

-6-

नहीं है। मण्‍डी परिसर में ही चाय नाश्‍ते की दुकान मौजूद होती है फिर यह भी कि परिवाद पत्र में या प्रथम सूचना रिपोर्ट में यह कथन नहीं है कि चालक गाड़ी को छोड़कर कहीं दूर चाय पीने गया था। इस उल्‍लेख के अभाव में माना जायेगा कि ट्रक जिस मण्‍डी परिसर में खड़ा किया गया था उसी मण्‍डी परिसर में चालक द्वारा चाय पी जा रही थी, इसलिए इस‍ स्थिति में ट्रक चोरी होना सम्‍भव नहीं था।

12.  अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि पालिसी की शर्त संख्‍या-5 के अनुसार बीमित का यह दायित्‍व था कि वह बीमित वाहन की सुरक्षा के लिए समस्‍त सावधानियॉं बरते। क्‍लेम के साथ जो शपथ पत्र प्रस्‍तुत किये गये उन शपथ पत्रों में दयाराम ने यह उल्‍लेख किया कि ट्रक उस समय चोरी हुआ जब इटावा मण्‍डी परिसर में खड़ा किया गया था, जबकि परिवादी द्वारा दिये गये शपथ पत्र में उल्‍लेख किया कि ड्राइवर गाड़ी में ही चाभियॉं छोड़कर चाय पीने चला गया था, इसलिए ड्राइवर द्वारा लापरवाही कारित की गयी। चाभी गाड़ी में छोड़कर नहीं जा सकते। गाड़ी में चाभी छोड़ना बीमाधारक के स्‍तर से गम्‍भीर त्रुटि है और स्‍वयं शपथ पत्र में इस तथ्‍य का उल्‍लेख किया गया है।

13.  नजीर II (2016) CPJ 385 (NC) शमसुर आलम बनाम रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व अन्‍य में व्‍यवस्‍था दी गयी है कि वाहन को लापरवाही के साथ नहीं छोड़ा जा सकता। एक और नजीर II (2019) CPJ 451 (NC) रॉयल सुन्‍दरम जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 बनाम अशोक कुमार सोमानी व अन्‍य में ड्राइवर द्वारा चाभी इंजन के अन्दर छोड़ दी गयी, इसलिए ड्राइवर की लापरवाही मानी गयी। तद्नुसार केवल 50 प्रतिशत बीमा क्‍लेम देय माना गया, परन्‍तु प्रस्‍तुत केस में 50 प्रतिशत बीमा क्‍लेम भी इस आधार पर देय नहीं हो सकता कि परिवाद पत्र में यह कथन नहीं किया गया कि‍ ट्रक परिवादीगण द्वारा स्‍वयं के जीविकोपार्जन के लिए क्रय किया गया था, इसलिए परिवादीगण  को  कोई  बीमा  क्‍लेम

 

 

-7-

उपभोक्‍ता परिवाद के आधार पर देय नहीं है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने विधि विरूद्ध निर्णय पारित किया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

14.  स्‍वयं परिवादीगण द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील इस आधार पर निरस्‍त होने योग्‍य है कि‍ उन्‍हें किसी भी बीमा क्‍लेम के लिए अधिकृत नहीं माना गया, इसलिए बीमा राशि के सम्‍बन्‍ध में बैंक को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है। बैंक के स्‍तर से किसी प्रकार की सेवा में कोई कमी साबित नहीं है। अत: बैंक के विरूद्ध किसी भी प्रकार का अनुतोष अनुज्ञेय नहीं है। तद्नुसार परिवादीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

15.  (क) बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-47/2022 स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.09.2021 अपास्‍त किया जाता है। परिवाद खारिज किया जाता है।

(ख) परिवादीगण बृजेश कुमार सिंह एवं श्रीमती कमलेश सिंह द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-561/2021 निरस्‍त की जाती है।

(ग) उपरोक्‍त अपील संख्‍या-47/2022 में अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि 25,000/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थीगण को 01 माह में विधि के अनुसार वापस की जाए।

(घ) इस निर्णय की मूल प्रति अपील संख्‍या-561/2021 में एवं छायाप्रति अपील संख्‍या-47/2022 में रखी जाये।

() आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)             (सुशील कुमार)    

               अध्‍यक्ष                     सदस्‍य

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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