(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
परिवाद संख्या-57/2010
M/S Jyoti Poultry Form
Versus
The Branch Manager Bank of Baroda
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
परिवादी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
विपक्षी की ओर से उपस्थित: श्री राजीव जायसवाल, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :21.11.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवादी द्वारा यह परिवाद पोल्ट्री फार्म को बलपूर्वक एवं अवैध तरीके से दिनांक 24.09.2003 को बंद कर दिया गया था एवं गलत आर0सी0 ब्रांच मैनेजर की ओर से फाइल की गयी एवं अन्य कारणों से यह परिवाद योजित किया गया।
- परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा जो ऋण स्वीकृत कराया गया था, उसका आंशिक भुगतान किया गया था। बैंक द्वारा अवशेष राशि का भुगतान नहीं किया गया और परिवादी द्वारा शर्तों के उल्लंघन के आधार पर इस भुगतान को रोका गया, जो ऋण स्वीकार किया गया था। उस ऋण की अदायगी भी परिवादी द्वारा नहीं की गयी, इसलिए परिवादी के विरूद्ध वसूली प्रमाण पत्र जारी किया गया। वसूली प्रमाण पत्र दिनांक 09.08.2003 को जारी किया गया। इसके पश्चात परिवाद दिनांके 01 जुलाई 2010 को प्रस्तुत किया गया। अत: दो परिस्थितियां उत्पन्न होती है:-
- वसूली प्रमाण पत्र के विरूद्ध जिला उपभोक्ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।
- परिवादी को ऋण वर्ष 2002 में स्वीकृत हुआ है तथा वसूली प्रमाण पत्र दिनांक 09.08.2003 को जारी हुआ है, जबकि परिवाद 1 जुलाई 2010 को प्रस्तुत किया गया, जो वाद कारण उत्पन्न होने के 02 वर्ष के पश्चात दाखिल किया गया है। अत: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 24 (ए) से वर्जित है। उपरोक्त आधारों पर परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद खारिज किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-3