जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम कोरबा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांकः- CC/14/51
प्रस्तुति दिनांकः-14/07/2014
समक्षः- छबिलाल पटेल, अध्यक्ष
श्रीमती अंजू गबेल, सदस्य
श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, सदस्य
खम्हन सिंह कंवर, उम्र-48 वर्ष,
पिता श्री कार्तिक राम, जाति-कंवर,
निवासी-बुढि़यापाली,
तहसील-करतला व जिला-कोरबा (छ0ग0)...................................................आवेदक/परिवादी
विरूद्ध
भारतीय स्टेट बैंक,
द्वारा-शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक,
षाखा सोहागपुर,
तहसील-करतला व जिला-कोरबा (छ0ग0)....................................अनावेदक/विरोधीपक्षकार
आवेदक द्वारा मो0 सज्जाद अधिवक्ता।
अनावेदक द्वारा श्री पी0 के0 अग्रवाल अधिवक्ता।
आदेश
(आज दिनांक 11/03/2015 को पारित)
01. परिवादी/आवेदक खम्हन सिंह कंवर ने उसके स्वामित्व की वाहन ट्रेक्टर क्रमांक सीजी-12एफ-1201 की जप्ती हो जाने के बाद उसका कब्जा अनावेदक के द्वारा वापस न कर सेवा में कमी किये जाने के आधार पर उक्त वाहन की कीमत के रूप में 3,00,000/-रू0 तथा मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि 2,00,000/-रू0 इस प्रकार कुल 5,00,000/-रू0 को वाद व्यय एवं ब्याज की राशि सहित दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्तुत किया है।
02. यह स्वीकृत तथ्य है कि आवेदक ने उपरोक्त विवादित वाहन ट्रेक्टर क्रमांक सीजी-12एफ-1201 को अनावेदक से ऋण राशि 4,99,498/-रू0 प्राप्त कर क्रय किया था, उसके संबंध में किस्त की अदायगी में चूक होने पर दिनांक 11/10/2010 को अनावेदक की एजेंट जय अम्बें एसोसिऐट्स के द्वारा जप्त कर लिया गया था। उसके संबंध में आवेदक को ट्रेक्टर का कब्जा वापसी हेतु दिनांक 20/01/2012 को पत्र अनावेदक की ओर से मेसर्स जय अम्बे एसोसिऐट्स मोपका, बिलासपुर के नाम पर जारी किया गया था। शेष बातें विवादित है।
03. परिवादी/आवेदक का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि उसने वाहन ट्रेक्टर क्रमांक सीजी-12एफ-1201 को अनावेदक से ऋण राशि 4,99,498/-रू0 प्राप्त कर क्रय किया था, जिसे बकाया ऋण राशि के संबंध में अनावेदक के द्वारा जप्त करा लिये जाने पर उस समय तक किस्त राशि जमा करने पर दिनांक 20/01/2012 को अनावेदक बैंक के द्वारा आवेदक को जप्त सुदा ट्रेक्टर वापस करने हेतु आदेश दिया गया था। आवेदक को उपरोक्त आदेश के बाद भी अनावेदक की ओर से विवादित ट्रेक्टर का कब्जा प्रदान नहीं किया गया। आवेदक ने अनावेदक के पास जाकर ट्रेक्टर का कब्जा प्राप्त करने के लिए कई बार मिला किंतु उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अनावेदक बैंक के द्वारा आवेदक को उक्त ट्रेक्टर के संबंध में आने पर रिपोर्ट करने की धमकी देकर भगा दिया गया और जेल भेजने की धमकी दी गयी। अनावेदक के द्वारा ट्रेक्टर का कब्जा आवेदक को नहीं दिये जाने पर वह कृषि एवं सब्जी वगैरह की खेती नहीं कर पाया। आवेदक के पास लगभग 6 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें ट्रेक्टर के अभाव में खेती नहीं कर पाने से उसे काफी आर्थिक एवं मानसिक क्षति हुई है। इसलिए अनावेदक से 3,00,000/-रू0 आर्थिक क्षति तथा 2,00,000/-रू0 मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि आवेदक को दिलायी जाये।
04. अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा स्वीकृत तथ्य के अलावा संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक खम्हन सिंह कंवर के सह खातेदार भ्रातागण एवं माता के द्वारा अनावेदक स्टेट बैंक इंडिया की पूर्व शाखा सोहागपुर से ट्रेक्टर, ट्राली एवं कल्टीवेटर एवं अन्य एसेसरीज क्रय किये जाने लिए ग्राम बुढि़यापाली, तहसील करतला जिला कोरबा की 3.721 हेक्टर भूमि को बंधकर रखकर 4,99,498/-रू0 का ऋण स्वीकृत किये जाने हेतु आवेदन-पत्र दिनांक 09/05/2006 को दिया गया था। जिस पर आवेदक को 4,99,000/-रू0 का ऋण हेतु अनुशंसा की गयी थी। आवेदक के द्वारा दस्तावेजों के निष्पादन हो जाने पर ऋण की राशि प्रदान की गयी थी। जिसे जनवरी 2008 से प्रतिवर्ष 33299/-रू0 की किस्त जमा करते हुए सन् 2015 के माह जनवरी तक भुगतान किया जाना था। आवेदक के द्वारा उपरोक्त ऋण से प्राप्त ट्रेक्टर ट्राली को दृष्टिबंधक रखकर दस्तावेज का निष्पादन किया गया था। अनावेदक के द्वारा ऋण खाते की रकम की ब्याज सहित किस्त अदायगी नियमित रूप से अदा नहीं किये जाने पर ऋण वसूली अधिकृत एजेंट जय अम्बे एसोसिऐट्स बिलासपुर को दिनांक 26/02/2009 को पत्र लिखकर विवादित ट्रेक्टर ट्राली की जप्ती हेतु सूचित किया गया था। उसी दिन उक्त ट्रेक्टर ट्राली की जप्ती कर जांजगीर स्थित यार्ड में रखा गया । दिनांक 26/02/2009 को अनावेदक के ऋण खाते में 2,73,268/-रू0 की रकम बकाया निकलता था। अनावेदक बैंक के द्वारा आवेदक तथा सह खातेदारों को दिनांक 28/02/2009 को बकाया रकम 6,72,969/-रू0 ब्याज सहित रकम की अदायगी के संबंध में सूचना भेजी गयी। आवेदक ने आंशिक राशि जमा कर उक्त जप्त ट्रेक्टर ट्राली को वापस प्राप्त कर पावती निष्पादित किया। आवेदक के द्वारा बाद में ऋण खाते की अतिदेय रकम न करने पर आवेदक के पास उसके ट्रेक्टर जप्ती एवं उसके नीलामी बाबत् नोटिस दिनांक 16/07/2010 को भेजी गयी तब आवेदक ने दिनांक 11/10/ 2010 को पत्र लिखकर ट्रेक्टर ट्राली जो मिसाई के समय जल गई थी, उसके कारण किस्त की राशि जमा नहीं कर पाना बताते हुए उक्त विवादित ट्रेक्टर को अनावेदक के पास जमा कर दिया गया। आवेदक के द्वारा 40,000/-रू0 की राशि जमा करने का निवेदन किया गया था। लेकिन उक्त राशि जमा न करने पर दिनांक 27/12/2010 को पत्र लिखकर आवेदक को सूचित किया गया कि दिनांक 10/11/2010 को उसके विवादित ट्रेक्टर को जप्त कर लिया गया है जिसे वह राशि जमा कर छूड़ा ले उसके बाद दिनांक 20/01/2012 को 73,000/-रू0 की राशि आवेदक के द्वारा जमा किये जाने पर अनावेदक बैंक के शाखा प्रबंधक के द्वारा जय अम्बे एसोसिऐट्स मोपका, बिलासपुर को पत्र लिखकर विवादित ट्रेक्टर को आवेदक को सुपुर्द करने के लिए लिखा गया था। आवेदक के द्वारा उपरोक्त ट्रेक्टर हो सुपुर्द में नहीं लिया गया और असत्य एवं मनगढंत एवं बनावटी आधार पर यह परिवाद-पत्र पेश कर दिया गया है। अनावेदक के द्वारा आवेदक को किसी भी प्रकार की कोई धमकी नहीं दिया गया है। आवेदक ने बकाया ऋण राशि की भुगतान हेतु नोटिस प्राप्त करने पर उससे बचने के लिए यह परिवाद-पत्र प्रस्तुत कर दिया है जो सव्यय निरस्त किया जावे।
05. परिवादी/आवेदक की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तोवज तथा स्वयं का शपथ-पत्र दिनांक 14/07/2014 एवं दिनांक 30/12/2014 का पेष किया गया है। आवेदक की ओर से अपने पक्ष की समर्थन में दिनेश गिरी गोस्वामी, मोहर सिंह के शपथ-पत्र दिनांक 30/12/2012 का भी पेश किया गया है। अनावेदक के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेजो के साथ ऐटवा बारजो शाखा प्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सोहागपुर, जिला-कोरबा (छ0ग0) का शपथ-पत्र दिनांक 10/09/2014 एवं दिनांक 27/12/2014 का पेश किया गया है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
06. मुख्य विचारणीय प्रश्न है कि:-
क्या परिवादी/आवेदक द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद-पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है ?
07. आवेदक की ओर से अनावेदक के द्वारा जारी पत्र दिनांक 20/01/2012 की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक पी-2 का प्रस्तुत किया गया है। जिसके अनुसार उसके जप्त शुदा ट्रेक्टर क्रमांक सीजी-12एफ-1201 को आवेदक के पक्ष में रिलीज करने हेतु मेसर्स जय अम्बे एसोसिऐट्स मोपका, बिलासपुर (रिकव्हरी एजेंट) को पत्र जारी किया गया था। अनावेदक के द्वारा उक्त रिकव्हरी एजेंट को सूचित किया गया था कि खम्हन सिंह के विवादित ट्रेक्टर जो दिनांक 10/11/2010 को जप्त किया गया था। उसके संबंध में खम्हन सिंह के द्वारा 73,000/-रू0 की राशि जमा की गयी है उसे ट्रेक्टर सुपुर्द करें। आवेदक के अनुसार उक्त आदेश के बाद भी उसे विवादित ट्रेक्टर को अनावेदक बैंक के आदेशानुसार वापस नहीं किया गया जिसके लिए आवेदक कई बार अनावेदक बैंक की शाखा सोहागपुर कार्यालय के शखा प्रबंधक से संपर्क किया गया। आवेदक को उसके बाद भी अनावेदक की बैंक से उक्त ट्रेक्टर वापस नहीं किया और दुबारा बैंक आने पर जेल भेज देने की धमकी देकर भगा दिया गया।
08. आवेदक को विवादित ट्रेक्टर सुपुर्द में न दिये जाने पर उसने दस्तावेज क्रमांक पी-1 का पत्र अनावेदक बैंक के व्यवसाय कार्यालय कोरबा, नोडल आफिसर बिलासपुर, नोडल आफिसर भोपाल को प्रेषित कर शिकायत किया गया। जिसके संबंध में डाक रसीद भी उक्त पत्र की प्रति के साथ संलग्न किया गया है। यद्यपि उसकी पावती आवेदक के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा की कंडिका 6/पृष्ठ क्रमांक 8 में उपरोक्त शिकायत पत्र प्राप्त होने के संबंध में तथ्य स्वीकार किया गया और आवेदक को दिनांक 02/04/2013 को शाखा सोहागपुर से पत्र के द्वारा सूचित किया जाना दर्षाया गया है कि वह जय अम्बे एसोसिऐट्स से संपर्क कर ट्रेक्टर प्राप्त कर लें। अनावेदक की ओर से उक्त पत्र को एनेक्सर आर-36 के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि उपरोक्त पत्र रजिस्ट्री डाक से भेजा गया था तो उसकी डाक रसीद एवं पावती इस मामले में अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
09. अनावेदक की ओर से इस मामले में सूची अनुसार दस्तावेज पेश किये गये है उसमें एनेक्सर आर-1 कृषि उधार हेतु आवेदन-पत्र, आर-2 ऋण देने के पूर्व स्थल निरीक्षण आर-3 ट्रेक्टर/बिजली चलित हल की खरीदी बाबत सूचना, आर-3ए ऋण स्वीकृति के नियम एवं शर्त, एनेक्सर आर-4 ट्रेक्टर खरीदी हेतु ऋण दिये जाने के लिए प्रोफार्मा दिनांक 09/05/2006, एनेक्सर आर-5 भूमि का विवरण देते हुए ऋण बाबत् आवेदन, एनेक्सर आर-6 आवेदक के द्वारा भूमि के संबंध में गोपनीय रिपोर्ट एनेक्सर आर-7 आवेदक की घोषणा, एनेक्सर आर-8 आवेदक के द्वारा अनावेदक बैंक के पक्ष में लिखा पत्र, एनेक्सर आर-9 आवेदक एवं उसके भाईयों एवं मॉ के द्वारा दृष्टिबंधक करार दिनांक 09/05/2006, एनेक्सर आर-10 आवेदक के द्वारा तहसीलदार बरपाली को भेजी गयी सूचना, एनेक्सर आर-11 कृषि वित्त के संबंध में आवेदक के द्वारा निष्पादित दस्तावेज हैं जिसके आधार पर अनावेदक बैंक के द्वारा ऋण प्रदान किया गया था।
10. अनावेेदक ने एनेक्सर क्रमांक आर-12 एवं आर-13 क्रमषः विवादित ट्रेक्टर क्रमांक सीजी 12 एफ 1201 तथा ट्राली सीजी 12 एफ1202 के पंजीयन प्रमाण-पत्र की फोटोप्रति पेश किया है, जिसमें अनावेदक बैंक के पक्ष में उक्त वाहनों को दृष्टिबंधक होना दर्षित है। एनेक्सर आर-14 ऋणि का सहमति पत्र, आर-15 ऋण स्वीकृति पष्चात् स्थल रिपोर्ट दिनांक 23/06/2006 का फोटोप्रति पेश है। एनेक्सर आर-16 अनावेदक के रिकव्हरी एजेंट मेसर्स अम्बे एसोसिऐट्स को ट्रेक्टर जप्ती कर वसूली की कार्यवाही हेतु लिखे पत्र दिनांक 26/02/2009 का है। उस समय ट्रेक्टर की जप्ती का पंचनामा एनेक्सर आर-17 है। अनावेदक बैंक के द्वारा सहायक महा प्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर को दिनांक 27/02/2009 को ट्रेक्टर जप्ती बाबत् दी गयी सूचना एनेक्सर आर-18 है। अनावेदक ने आवेदक के पास दिनांक 28/02/2009 को पत्र लिखकर उसके द्वारा बकाया ऋण राशि 6,72,969/-रू0 तथा ब्याज को अदा करने में चूक करने पर वसूली की कार्यवाही किये जाने के लिए सूचित किया था उसकी प्रति एनेक्सर आर-19 है। उसी दिन आवेदक के भाई माखन सिंह को दी गयी सूचना एनेक्सर आर-20 तथा रामायण सिंह को दी गयी सूचना एनेक्सर आर-21 है। आवेदक की मां को दी गयी सूचना एनेक्सर आर-22 भी प्रस्तुत किये है। अनावेदक की ओर से आवेदक के पास मांग पत्र-02, दिनांक 23/03/2009 को प्रेषित किया जाना बताया गया जो एनेक्सर आर-23 है। जिसमें ऋण अदायगी न करने पर बंधक माल को विक्रय की कार्यवाही किया जाना सूचित किया गया है। ऐसा ही मांग पत्र बिरीज बाई के नाम पर एनेक्सर आर-24, माखन सिंह के नाम पर एनेक्सर आर-25, रामायण सिंह के नाम पर एनेक्सर आर-26 दिया जाना भी बताया गया है।
11. अनावेदक के द्वारा दस्तावेज एनेक्सर आर-27 पेश किया गया है जो आवेदक के द्वारा दिनांक 02/04/2009 को संतुष्टि पत्र के रूप में अपनी विवादित वाहन ट्रेक्टर ट्राली को उसी हालात में सही सलामत प्राप्त किया जाना दर्षाया है। वर्तमान प्रकरण आवेदक के द्वारा उसके बाद ऋण की राशि जमा न कर पाने पर दिनांक 10/11/2010 को अनावेदक के प्रबंधक शाखा सोहागपुर के पास अपनी विवादित ट्रेक्टर ट्राली को जमा किये जाने के बाद वापस न किये जाने के संबंध में है। अनावेदक ने दिनांक 10/02/2010 को आवेदक के पास एनेक्सर आर-28 तथा दिनांक 16/10/2010 को एनेक्सर आर-29 के पत्र लिखकर बकाया राशि को जमा करने के लिए सूचित किया अन्यथा आवेदक के विवादित वाहन को जप्ती की कार्यवाही करना सूचित किया गया है। उसके बाद विवादित ट्रेक्टर ट्राली को एनेक्सर आर-30 के पत्र के साथ आवेदक ने जमा कर दिया है। अनावेदक के द्वारा उसके बाद दिनांक 27/12/2010 को आवेदक के एनेक्सर आर-31 का पत्र एवं दिनांक 29/11/2011 को एनेक्सर आर-32 का पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि वह बकाया ऋण राशि का भुगतान करें अन्यथा ट्रेक्टर ट्राली निलाम कर दिया जावेगा।
12. अनावेदक के द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर दिनांक 20/01/2012 को आवेदक के द्वारा 73,000/-रू0 की राशि ऋण की आंशिक भुगतान के संबंध में जमा कर दी गयी तब अनावेदक की ओर से उस दिन एनेक्सर आर-34 का पत्र जय अम्बे एसोसिऐट्स रिकव्हरी एजेंट को पत्र लिखकर आवेदक को उक्त जप्त वाहन सुपुर्द करने हेतु निर्देशित किया गया है। अनावेदक की ओर से बताया गया है कि एनेक्सर आर-35 का पत्र आवेदक को दिनांक 02/04/2014 को लिखकर सूचित किया गया था कि एनेक्सर आर-34 के पत्र दिनांक 20/01/2012 के संदर्भ में जय अम्बे एसोसिऐट्स को पुनः सूचित किया गयाहै कि वह आवेदक को ट्रेक्टर सुपुर्द करें, और उसी पत्र में अवेदक को सूचित किया गया कि वह ट्रेक्टर प्राप्त कर उसकी पावती अनावेदक बैंक को भी देवें।
13. आवेदक की ओर से तर्क किया गया है कि उसने अपने विवादित ट्रेक्टर को प्राप्त करने के लिए अनावेदक बैंक से कई बार निवेदन किया उसके बाद भी उक्त ट्रेक्टर नहीं दिये जाने पर शिकायत पत्र दिनांक 25/03/2013 को अनावेदक तथा उचच्चअधिकारियों के पास प्रेषित किया था उसके बाद भी ट्रेक्टर को आवेदक के सुपुर्द नहीं करने पर यह परिवाद-पत्र पेश करना पड़ा है। इसलिए परिवाद-पत्र को स्वीकार किया जाये। आवेदक की ओर से यह भी तर्क किया गया कि उसके ट्रेक्टर के अभाव में कृषि कार्य न कर पाने से आर्थिक क्षति हुई वह भी दिलायी जावें।
14. अनावेदक की ओर से तर्क किया गयाहै कि आवेदक के शिकायत -पत्र दिनांक 25/03/2013 के संबंध में भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रिय प्रबंधक क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय कोरबा के पत्र क्रमांक आरबीओ/आर-प्प् कोरबा/एनपीए/3104 दिनांक 28/03/2013 के परिप्रेक्ष्य में आवेदक के शिकायत पत्र के संबंध में दिनांक 02/04/2013 को पत्र क्रमांक सोहागपुर/ ट्रेक्टर/2012-13/164 आवेदक के पास भेजा गया था और आवेदक को सूचित किया गया था कि उसके जप्त की गई ट्रेक्टर को आवेदक को दिये जाने हेतु मेसर्स जय अम्बे एसोसिऐट्स मोपका को पत्र दिया जा चुका है। उक्त जय अम्बे एसोसिऐट्स को अनावेदक के द्वारा दूरभाष से भी सूचित किया जा चुका है, इसलिए आवेदक अपने ट्रेक्टर को उससे संपर्क का प्राप्त करें और ट्रेक्टर प्राप्ति के बारे में अनावेदक बैंक को भी सूचित करें। अनावेदक की ओर से तर्क किया गया है कि आवेदक को सूचित करने के बाद भी उसके द्वारा ट्रेक्टर को लेजाने की कार्यवाही नहीं की गयी इसलिए परिवाद-पत्र को निरस्त किया जावे।
15. यह उल्लेखनीय है कि अनावेदक के द्वारा आवेदक की शिकायत -पत्र दिनांक 25/03/2013 के संबंध में दिनांक 02/04/2013 को कोई पत्र आवेदक के पास प्रेषित किया गया तो उक्त पत्र उसे प्राप्त हुआ या नहीं इसकी कोई पावती अनावेदक की ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है। जय अम्बे एसोसिऐट्स मोपका के द्वारा अनावेदक की सूचना उक्त ट्रेक्टर को आवेदक को प्रदान करने के लिए मिली तो आवेदक के उपस्थित न होने पर अनावेदक बैंक के द्वारा उक्त ट्रेक्टर के बारे में आगे क्या कार्यवाही की गयी इसकी कोई विवरणी अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में आवेदक को दस्तावेज पी-2 दिनांक 20/01/2012 के पत्र के अनुसार अनावेदक बैंक द्वारा जप्त ट्रेक्टर को प्रदान न कर निष्चित ही सेवा में कमी की गयी है। यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
16. अनावेदक के द्वारा आवेदक से बकाया ऋण की वसूली के कारण नियमानुसार किये जाने में आवेदक की ट्रेक्टर की जप्ति की कार्यवाही की जा सकती थी किंतु उक्त ट्रेक्टर को दुबारा बकाया ऋण की वसूली के संबंध में जप्त किये जाने की कोई कार्यवाही की गयी हो, ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं है। ऐसी स्थिति में आवेदक को उसका जप्त किया गया विवादित ट्रेक्टर अनावेदक के द्वारा नहीं दिये जाने पर उसे मानसिक क्षति होना स्वाभाविक है जिसके लिए क्षतिपूर्ति की राशि भी आवेदक प्राप्त करने का अधिकारी होना पाया जाता है।
17. तद्नुसार मुख्य विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ’’हॉं ’’ में दिया जाता है।
18. अतः परिवादी/ आवेदक की ओर से प्रस्तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत अंशतः स्वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदक के विरूद्ध निम्नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है किः-
अ. आवेदक खम्हन सिंह के द्वारा दिनांक 10/11/2010 को जमा किये जाने पर अनावेदक के द्वारा दिनांक 10/11/2010 को जप्त किया जाना बताया गया है उस विवादित ट्रेक्टर क्रमांक सीजी12-एफ-1201 को आवेदक के दस्तावेज क्रमांक पी-2 के अनुसार आज से 02 माह के अंदर अनावेदक प्रदान करें।
ब. आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 15,000/-रू0 (पंद्रह हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।
स. आवेदक को वाद व्यय के रूप में 2000/-रू0(दो हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।
(छबिलाल पटेल) (श्रीमती अंजू गबेल) (राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय)
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