जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर-चाॅपा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/46/2015
प्रस्तुति दिनांक:- 19/06/2015
आषीश कुमार अग्रवाल उम्र 34 साल
वल्द विनोद कुमार अग्रवाल,
श्री ष्याम फुड प्रोडक्ट्स
मु.पो. बनारी तहसील जांजगीर
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. ..................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
प्रबंधक,
बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस रजि. आॅफिस
वन इंडिया बुल्स सेंटर, टाॅवर-1 मंजिल-16
841 ज्युपिटर मिल कंपाॅउंड सेनापति बापट मार्ग
एल्फिन स्टोन रोड मुंबई-400013 .........अनावेदक/विरोधी पक्षकार
///आदेश///
( आज दिनांक 09/11/2015 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार के विरूद्ध बीमा पाॅलिसी 5,00,000/-रू. पर दिनांक 23.09.2015 से 18 प्रतिषत ब्याज सहित, क्षतिपूर्ति 50,000/-रू., वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने हेतु दिनांक 19.06.2015 को प्रस्तुत किया है ।
2. पक्षकारों के मध्य निम्नलिखित तथ्य अविवादित है:-
1. श्री विनोद कुमार अग्रवाल द्वारा दिनांक 28.8.2008 को अनावेदक बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड से सन लाइफ इंष्योरेंस प्लेटिनम प्लस पाॅलिसी क्रमांक 001782924 लिया था, जिसकी परिपक्वता तिथि 28.08.2018 थी ।
2. श्री विनोद कुमार अग्रवाल ने श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल को नामिनी घोशित किया था।
3. श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल की मृत्यु दिनांक 17.09.2008 को हो गई थी ।
4. पालिसी धारक विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु दिनांक 23.09.2012 को हो गई है ।
5. अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी को पत्र दिनांक 11.10.2014 दस्तोवेज क्रमांक 8 दिया था ।
6. परिवादी की ओर से दिनांक 12.01.2015 को अनावेदक को नोटिस दिया था।
7. अनावेदक ने दिनांक 30.03.2015 में नोटिस का जवाब दिया था।
3. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी के पिता स्व. श्री विनोद कुमार अग्रवाल द्वारा अनावेदक बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड से पालिसी दिनांक 28.08.2008 को सन लाइफ इंष्योरेंस प्लेटिनम प्लस पाॅलिसी क्रमांक 001782924 लिया था, जिसकी परिपक्वता तिथि 28.08.2018 थी । श्री विनोद कुमार अग्रवाल ने श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल को नामिनी घोशित किया था। पालिसी धारक विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु दिनांक 23.09.2012 को हो गई है तथा श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल की मृत्यु दिनांक 17.09.2008 को हो गई थी । श्री विनोद कुमार अग्रवाल और श्रीमती गायत्री देवी अग्रवाल की तीन पुत्र हैं 1. आषीश अग्रवाल, 2. अमर अग्रवाल, 3. अभिशेक अग्रवाल हैं । परिवादी/आवेदक ने श्री विनोद कुमार अग्रवाल के मृत्यु की सूचना अनावेदक को तत्काल दे दी थी । तथा अनावेदक के मांग अनुसार आवष्यक दस्तावेज दे दिया गया था उक्त दस्तावेज प्राप्त होने का पत्र अनावेदक द्वारा दिनांक 11.10.2014 को दिया गया था। अनावेदक ने सभी दस्तावेज प्राप्त होने के बाद भी क्लेम राषि का भुगतान अब तक नहीं किया है। आवेदक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 12.01.2015 को अनावेदक को नोटिस दिया, जिसके दिनांक 30.03.2015 को जवाब में अनावेदक ने आवेदक दस्तावेजों सहित क्लेम विभाग में अपना आवेदन भेजे दिया गया, जबकि आवेदक पहले ही सभी दस्तावेज दे चुका है। इस प्रकार अनावेदक द्वारा दिनांक 11.10.2014 को सभी दस्तावेज प्राप्त करने के बाद भी दिनांक 30.03.2015 को पुनः दस्तावेज पेष करने का पत्र देकर अनावेदक ने सेवा में कमी की है, जिससे आवेदक के आवेदक को आर्थिक, षारीरिक एवं मानसिक परेषानी हुई । अतः परिवादी ने अनावेदक से बीमा पाॅलिसी 5,00,000/-रू. पर दिनांक 23.09.2015 से 18 प्रतिषत ब्याज सहित, क्षतिपूर्ति 50,000/-रू., वादव्यय एवं अन्य अनुतोश दिलाए जाने की प्रार्थना किया है।
4. अनावेदक ने स्वीकृत तथ्य को छोड़ षेश सभी तथ्यों से इंकार करते हुए कथन किया है कि बीमा धारक विनोद कुमार अग्रवाल की पाॅलिसी अनुसार नामिनी गायत्री देवी की मृत्यु बीमा धारक के पूर्व हो गई थी परिवाद पत्र में उल्लेखित अनुसार परिवादी के अलावा विनोद कुमार अग्रवाल की अन्य विधिक उत्तराधिकारी नहीं है । इंष्योरेंस एक्ट 1938 की धारा 39 की उप धारा (1) एवं (6) के उपबंध अनुसार पाॅलिसी धारक से पूर्व नाॅमिनी की मृत्यु होने पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवष्यकता होती है। अनावेदक ने परिवादी को पत्र द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा है, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं हुआ है । मृतक विनोद कुमार के विधिक उत्तराधिकारी बीमा पाॅलिसी प्राप्त करने के अधिकारी हैं तथा अनावेदक विधिक उतराधिकारियों को नियमानुसार बीमा राषि देने को अब भी तैयार है । अनावेदक को परिवादी की ओर से आवष्यक दस्तावेज प्रदान नहीं करने से बीमा पाॅलिसी की राषि का भुगतान नहीं हुआ है, से सेवा में कमी नहीं किया है, अतः अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद उपरोक्तनुसार निरस्त करने योग्य है ।
5. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
6. विचारणीय प्रष्न यह है कि:-
क्या अनावेदक/विरोधी पक्षकार ने परिवादी/आवेदक को दिनांक 30.03.2015 को दस्तावेज पेष करने का पत्र देकर सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष:-
7. षिकायत पत्र के समर्थन में परिवादी आषीश कुमार अग्रवाल ने अपना तथा अमर अग्रवाल एवं अभिशेक अग्रवाल का षपथ पत्रीय साक्ष्य कथन प्रस्तुत किया है तथा सूची अनुसार दस्तावेज बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा विनोद कुमार अग्रवाल को दिया गया पाॅलिसी क्रमांक 001782924 दिनांक 28.08.2008 (दस्तावेज क्रमांक 1), विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन क्रमांक 280 दिनांक 24.09.2011 (दस्तावेज क्रमांक 2), श्रीमती गायत्री देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन क्रमांक 174 दिनांक 07.10.2008 (दस्तावेज क्रमांक 3), अमर अग्रवाल का पेन कार्ड (दस्तावेज क्रमांक 4), आषीश अग्रवाल का पेन कार्ड (दस्तावेज क्रमांक 5) अभिशेक अग्रवाल का पेन कार्ड (दस्तावेज क्रमांक 6), पाॅलिसी क्रमांक 001782924 के संबंध में अनावेदक कंपनी से किए गए पत्राचार का मेल की प्रति (दस्तावेज क्रमांक 7), बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड का पावती पत्र दिनांक 11.10.2014 (दस्तावेज क्रमांक 8), अनावेदक बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड का पत्र दिनांक 30.03.2015 (दस्तावेज क्रमांक 9), आषीश कुमार अग्रवाल द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदक बीमा कंपनी को दिया गया पत्र दिनांक 12.01.2015, (दस्तावेज क्रमांक 10), इंडेम्निटी बाॅण्ड दिनांक 18.10.2013 (दस्तावेज क्रमांक 11), अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांक 18.10.2013 (दस्तावेज क्रमांक 12), सरपंच ग्राम पंचायत बनारी का वारिस प्रमाण पत्र (दस्तावेज क्रमांक 13) प्रस्तुत किया है ।
8. अनावेदक ने जवाब के समर्थन में क्षमा प्रियदर्षिनी चीफ मैनेजर लीगल बिरला सल लाईफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड का षपथ पत्र एवं दस्तावेज विनोद कुमार अग्रवाल का पाॅलिसी क्रमांक 001782924 का आवेदन पत्र क्रमांक 12130692 (एनेक्जर क्रमांक 1), बीमा पाॅलिसी क्रमांक 001782924 की नियम एवं षर्तें (एनेक्जर 2), बिरला सल लाईफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड का परिवादी को दिया गया पत्र दिनांक 28.11.2013 (एनेक्जर 3), बिरला सल लाईफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा विजय कुमार दुबे को दिया गया पत्र दिनांक 30.03.2015 (एनेक्जर 4) प्रस्तुत किया है।
9. परिवादी द्वारा सूची अनुसार प्रस्तुत दस्तावेज तथा षपथपत्रीय साक्ष्य कथन से स्पश्ट है कि पाॅलिसी क्रमांक 001782924 के धारक विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु पष्चात् परिवादी ने विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु दावा के संबंध में दस्तावेज अनावेदक कंपनी को भेजा था, जिसकी प्राप्ति अभिस्वीकृति अनावेदक बीमा कंपनी ने पत्र दिनांक 11.10.2014 (दस्तावेज क्रमांक 8)से प्रमाणित हुआ है ।
10. अनावेदक ने परिवादी को पत्र दिनांक 28.11.2013 (एनेक्जर 3) द्वारा सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करने हेतु लिखा था । तर्क के दौरान परिवादी की ओर से बताया गया कि मृत्यु दावा आवेदन के साथ इंडेम्निटी बाॅण्ड, अनापत्ति प्रमाण पत्र, सरपंच ग्राम पंचायत बनारी का वारिस प्रमाण पत्र भेजा गया था । तथा यह तथ्य स्वीकार किया गया है । विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु पष्चात् उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मृत्यु दावा के साथ के साथ प्रस्तुत नहीं हुआ है ।
11. परिवादी की ओर से तर्क किया गया है कि अनावेदक ने जानबूझकर विनोद कुमार अग्रवाल की मृत्यु दावा की अदायगी नहीं किया गया है । विधिक सूचना दिनांक 12.01.2015 (दस्तावेज क्रमांक 10) दिए जाने के बाद दिनांक 30.03.2015 को (एनेक्जर 4) का जवाब दिया गया, जिसमें स्महंस भ्मपतेीपच बमतजपपिबंजमए प्दकमउदपजल थ्तवउ जीम बसंपउंदजए छव्ब् तिवउ जीम वजीमत समहंस ीमपते की मांग की गई है, जबकि इंडेम्निटी बाॅण्ड, अनापत्ति प्रमाण पत्र, सरपंच ग्राम पंचायत बनारी का वारिस प्रमाण पत्र पूर्व मे ही अनावेदक को भेजे गये है जिस पर अनावेदक ने अनापत्ति पत्र एवं वारित प्रमाण पत्र की प्रति बीमा कंपनी को प्राप्त नहीं हुई है तथा उक्त दोनो पत्र उत्तराधिकार प्रमाण पत्र में नहीं है का तर्क किया है ।
12. अनावेदक की ओर से नामिनी की मृत्यु बीमा धारक के मृत्यु के पूर्व हो गई है अतः बीमा अधिनियम इंष्योरेंस एक्ट 1938 की धारा 39 की उप धारा (1) एवं (6) के उपबंध अनुसार सक्षम न्यायालय से प्राप्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवष्यकता है। इंष्योरेंस एक्ट 1938 की धारा 39 की उप धारा (1) एवं (6) के उपबंध की ओर ध्यान आकर्शित करते हुये निवेदन किया गया है।
13. यह अविवादित है कि विनोद कुमार अग्रवाल तथा अनावेदक बिरला सन लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मध्य दस्तावेज क्रं.1 अनुसार बीमा संविदा हुआ था। इंष्योरेंस एक्ट 1938 की धारा 39 की उप धारा (1) एवं (6) का उललेख करना उचित होगा, जो निम्न अनुसार है:-
39. Nomination by policy-holder
sub section (1)- That holder of a policy of life insurance on his own life, may, when affecting the policy or at any time before the policy matures for payment, nominate the person or person to whom the money secured by policy shall be paid in the event of his death; provided that, where any nominee is a minor, it shall be lawful for the policy-holder to appoint in the prescribed manner any person to receive the money secured by the police in the event of his death during the minority of the nominee.
sub section (6) – where the nominee or, if there are more nominees than one, a nominee or nominee survive the person whose life is insured, the amount secured by the policy shall be payable to such survivors or survivors
उपरोक्त अनुसार अनावेदक ने परिवादी को सक्षम न्यायालय से प्राप्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर नियमानुसार विनोद कुमार अग्रवाल की बीमा पालिसी की राषि दिये जाने योग्य होना बताया है।
14. अनावेदक द्वारा परिवादी के अधिवक्ता द्वारा दिया गया पत्र दिनांक 30.03.2015 (एनेक्जर 4) से Legal Heirship certificate, Indemnity From the claimant, NOC from the other legal heirs की मांग किया था, जो अनावेदक कंपनी को प्राप्त नहीं हुआ है। परिवादी द्वारा दिनांक 19.06.2015 को परिवाद प्रस्तुत किया है जिसमें उसने अनावेदक कंपनी को कौन कौन से दस्तावेज दिये थे, उसका कोई सूची प्रस्तुत नहीं किया है जिससे परिवादी की ओर से दिनांक 10.11.2014 को दस्तावेज क्रं. 11 प्रस्तुत किया था का समर्थन नहीं होता है। अनावेदक का पत्र दिनांक 11.10.2014 दस्तावेज क्रं. 8 से ओरिजनल पालिसी बाॅण्ड/लिगल बाॅण्ड प्राप्त हुआ उल्लेखित है।
15. उपरोक्तानुसार बीमा धारक विनोद कुमार अग्रवाल की बीमा अवधि में मृत्यु पर मृत्यु दावा की राषि प्राप्त करने के लिये उत्तराधिकार प्रमाण पत्र आवेदक किसी सक्षम न्यायालय से प्राप्त कर प्रस्तुत करने की आवष्यकता है, प्रस्तुत करने पर बीमा कंपनी द्वारा बीमा राषि देने तत्पर होना प्रगट किया गया है, जिसका उल्लेख अनावेदक के पत्र दिनांक 30.03.2015 को दस्तावेज प्रस्तुत करने का पत्र देकर अनावेदक कंपनी द्वारा सेवा मंे कमी किया गया होना हम नहीं पाते हैं ।
16. परिवादी ने बीमा राषि फोरम में जमा करने तथा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर जमा राषि प्राप्त करने का निर्देष दिये जाने का तर्क किया है ।
17. अनावेदक द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर बीमा राषि देने तत्तपर होना बताया है । अनावेदक के समक्ष परिवादी की ओर से सक्षम न्यायालय से प्राप्त उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, से अनावेदक ने सेवो में कमी की है का तथ्य स्थापित, प्रमाणित नहीं हुआ है, फलस्वरूप विचारणीय प्रष्न का निश्कर्श हम नहीं में देते हैं।
18. उपरोक्तनुसार अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध प्रस्तुत यह परिवाद स्वीकार करने योग्य होना हम नहीं पाते, परिणामतः निरस्त किए जाने योग्य है, अतः अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद दिनांक 19.06.2015 निरस्त करते हैं ।
19. प्रकरण की परिस्थिति में पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे ।
( श्रीमती शशि राठौर) (मणिशंकर गौरहा) (बी.पी. पाण्डेय)
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