राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-842/2014
(जिला उपभोक्ता फोरम, द्वितीय बरेली द्वारा परिवाद संख्या-95/2012 में पारित निर्णय दिनांक 24.03.2014 के विरूद्ध)
राजीव कुमार गुप्ता पुत्र श्री कृपाशंकर गुप्ता निवासी दुनका डाक/
पोस्ट दुनका, थाना-शाही, जिला बरेली, तहसील मीरगंज, बरेली।
........अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
बैंक आफ बड़ौदा, शाखा सहोड़ा द्वारा प्रबंधक थाना शीशगढ़,
तहसील मीरगंज, जिला बरेली व एक अन्य। .....प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0डी0 क्रान्ति, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 21.06.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 95/2012 राजीव कुमार गुप्ता बनाम बैक आफ बड़ौदा तथा एक अन्य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 24.03.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। परिवाद कालबाधित मानते हुए निरस्त कर दिया।
2. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्ता मंच द्वारा अवैध निर्णय पारित किया गया है, जो अपास्त होने योग्य है।
3. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
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4. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने बैंक आफ बड़ौदा से ऋण प्राप्त कर एक ट्रक टाटा 407 क्रय किया था। आर्थिक तंगी के कारण समय पर किश्तों का भुगतान नहीं कर सका। बैंक द्वारा आर.सी. जारी कर दी गई। दिनांक 03.04.2007 को परिवादी से रू. 7027/- वसूल कर लिए गए और 21.08.07 को खाता बंद कर दिया गया। यह खाता बंद होने के बावजूद दि. 22.11.2009 को पुन: मौके पर आए और परिवादी को उसकी दुकान से उठाकर बैंक तक ले गए और अवैध तरीके से रू. 7030/- जमा कराए। इस प्रकार स्वयं परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों के अनुसार दिनांक 22.11.09 को रू. 7030/- जमा कराए गए, अत: वाद कारण इसी दिन को उत्पन्न हुआ जबकि परिवाद दिनांक 29.08.2012 को प्रस्तुत किया गया, जो निश्चित रूप से समयावधि से बाधित है। परिवाद प्रस्तुत करते समय देरी को माफ कराने का प्रयास नहीं किया गया, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय विधिसम्मत है, कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
5. अपील खारिज की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह) सदस्य सदस्य
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निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2